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    Ghaziabad: डासना-मसूरी में कई सालों से चल रहा है गोमांस का काला कारोबार, पुलिस की चेकिंग के दावे फेल

    By Jagran NewsEdited By: Nitin Yadav
    Updated: Tue, 14 Nov 2023 09:05 AM (IST)

    डासना-मसूरी में गोमांस का काला कारोबार कई वर्षों से चल रहा है। पुलिस की नाक के नीचे लगातार क्षेत्र में गो-हत्या होती है। गोमांस देश के कई हिस्सों में भेजा जाता है। जांच में सामने आया है कि लुधियाना में पकड़ा गया 10 टन गोमांस भी डासना की फर्म का है। इतने बड़े स्तर पर गो हत्या कर दूसरे शहर में गोमांस भेज दिया गया।

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    Ghaziabad: डासना-मसूरी में कई सालों से चल रहा है गोमांस का काला कारोबार।

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। डासना-मसूरी में गोमांस का काला कारोबार कई वर्षों से चल रहा है। पुलिस की नाक के नीचे लगातार क्षेत्र में गो-हत्या होती है। गोमांस देश के कई हिस्सों में भेजा जाता है।

    जांच में सामने आया है कि लुधियाना में पकड़ा गया 10 टन गोमांस भी डासना की फर्म का है। इतने बड़े स्तर पर गो हत्या कर दूसरे शहर में गोमांस भेज दिया गया, लेकिन चेकिंग का दावा करने वाली पुलिस फेल रही। डासना-मसूरी क्षेत्र में गो हत्या कर तस्करी करने वाले धड़ल्ले से अपना काम करते हैं। यही वजह है कि यहां से लगातार गो तस्करी के मामले सामने आते हैं।

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    बीते साल 13 जनवरी को नोएडा पुलिस ने सेक्टर-62 में गो तस्कर जुनैद को एनकाउंटर के बाद पकड़ा था। आरोपित से डेढ़ हजार किलो गोमांस पकड़ा गया था। इसी वर्ष 30 जून को तीन ट्रक गोमांस पकड़ा गया। 26 फरवरी को मसूरी के ननका गढ़ी गांव के पास खेत में पांच गाय की हत्या कर दी गई।

    पुलिस का कहना है कि एक वर्ष में गो तस्करी के नौ मामले दर्ज किए गए जिनमं 31 आरोपित पकड़े गए और 15 क्विंट गोमांस बरामद किया गया।

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    ठूंस कर पशुओं को भरा जाता था

    इन फैक्ट्रियों में आने वाले वाहनों में ठूंस ठूंस कर पशुओं को भरा जाता था। जिस कारण क्रूरता के साथ-साथ बच्चा पशु काटने के आरोप भी लगते रहे हैं। अल नफीस मीट फैक्ट्री पर आरोप था कि जमीन में बोर करके मीट फैक्ट्री का गंदा पानी डाला जाता है। जिस कारण इलाके का भूजल गंदा व खून युक्त हो गया था। क्षेत्र के लोगों ने लगभग 6 वर्ष पूर्व धरना प्रदर्शन किया था।

    इतना ही नहीं, क्षेत्र में मुर्दा पशु ठेकेदारों पर भी आरोप है कि आरोपित स्वस्थ पशुओं को किसी न किसी रूप में जहर देकर मार देते हैं। बाद में मुर्दा पशुओं का मांस निकाल कर दिल्ली तथा आसपास के क्षेत्र में होटल में भेजा जाता है। डासना निवासी मोहसिन नाम के व्यक्ति पर भी मुर्दा पशुओं की ठेकेदारी की आड़ में करने का गंभीर आरोप लगा था।

    पांच मीट फैक्टरी चलती थी

    डासना-मसूरी क्षेत्र में पांच मीट फैक्ट्रियों द्वारा विदेशों को मीट निर्यात किया जाता था। इनमें भूड़ गढी स्थित अल-नफीस मीट फैक्ट्री, इंटरनेशनल मीट फैक्ट्री, एनडी मीट फैक्ट्री, एसएस मीट फैक्ट्री तथा कल्लू गढ़ी स्थित ईगल मीट फैक्ट्री प्रमुख थीं। फिलहाल इंटरनेशनल मीट फैक्ट्री संचालित है। दो सप्ताह पहले हाजी यासीन तोड़ी वालों की इस इंटरनेशनल मीट फैक्ट्री के साथ साथ मुंबई स्थित इनके कार्यालय पर भी ईडी का छापा पड़ा था। एसएस मीट फैक्ट्री पर भी एनजीटी ने नकेल कसते हुए लगभग दो महीने पूर्व सील बंद कर तालाबंदी कर दी है।

    स्थानीय पुलिस को गोकशी और गोतस्करों पर लगातार निगरानी और प्रभावी कार्रवाई के आदेश हैं। क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर गोहत्या किए जाने की जांच कराई जाएगी। स्थानीय स्तर पर आरोपित का साथ देने वालों पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी- विवेक चंद्र यादव, डीसीपी, ग्रामीण

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