गाजियाबाद के तुलसी निकेतन में जर्जर फ्लैटों का होगा कायाकल्प, GDA का प्लान तैयार
गाजियाबाद के तुलसी निकेतन योजना में जर्जर फ्लैटों के पुनर्विकास के लिए जीडीए ने 2292 फ्लैटों का सर्वे किया। 1789 फ्लैटों में लोग रह रहे हैं जबकि 503 बंद हैं। जीडीए नोटिस जारी करेगा ताकि मूल आवंटी अपना दावा पेश कर सकें। पुनर्विकास योजना के तहत निवासियों को नए आवास मिलेंगे। इसके लिए एनबीसीसी इंडिया के साथ समझौता होगा।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। तुलसी निकेतन योजना में जर्जर फ्लैटों के पुनर्विकास के लिए जीडीए की टीम ने 2,292 फ्लैटों और 60 दुकानों का सर्वे पूरा कर लिया है। सर्वे के दौरान 1,789 फ्लैटों में लोग रह रहे पाए गए, जबकि 503 फ्लैट बंद होने के कारण स्थिति स्पष्ट नहीं है।
बंद फ्लैटों के आवंटियों की पहचान और दावेदारों तक पहुंचने में पुनर्विकास प्रक्रिया में समय लग सकता है। बंद फ्लैटों के आवंटियों को अब मूल आवंटन दस्तावेजों के साथ जीडीए कार्यालय में उपस्थित होना होगा।
प्राधिकरण ने 1989-90 में लगभग 7.83 हेक्टेयर क्षेत्र में तुलसी निकेतन योजना शुरू की थी, जिसमें 2,004 ईडब्ल्यूएस और 288 एलआईजी फ्लैटों का निर्माण किया गया था। इसके अलावा, 60 दुकानें भी संचालित हैं। इस योजना में 20,000 से अधिक निवासी रहते हैं, लेकिन फ्लैटों की जर्जर स्थिति के कारण दीवारों और छत से प्लास्टर गिरने से कई लोग घायल हो चुके हैं।
जीडीए की टीम ने 2,292 जर्जर फ्लैटों का सर्वेक्षण किया, जिनमें से 503 पर ताले लगे पाए गए। इनकी स्थिति स्पष्ट करने के लिए, जीडीए नोटिस लगाएगा और समाचार पत्रों में सूचना प्रकाशित करेगा ताकि मूल आवंटी, किरायेदार या पावर ऑफ अटॉर्नी धारक अपना दावा साबित कर सकें। इसके अतिरिक्त, आवंटियों को मूल दस्तावेजों के साथ जीडीए कार्यालय में उपस्थित होना होगा।
जीडीए कुलपति अतुल वत्स ने बताया कि इस परियोजना के लिए एक सलाहकार नियुक्त किया जाएगा। रिपोर्ट के आधार पर, एक नई परियोजना तैयार की जाएगी और एनबीसीसी इंडिया के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएँगे। पुनर्विकास योजना के तहत, यहाँ रहने वाले आवंटियों को नए आवास प्रदान किए जाएँगे। इसकी रूपरेखा से संबंधित एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।