गाजियाबाद: पूर्व पार्षद मनीष पंडित को हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा, कोर्ट में तैनात रही कड़ी सुरक्षा
गाजियाबाद की अदालत ने बसपा नेता और पूर्व पार्षद मनीष पंडित को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। मनीष पंडित जो विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं को राजनीतिक रंजिश के चलते हत्या का दोषी पाया गया। अदालत परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे क्योंकि मनीष के समर्थक नारेबाजी कर रहे थे।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। गाजियाबाद की अदालत ने पूर्व पार्षद और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेता मनीष पंडित को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मनीष पंडित विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। अदालत ने सुनवाई के दौरान मनीष को राजनीतिक रंजिश के चलते की गई हत्या का दोषी पाया है। फैसले के दौरान कोर्ट रूम के बाहर भारी पुलिस बल तैनात रहा जबकि मनीष के सैकड़ों समर्थक नारेबाजी करते दिखे। सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखी गई ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
2005 में की गई थी हत्या
रामनगर कॉलोनी में नरेश यादव की गोलियों से भूनकर हत्या करने के मामले में कोर्ट ने पूर्व पार्षद मनीष मंडित उर्फ पप्पू और मनोज फौजी को दोषी करार दिया है। वर्ष 2005 में आरोपितों ने राजनीतिक रंजिश के चलते नरेश यादव और उनके भतीजे जीतेंद्र यादव पर गोलियां चलाई थीं। नरेश को 13 गोली लगी थीं जबकि जीतेंद्र यादव गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
नरेश को नजदीक से मारी गई थी गोली
मनीष ने नरेश यादव पर उस दौरान कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे सुरेंद्र कुमार मुन्नी सहित अन्य प्रत्याशी का समर्थन करने का आरोप लगाया था। नरेश यादव प्रॉपर्टी डीलर का काम करते थे। मनीष उससे रंजिश रखने लगा था। इस बीच राम नगर में नरेश यादव व उनके भतीजे जितेंद्र यादव पर गोलियां बरसा दी गई थीं। नरेश को नजदीक से गोली मारी गई थी। नरेश को लगीं ज्यादातर गोलियां आर-पार हो गई थीं जबकि जितेंद्र यादव के पेट में एक गोली लगी थी। जितेंद्र 15 दिन तक अस्पताल में जिंदगी और मौत से जुझते रहे थे। हालांकि, उनकी जान बच गई थी।
पहले अज्ञात के खिलाफ दर्ज हुआ मामला
नरेश यादव के भाई विजय पाल यादव की ओर से अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने रामनगर के मनीष पंडित और मनोज फौजी को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। मनोज फौजी सेना में ड्राइवर रह चुका है। पुलिस ने दोनों को हत्या और हत्या के प्रयास में आरोपित बनाकर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। तभी से कोर्ट में इस मामले में सुनवाई चल रही थी।
मृतक के भाई की हो चुकी है मौत
मृतक के भाई विजय पाल यादव गाजियाबाद कोर्ट में बार सचिव में रह चुके हैं। कुछ दिन पहले उनकी मौत हो गई थी। वह केस की पैरोकारी मजबूती से कर रहे थे। शनिवार को एडीजी जुनैद मुजफ्फर की कोर्ट नंबर 12 में इस मामले सुनवाई हुई। कोर्ट ने साक्ष्य और गवाह के आधार पर मनीष पंडित और मनोज फौजी को दोषी करार दिया था। मनीष पंडित और मनोज फौजी का आपराधिक इतिहास भी रहा है। इसी क्रम में सोमवार को सजा का ऐलान किया गया है।
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