Ghaziabad: चुनाव से पहले भाजपा में घमासान, जनरल वीके सिंह के खिलाफ खुला मोर्चा; साथ लेकर नहीं चलने का आरोप
Ghaziabad News चार दिन पहले जनरल वीके सिंह की अध्यक्षता में हुई विकास कार्यों की बैठक में मोदीनगर के अलावा सभी विधायकों व अन्य जनप्रतिनिधियों की अनुपस्थिति और उसी दिन मीटिंग के समय साहिबाबाद में हुए भंडारे में नेताओं की मौजूदगी ने इसमें आग में घी का काम किया है।
गाजियाबाद [आशुतोष अग्निहोत्री]। भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश नेतृत्व सूबे में निकाय चुनाव जीतने की रणनीति बनाने में जुटा है, वहीं दूसरी ओर गाजियाबाद में स्थानीय सांसद जनरल वीके सिंह व अन्य जनप्रतिनिधियों में घमासान शुरू हो गया है। चार दिन पहले जनरल वीके सिंह की अध्यक्षता में हुई विकास कार्यों की बैठक में मोदीनगर के अलावा सभी विधायकों व अन्य जनप्रतिनिधियों की अनुपस्थिति और उसी दिन मीटिंग के समय साहिबाबाद में हुए भंडारे में नेताओं की मौजूदगी ने इसमें आग में घी का काम किया है। स्थानीय संगठन मूकदर्शक है और कार्यकर्ताओं में इस बात की बेचैनी है कि कहीं अपनों की लड़ाई घर न जला दे।
कुर्सियां खाली, माननीय बांट रहे थे पूड़ी
शनिवार को कलक्ट्रेट सभागार में केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने विकास कार्यों की समीक्षा बैठक ली। इसमें राज्यसभा सदस्य अनिल अग्रवाल, राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप, साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा, मुरादनगर विधायक अजितपाल त्यागी, शहर विधायक अतुल गर्ग, मोदीनगर विधायक डॉ मंजू शिवाच, लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर, व मेयर आशा शर्मा के लिए भी कुर्सियां लगाई गई थीं। बैठक में केवल डॉ मंजू शिवाच व नरेंद्र कश्यप के प्रतिनिधि सौरभ जायसवाल ही पहुंचे। अधिकारियों के सामने जनप्रतिनिधियों की खाली कुर्सियां मुंह चिढ़ा रही थीं, वहीं ठीक उसी समय उक्त जनप्रतिनिधि साहिबाबाद में भंडारे में पूड़ी- सब्जी बांट रहे थे।
यह है विवाद की जड़
सैन्य प्रष्ठभूमि से जुड़े जनरल वीके सिंह राजनीति में आने के बावजूद सख्त अनुशासन के लिए जाने जाते हैं। उनका यही सख्त मिजाज शहर के अधिकांश जनप्रतिनिधियों को रास नहीं आता। विधानसभा चुनाव के बाद से जनरल वीके सिंह की शहर में सक्रियता बढ़ गई है। छोटे बड़े लगभग हर कार्यक्रम में वह उपस्थित रहते हैं। जनप्रतिनिधियों को उम्मीद रहती है कि जनरल के यहां से उन्हें बुलाया जाए। जबकि जनरल जिले में आते हैं और अपना काम करके चले जाते हैं। पिछले दिनों धाेबीघाट आरओबी के निरीक्षण के समय स्थानीय विधायक अतुल गर्ग नहीं पहुंचे और जब छठपूजा पर जनरल ने साहिबाबाद में हेलीकाप्टर से श्रृद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की तो स्थानीय विधायक सुनील शर्मा वहां नहीं दिखे। बाद में इन दोनों विधायकों ने इस बात को लेकर अपना दर्द बयां किया था। अजितपाल त्यागी का भी यही दर्द है कि जनरल उनके क्षेत्र में बैठक करते हैं पर उन्हें नहीं पूछते।
विधायक बोले
मेरा मंत्री जी से कोई निजी विवाद नहीं है। लेकिन, वे मेरे ही क्षेत्र में विकास कार्यों का शिलान्यास व शुभारंभ करने जाते हैं तो मुझे नहीं बुलाते। अक्सर उनका कार्यक्रम तभी लगता है जब मैं या तो शहर से बाहर होता हूं, या फिर संगठन की मीटिंग होती है। जब मेरा मान नहीं तो उनकी बैठक में जाकर क्या करूं।
अजितपाल त्यागी, विधायक मुराद नगर
मेरे यहां भीड़ अधिक थी इसलिए कार्यकर्ताओं को छोड़कर मीटिंग में जाना संभव नहीं हो सका। भंडारे में दिन में 12 बजे गया था उस समय मीटिंग शुरू हो चुकी थी और मीटिंग के बीच में जाना उचित नहीं लगा।
अतुल गर्ग, शहर विधायक
मेरे यहां एक माह से भंडारा चल रहा था। जनरल साहब ने मीटिंग बुलाई थी उन्हें अध्यक्षता करनी थी। मैने जनप्रतिनिधियों को भंडारे में बुलाया था, उन्हें छोड़कर मीटिंग में कैसे चला जाता। मुझे जहां उचित लगा वहां उपस्थित रहा।
सुनील शर्मा, साहिबाबाद विधायक
जनप्रतिनिधियों के बीच में आपस में कोई विवाद नहीं है। यदि कुछ गलतफहमी हो गई हैं, तो उन्हें बैठकर सुलझा लिया जाएगा।
संजीव शर्मा, महानगर अध्यक्ष भाजपा
जनरल बोले
मीटिंग जिलाधिकारी के द्वारा बुलाई गई थी। उन्होंने मेरे साथ सबको आमंत्रित किया था। मैं मीटिंग में पहुंचा और उसकी अध्यक्षता की। बाकी जनप्रतिनिधि जानबूझकर मीटिंग में नहीं आए। यह ठीक नहीं है। मैं इसके बारे में संगठन को भी जानकारी देने जा रहा हूं।
जनरल वीके सिंह, केंद्रीय मंत्री स्थानीय सांसद गाजियाबाद
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