मानव अधिकार आयोग का फर्जी अध्यक्ष अरेस्ट, चार जिलों के DM को लिखा था पत्र; यूपी पुलिस भर्ती कनेक्शन भी आया सामने
गाजियाबाद में एक व्यक्ति को मानव अधिकार आयोग का अध्यक्ष बताकर सुरक्षा मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने उत्तर प्रदेश के चार जिलों के डीएम को पत्र लिखकर प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षा की मांग की थी। जांच में पता चला कि वह फर्जी अध्यक्ष है। उसके पास से दो युवकों के पुलिस भर्ती के एडमिट कार्ड भी बरामद हुए हैं।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। न्यायिक अधिकारियों, मंत्रियों की तरह जिले में भ्रमण के वक्त पुलिस सुरक्षा लेकर दूसरे लोगों पर प्रभाव जमाने वाले आरोपी को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को मानव अधिकार न्याय आयोग उत्तर प्रदेश और नीति आयोग का अध्यक्ष बताता था।
आरोपित के कब्जे से पुलिस ने फर्जी लेटरपैड, अर्दली के कपड़े, यूपी पुलिस में भर्ती के लिए परीक्षा देने वाले दो अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड और उत्तर प्रदेश सरकार लिखी सफेद रंग की अर्टिगा कार बरामद की है। कार पर उसने नेम प्लेट लगवाई थी, जिस पर मानवाधिकार न्याय आयोग, नीति आयोग का अध्यक्ष लिखा था।
(आरोपी अनस मलिक का फाइल फोटो। जागरण फोटो)
शक होने पर कमिश्नर ने कराई जांच
आरोपी ने इस तरह फर्जीवाड़ा करके पहले अमरोहा पुलिस से निजी कार्यक्रम में सुरक्षा ली थी। एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी मुरादाबाद के शाहपुर मुबारकपुर गांव में रहने वाला अनस मलिक है। वह दसवीं पास है।
स्थानीय नेताओं के संपर्क में आने पर जब उसने उनका प्रोटोकॉल देखा तो वह प्रभावित हो गया। उसने छह माह पहले मानव अधिकार न्याय आयोग के नाम से लेटरपैड बनवाए और एक मोहर भी बनवाई।
यूपी पुलिस भर्ती के एडमिट कार्ड भी हुए बरामद
(आरोपी के पास से मानव अधिकार आयोग का अध्यक्ष लिखी कार बरामद की है। जागरण फोटो)
सुरक्षा के लिए पुलिस कमिश्नर के पास भेजा पत्र
आरोपित ने आठ नवंबर को मुरादाबाद, अमरोहा, हापुड़, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर में अपने दो दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम की जानकारी ई-मेल के माध्यम से जिला प्रशासन को दी और प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कहा। इस पत्र में उसने कार चालक, निजी सचिव की जानकारी संपर्क करने के लिए दी। जिलाधिकारी गाजियाबाद ने सुरक्षा के लिए पुलिस कमिश्नर के पास पत्र भेज दिया।
क्राइम ब्रांच की टीम ने किया आरोपी को गिरफ्तार
पुलिस कमिश्नर ने इस मामले में कविनगर पुलिस से जांच कराई तो पता चला कि अनस मलिक के नाम से कोई भी व्यक्ति मानव अधिकार न्याय आयोग व नीति आयोग में नहीं है। आरोपित को पहले कोई कर्मचारी और सरकारी गाड़ी भी मुहैया नहीं कराई गई है। यह जानकारी मिलने पर आरोपित के खिलाफ कविनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। क्राइम ब्रांच की टीम ने बुधवार को आरोपी को गिरफ्तार किया है।
पूछताछ में पता चला कि इससे पहले उसको अमरोहा पुलिस से एक कार्यक्रम के दौरान पुलिस सुरक्षा भी मिल चुकी है। वह लोगों पर अपना प्रभाव जमाने के लिए इस तरह का कार्य करता है। जो लोग उससे प्रभावित हो जाते हैं, उनको सरकार में अपनी अच्छी पकड़ बताकर थाने, चौकी और तहसील से संबंधित कार्य कराने की बात कहकर रुपये ऐंठता है।
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आरोपी ने दो युवकों को पुलिस में भर्ती कराने का झांसा दिया था। पुलिस इस मामले में आरोपी के दो साथियों की तलाश कर रही है, जो सचिव और अर्दली बनकर उसके साथ रहते थे।
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