Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मास्टरमाइंड दानिश के खतरनाक इरादे उजागर, भारत के लिए रच रहा था ये बड़ी साजिश; क्या है पाक कनेक्शन?

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 08:48 AM (IST)

    दिल्ली पुलिस ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। मास्टरमाइंड अशहर दानिश बम बनाने की तैयारी में था। उसने कट्टरपंथी विचारधारा के लोगों से संपर्क साधा। सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को गुमराह किया जा रहा था। पुलिस ने पांच आतंकियों को गिरफ्तार कर साजिश को नाकाम कर दिया। अशहर दानिश गजवा-ए-हिंद के लिए कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा दे रहा था।

    Hero Image
    माड्यूल के विस्तार के साथ बम व हथियार बनाने की योजना बना रहा था अशहर दानिश

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पाक हैंडलर समर्थित पैन इंडिया टेरर मॉड्यूल का मास्टरमाइंड अशहर दानिश, मॉड्यूल का तेजी से विस्तार करने के साथ ही बम और अवैध हथियार खुद ही बनाना चाह रहा था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके लिए उसने केमिकल व अन्य सामान जुटाना शुरू कर दिया था। पाकिस्तान व अन्य जगहों से उसने फंडिंग के लिए कट्टरपंथी विचार धारा के लोगों से संपर्क साधना भी शुरू कर दिया था।

    इसके मंसूबे बेहद खतरनाक थे, यह दिल्ली-एनसीआर समेत अन्य राज्यों को दहलाने की साजिश रच रहा था लेकिन किसी अंजाम तक पहुंचने से पहले दिल्ली पुलिस ने मॉड्यूल के सभी 5 आतंकियों को गिरफ्तार कर मंसूबे पर पानी फेर दिया।

    झारखंड के बोकारो का रहने वाला अशहर दानिश जनवरी 2024 में रांची के न्यू तबारक लाज में आ गया था। वहां उसने डा. इसरार अहमद का व्याख्यान सुनना शुरू किया और धीरे-धीरे कट्टरपंथी विचारों को अपना लिया। उसी दौरान इंस्टाग्राम पर उसकी मुलाकात आफताब कुरैशी और इजहर-उल-हक जैसे लोगों से हुई, जिनकी विचारधाराएं उससे मिलती-जुलती थीं।

    बताया गया कि इस पर उसने इंस्टाग्राम पर एक ग्रुप बना उसमें 40 लोगों को जोड़ लिया। उस ग्रुप में खिलाफत की स्थापना से संबंधित बातें होती थी।

    इसके बाद उसने खुद को कंपनी का सीईओ, प्रोफेसर व एनजीओ संचालक बताते हुए इंटरनेट मीडिया पर कई ग्रुप बनाए ताकि उसपर और उसकी गतिविधियों पर किसी को शक न हो। उसने हाल ही में बम बनाने के लिए रसायन व बारूद बनाने के लिए सल्फर खरीदा था।

    बताया कि अगस्त में उसने कारतूस बनाने के लिए तांबे की प्लेटें खरीदीं और हथियार बनाने के लिए एक प्रोटोटाइप के रूप में अध्ययन करने के लिए बोकारो से एक गोली और एक कट्टा भी खरीदा।

    आफताब नासिर कुरैशी: कल्याण, मुंबई का रहने वाला आफताब दसवीं पास है। उसके पिता की मीट की दुकान है। वह इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप, टेलीग्राम और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सक्रिय रहता था।

    उसने 2020 के आसपास कट्टरपंथी इस्लामी सामग्री का उपभोग करना शुरू किया, जिसमें तारिक मसूद, जाकिर नाइक, इसरार अहमद और तारिक जमील के भाषण शामिल थे। धीरे-धीरे वह जिहादी विचारधाराओं पर चर्चा करने वाले कट्टरपंथी समूहों के सदस्य बन गया। इसी क्रम में वह सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से अशहर दानिश से जुड़ गया था।

    मोहम्मद हुजैफ यमन: बी. फार्मेसी के तीसरे वर्ष का छात्र यमन चार साल पहले ओमेगल प्लेटफार्म के जरिये अशहर दानिश के संपर्क में आया था। दानिश ने भारत में मुसलमानों पर अत्याचार होने की बात कहकर मुस्लिम युवाओं को शस्त्र उठाकर जिहाद के जरिए जवाबी कार्रवाई के लिए "लश्कर" बनाने का प्रस्ताव रखा था। दानिश ने उसे जिहादी उद्देश्यों के लिए हथियार बनाना सीखने की जिम्मेदारी सौंपी थी।

    सूफियान अबुबकर खान: महाराष्ट्र के कल्याण का रहने वाला सूफियान वेल्डर का काम करता था। वह आफताब कुरैशी को पांच सालों से जानता है। आफताब नियमित रूप से उसके साथ कट्टरपंथी वीडियो शेयर करता था और उसे चरमपंथी इंटरनेट मीडिया ग्रुप्स में जोड़ता था। आठ सितंबर को आफताब ने उसे मेवात के जमील नाम के तस्कर से हथियार लाने के लिए दिल्ली चलने को कहा था।

    यह भी पढ़ें- आतंकी गिरोह का लीडर है दानिश, कोड नाम था 'CEO'; देशभर से पकड़े गए आतंकियों का पाकिस्तान से क्या है कनेक्शन?

    कामरान कुरैशी उर्फ समर खान: मध्य प्रदेश के राजगढ़ का रहने वाला कामरान 12वीं पास है। उसके पिता वेल्डर हैं। वह लैब असिस्टेंट के साथ ही वकीलों के लिए टाइपिस्ट का भी काम करता था।

    वह एक वॉट्सऐप ग्रुप के माध्यम से अशहर दानिश के संपर्क में आया था, जो गजवा-ए-हिंद के लिए कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देता था। उसने दानिश को धन मुहैया कराया और उसे और सदस्य बनाने का सुझाव दिया था। वह दानिश के साथ खिलाफत से संबंधित प्रशिक्षण गतिविधियों को शुरू करने के लिए जमीन खरीदने की भी योजना बना रहा था।