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    STF को मिली बड़ी सफलता, गिरोह के 6 सदस्य दबोचे और लाखों की नकदी समेत नोट गिनने की मशीन बरामद

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 10:31 AM (IST)

    गाजियाबाद एसटीएफ ने सिद्धार्थ विहार की गौर सिद्धार्थम सोसायटी में साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है। मौके से छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जिनके पास से 100 फर्जी आईडी पर खुले बैंक खाते और 25.60 लाख रुपये नकद बरामद हुए हैं। पुलिस दो फरार आरोपियों की तलाश कर रही है। यह कार्रवाई गाजियाबाद न्यूज़ के अंतर्गत हुई है जिससे गाजियाबाद समाचार में हलचल है।

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    एसटीएफ ने एक गिरोह के छह सदस्य गिरफ्तार किए।

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। गाजियाबाद में एसटीएफ ने सिद्धार्थ विहार स्थित गौर सिद्धार्थम सोसायटी में छापा मारकर साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है। छह आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। जिनसे 100 फर्जी आइडी पर खुले बैंक खाते की जानकारी मिली है। साथ ही 25.60 लाख रुपये की नकदी बरामद की गई।

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    एसटीएफ एसपी राजकुमार मिश्रा का कहना है कि दो फरार आरोपितों की तलाश की जा रही है। मौके से एक नोट गिनने की मशीन और एक तमंचा भी बरामद हुई है। आरोपितों को फर्जी आइडी पर खुले बैंक खाते बिहार के दानापुर स्थित तकियारपुर में बंधन बैंक शाखा का कर्मचारी तन्मय और सोनपुर के एचडीएफसी बैंक का कर्मचारी अमिताभ और आयुष मुहैया कराते थे।

    पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए आरोपित बिहार के सोनपुर निवासी गिरोह सरगना शुभम राज, पटना के खेमनी चरण कंकड़बाग स्थित गलेक्सी अपार्टमेंट निवासी प्रदीप कुमार, पटना के लेखानगर स्थित गणेश अपार्टमेंट निवासी धीरज मिश्रा, बिहार के सोनपुर के गांव चक अपसैड निवासी सोनू कुमार, सोनपुर के पहाड़ी चक निवासी अमरजीत कुमार, बुलंदहशर के शिकारपुर स्थित गांव रानोरहम अलीपुर निवासी अनुराग हैं।

    वहीं, फरार आरोपित बिहार के सारन के भैरोंपुर निवासी इंद्रमणि, बिहार के वैशाली स्थित पहेतिया धारहरा निवासी चंचल कुमार, पटना के कालीपुर निवासी मृत्युंजय कुमार, बिहार के सारन के रहीमापुर दिघवारा निवासी अंकित कुमार, पटना निवासी शान्वी हैं।

    गिरोह के सदस्य फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल करके शहर के अलग-अलग इलाकों में किराए पर फ्लैट लेते थे। इन फ्लैटों को अपने अस्थायी कार्यालयों के रूप में इस्तेमाल करते थे, जहां ठगी की योजनाएं बनाते और पीड़ितों को बुलाते थे।

    बताया गया कि सोशल मीडिया के जरिए मैसेज डालकर लोगों को करेंसी बदलने और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज करने का लालच देते थे। आरोपित पीड़ित को अपने किराए के फ्लैट में बुलाते थे और उसे नोटों की एक असली गड्डी दिखाते थे, जिससे वह उन पर भरोसा कर ले।

    इसके बाद पीड़ित को बातों में उलझाकर और नोट गिनने का नाटक करके ध्यान भटकाते थे। इसी दौरान चालाकी से असली नोटों की गड्डी को एक लकड़ी के तख्त में बने गुप्त छेद के जरिए नीचे सरका देते थे। नीचे पहले से मौजूद उनका साथी नकली नोटों की एक वैसी ही गड्डी उस छेद से ऊपर सरका देता था।

    पीड़ित को पता भी नहीं चलता था कि उसके साथ धोखा हो चुका है, और वह नकली नोटों की गड्डी लेकर चला जाता था। लोगों को 500 रुपये के नोट के बदले 100 और 200 रुपये के नोट अधिक संख्या में देने का झांसा देते थे, जिससे पीड़ित को लगता था कि उसे लाभ हो रहा है, जबकि असल में वह एक बड़े धोखे का शिकार हो रहा होता था।

    इस गिरोह ने एक व्यक्ति को इसी तरह की योजना में फंसाकर उससे गौर सिद्धार्थम स्थित फ्लैट पर आठ सितंबर को 20 लाख रुपये की ठगी की थी। इससे पूर्व इंदिरापुरम में एक किराए के फ्लैट में कुछ दिन पूर्व एक व्यक्ति से 30 लाख रुपये ठगे थे।

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    पीड़ित को भरोसा दिलाया गया कि वह कम पैसे देकर अधिक नोट प्राप्त कर सकता है। जब पीड़ित अपनी रकम लेकर उनके बताए ठिकाने पर पहुंचा, तो गिरोह के सदस्यों ने उसे अपनी जालसाजी का शिकार बनाया और पैसे लेकर फरार हो गए। इस घटना के बाद पुलिस सक्रिय हुई और एसटीएफ ने इस मामले की गहन जांच शुरू की, जिससे इस पूरे गिरोह का खुलासा हुआ।

    कई फर्जी आधार और बैंक एटीएम कार्ड बरामद

    छापामारी के दौरान एसटीएफ को आरोपितों के पास से कई महत्वपूर्ण सबूत मिले। इनमें फर्जी आधार कार्ड, अलग-अलग बैंकों के एटीएम कार्ड और चेकबुक शामिल हैं। इन दस्तावेजों की जांच से पता चला है कि ये सभी विभिन्न बैंक खातों से जुड़े थे, जिनका इस्तेमाल गिरोह अपनी आपराधिक गतिविधियों के लिए करता था।

    वहीं, शुभम राज और प्रदीप के मोबाइल फोन की जांच से भी कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। उनके फोन से आनलाइन गेमिंग और अन्य साइबर धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए कई बैंक खातों के विवरण प्राप्त हुए हैं। इन बैंक खातों के खिलाफ देशभर के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में लगभग 25 शिकायतें दर्ज पाई गई हैं।