दवा या लापरवाही? गाजियाबाद में एंटी-रेबीज क्लिनिक के बाहर कुत्तों का कहर, मरीजों में डर का साया
गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल की ओपीडी इमरजेंसी और वार्डों के साथ ही एंटी रेबीज क्लीनिक के बाहर आवारा कुत्ते घूमते रहते हैं। इससे मरीजों को काटने का खतरा बना रहता है। बुधवार को एंटी रेबीज क्लीनिक के बाहर एक आवारा कुत्ता घूमता मिला। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमएस) डॉ. राकेश कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले को लेकर नगर निगम को पत्र लिखा गया है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। जिला एमएमजी अस्पताल की ओपीडी, इमरजेंसी और वार्डों के साथ ही एंटी रेबीज क्लीनिक के बाहर आवारा कुत्ते घूमते रहते हैं। इससे मरीजों को काटने का खतरा बना रहता है। बुधवार को एंटी रेबीज क्लीनिक के बाहर एक आवारा कुत्ता घूमता मिला।
एक छोटा बच्चा उसके साथ खेल रहा था, लेकिन अस्पताल प्रबंधन और सुरक्षाकर्मियों ने उसे भगाने का कोई प्रयास नहीं किया। उधर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमएस) डॉ. राकेश कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले को लेकर नगर निगम को पत्र लिखा गया है।
आवारा कुत्ते अक्सर प्रतीक्षालय में सोते हैं। बुधवार को कुत्ते, बिल्ली और बंदरों के काटने से पीड़ित 42 बच्चों समेत कुल 180 लोग एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने सरकारी अस्पतालों में पहुंचे। सीएमएस डॉ. राकेश कुमार सिंह ने बताया कि इनमें 42 बच्चों समेत 82 लोगों को पहली खुराक दी गई।
जिला एमएमजी अस्पताल में 107 मरीजों में से 61 को पहली खुराक दी गई, जिनमें 23 बच्चे शामिल थे। कंबाइंड अस्पताल में 73 में से 21 मरीज़ों को पहली खुराक दी गई, जिनमें 19 बच्चे भी शामिल थे। तीन लोगों को एंटी-रेबीज़ सीरम भी दिया गया। पाँच लोगों को साँप के काटने पर एंटी-स्नेक वेनम भी दिया गया। दो लोगों को गंभीर हालत में हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।
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