Cyber Fraud: साढ़े चार साल में ठगों ने 46 बार में ट्रांसफर कराई रकम, शख्स ने गंवाए करीब 10 लाख रुपये
गाजियाबाद के खोड़ा में एक व्यक्ति को साइबर अपराधियों ने लोन के नाम पर 9.58 लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाया। पीड़ित को पहले लोन प्रोसेस कराने के नाम पर फंसाया गया फिर अलग-अलग बहाने बनाकर उनसे कई बार में पैसे ट्रांसफर करवाए गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। साइबर अपराधियों ने खोड़ा के रहने वाले एक व्यक्ति से चार बार में 9.58 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित से यह ठगी साढ़े चार साल में हुई है। इसकी शुरूआत 10 लाख रुपये का लोन प्रोसेस कराने के नाम हुई। उनसे लोन प्रोसेस कराने के नाम पर 70 हजार रुपये लिए गए इसके बाद हर बार किसी न किसी बहाने से ठग उनसे धनराशि ट्रांसफर कराते रहे।
सबसे आखिर में पीड़ित से इसी वर्ष फरवरी में ठगी हुई है। परेशान होकर पीड़ित ने पुलिस से मामले की शिकायत की। पीड़ित की शिकायत पर साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
रुपये ट्रांसफर हाेने के बाद फोन उठाना किया बंद
खोड़ा के प्रशांत विहार निवासी शकील अहमद निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। नवंबर 2020 में शकील को बजाज फाइनेंस का कर्मचारी बताकर दीपक बंसल और अनिकेत नामक व्यक्ति ने फोन किया और को 10 लाख रुपये के लोन का प्रस्ताव दिया।
उनके कागज लेकर उन्हें फोन कर बताया गया कि उनका लोन स्वीकृत हो गया है। लोन की फाइल प्रोसेस करने के नाम पर उनसे 70 हजार रुपये मांगे गए। इसके बाद उनसे पांच बार में बहाना बनाकर 27 जनवरी 2021 तक एक लाख 95 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए। रुपये ट्रांसफर हाेने के बाद उनका फोन उठाना बंद कर दिया।
दूसरी बार में शकील के साथ साइबर अपराधियों ने उनका लोन अटका हुआ बताकर कहा कि उनके रूपये लोन प्रक्रिया में अटक गए हैं और उसे वापस दिलाने के लिए अतिरिक्त शुल्क जमा करना होगा। पीड़ित को फिर झांसे में लेकर 17 बार में एक जून 2021 से 10 सितंबर 2021 तक दो लाख 96 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए।
आरबीआई के नाम पर अंतिम बार ठगी
दो बार ठगी होने के बाद भी पीड़ित को एहसास नहीं हुआ कि वह ठगों के झांसे में फंस गए हैं। नौ फरवरी 2022 को उनके पास साइबर अपराधियों ने फोन कर कहा कि उनकी लोन पालिसी सरेंडर कर सारे रुपये वापस करने हैं। इस बार उनसे सरेंडर प्रोसेस पूरा करने के लिए नौ बार में एक लाख 66 हजार रुपये नौ फरवरी से 15 जुलाई तक विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर करा लिए। पीड़ित से अंतिम बार ठगी आरबीआई के नाम पर की गई।
उनसे कहा गया कि उनका रुपया आरबीआई में अटक गया है। उसे निकालने के लिए शुल्क जमा कराना होगा। पीड़ित से 13 नवंबर 2024 से 13 जनवरी 2025 तक पांच बार में एक लाख 42 हजार रुपये ट्रांसफर कराए गए। पीड़ित को इसके बाद एहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हुई है। परेशान होकर उन्होंने पुलिस से मामले की शिकायत की।
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