चौंकाने वाली रिपोर्ट: UP के इस जिले में रोजाना हो रही 22 लाख की ठगी, देखिए आंकड़े; बरतें ये सावधानियां
गाजियाबाद में साइबर अपराधी हर दिन लगभग 22 लाख रुपये की ठगी कर रहे हैं। पुलिस ने साइबर क्राइम थाना खुलने के बाद 26.48 करोड़ रुपये पीड़ितों को वापस कराए हैं। शेयर ट्रेडिंग फ्राड धोखाधड़ी का सबसे बड़ा जरिया है। पुलिस लोगों को सेबी से मान्यता प्राप्त प्लेटफार्मों पर ही निवेश करने और अनजान लिंक पर क्लिक न करने की सलाह देती है।

विनीत कुमार, गाजियाबाद। साइबर अपराधी रोजाना गाजियाबाद जिले में लोगों से करीब 22 लाख रुपये ठग रहे हैं। जिनमें से पुलिस रोजाना करीब साढ़े पांच लाख रुपये वापस करा रही है। साइबर क्राइम थाना खुलने के बाद से दर्ज हुए 448 मामलों में करीब 109 करोड़ रुपये की ठगी हुई है, जिसमें से 26.48 करोड़ रुपये पीड़ितों को वापस कराए गए हैं।
साइबर ठगी के मामलों में शेयर ट्रेडिंग फ्राड सबसे बड़ा धोखाधड़ी का जरिया बनकर उभरा है। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2022 से अप्रैल 2023 तक इस तरह के 244 मामले दर्ज हुए हैं। महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को जल्दी मुनाफे का लालच देकर फंसाया जाता है।
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साइबर ठग फर्जी मोबाइल एप, वेबसाइट या इंटरनेट मीडिया के जरिये शेयर मार्केट में निवेश कर भारी मुनाफा कमाने का लालच देते हैं। शुरुआत में कुछ लाभ दिखाकर विश्वास हासिल किया जाता है और फिर बड़ी रकम निवेश करवाकर अचानक संपर्क तोड़ दिया जाता है। जब तक पीड़ितों को आभास होता है, तब तक उनकी गाढ़ी कमाई साइबर अपराधी कई खातों में डायवर्ट कर चुके होते हैं।
विभिन्न फ्राड के आंकड़े
- फ्राड प्रकार - दर्ज केस - ठगी गई रकम
- शेयर ट्रेडिंग 244 77.36 करोड़
- टेलीग्राम टास्क फ्राड 99 15.98 करोड़
- डिजिटल अरेस्ट 30 5.34 करोड़
- डुप्लीकेट ईमेल/हैकिंग 3 82.85 लाख
- क्रिप्टो ट्रेडिंग 4 78.75 लाख
- फोन हैक, कस्टमर केयर 5 67.53 लाख
- लोन फ्राड 3 25.27 लाख
- सेक्सटार्शन 1 40.86 लाख
- इंश्योरेंस पालिसी 1 6.73 लाख
- अन्य 58 7.79 करोड़
नोट - सभी आंकड़े एक जनवरी 2024 से 30 अप्रैल 2025 तक के हैं।
यह बरतें सावधानियां
- केवल सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) से मान्यता प्राप्त ब्रोकर या प्लेटफार्म के माध्यम से ही निवेश करें।
- फर्जी एप, वेबसाइट या इंटरनेट मीडिया अकाउंट पर कभी भी पैसा न लगाएं।
- अनजान नंबरों से आए लिंक पर क्लिक न करें।
- दोगुने रिटर्न के झांसे में न आएं, इससे आर्थिक नुकसान हो सकता है।
- ओटीपी, पासवर्ड, बैंक डिटेल या आधार नंबर किसी को न बताएं।
- अपने इंटरनेट मीडिया, ईमेल और बैंक खातों पर दो-स्तरीय सुरक्षा सुविधा सक्रिय करें।
साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर काल करें या www.cybercrime.gov.in पर आनलाइन शिकायत दर्ज करें। साइबर क्राइम थाना पुलिस टीम 26 करोड़ रुपये से ज्यादा की रिकवरी करा चुकी है और कई आरोपित गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं। आमजन किसी अनधिकृत प्लेटफार्म पर निवेश करने से पहले उसकी वैधता जरूर जांचें। - पीयूष कुमार सिंह, एडीसीपी क्राइम
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