NCRB Report : तीन साल में गाजियाबाद में साइबर क्राइम दोगुना, महिला अपराध में आई कमी
गाजियाबाद में साइबर अपराधों में तेजी से वृद्धि हुई है जिसका मुख्य कारण जागरूकता और रिपोर्टिंग में सुधार है। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन वर्षों में साइबर अपराध लगभग दोगुना हो गया है। साइबर क्राइम थाना खुलने से मामलों की रिपोर्टिंग बढ़ी है। पुलिस कमिश्नरेट ने अपराधों को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं जिससे कुछ हद तक कमी आई है।

विनीत कुमार, गाजियाबाद। सोशल मीडिया के जरिए लोगों का खाता खाली करने में जुटे साइबर अपराधी लगातार सक्रिय हैं। यही वजह है कि तीन साल में जनपद में साइबर अपराध में दोगुनी बढ़ोतरी हुई है। किसी भी अपराध के मुकाबले साइबर अपराध में ही सर्वाधिक वृद्धि हुई है जबकि जनपद में कमिश्नरेट बनने के बाद कुल दर्ज अपराधाें में कमी दर्ज की गई है।
राष्ट्रीय क्राइम अपराध रिकाॅर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने वर्ष 2023 के आंकड़े जारी किए हैँ। आंकड़ों में देश के 19 मेट्रोपोलिटन शहरों में शामिल गाजियाबाद में तीन वर्ष में साइबर अपराध में करीब दोगुने की बढ़ोतरी हुई है। महिला अपराध में तीन साल में कमी आई है और बच्चों के खिलाफ अपराध बढ़े हैं। साइबर अपराध जहां वर्ष 2021 में 451 केस दर्ज किए गए थे वहीं 2023 में बढ़कर इनकी संख्या 880 हो गए हैं। वर्ष 2023 में जहां हत्या के मामले 45 दर्ज किए गए वहीं हत्या के प्रयास के 35 मामले आए।
साइबर अपराध में बढ़ोतरी की वजह घटनाओं की रिपोर्टिंग और लोगों में केस दर्ज कराने की जागरूकता को माना जा रहा है। जनवरी 2024 में जनपद का साइबर क्राइम थाना खोला गया। उसके बाद से साइबर क्राइम के दर्ज केसों में बढ़ोतरी हुई है।
हालांकि, इसके आंकड़े एनसीआरबी अगले वर्ष जारी करेगा। एनसीआरबी की ओर से चोरी और वाहन चोरी की घटनाओं की ज्यादा संख्या की वजह यूपी में शिकायत के लिए प्रभावी ऑनलाइन प्रणाली को माना गया है। गंभीर अपराधों में वर्ष 2021 में जहां हत्या के 21 मामले सामने आए वहीं वर्ष 2022 में इनकी संख्या बढ़कर 61 हो गई और 2023 में हत्या के 45 मामले सामने आए।
साइबर अपराध
वर्ष : घटनाएं
2021 : 451
2022 : 626
2023 : 880
तीन साल में महिला अपराध
वर्ष : घटनाएं
2021 : 591
2022 : 1063
2023 : 906
बच्चो के खिलाफ अपराध
वर्ष : घटनाएं
2021 : 136
2022 : 189
2023 : 208
यूपी के सिर्फ तीन शहर के आंकड़े हुए जारी
एनसीआरबी ने देश के 20 लाख से ज्यादा आबादी वाले 19 शहरों में दर्ज अपराध के आंकड़े जारी किए हैं। इनमें यूपी के गाजियाबाद, कानपुर और राजधानी लखनऊ शामिल हैं। आबादी के लिहाज से गाजियाबाद प्रदेश के दोनों अन्य शहरों की तुलना में छोटा है।
यूपी के तीनों शहरों में अपराध
शहर | 2021 | 2022 | 2023 |
गाजियाबाद | 16,495 | 13,207 | 11,384 |
कानपुर | 9,826 | 15,260 | 13,114 |
लखनऊ | 17,136 | 19,058 | 29,472 |
वर्ष 2023 में दर्ज प्रमुख आपराधिक घटनाएं
- घटना- दर्ज मामले
- हत्या- 45
- दुष्कर्म- 83
- लूट- 40
- डकैती का प्रयास- 14
- धोखाधड़ी- 453
- अपहरण- 33
- वाहन चोरी- 1740
- चोरी- 2950
नोट-सभी आंकड़े एनसीआरबी के भारत में अपराध-2023 पर आधारित हैं।
रोकथाम के लिए हुए प्रयास
"साइबर अपराध के मामलों में वृद्धि की वजह शिकायत पर एफआइआर दर्ज करना है। अपराध में कमी के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। कमिश्नरेट बनने के बाद अपराध में कमी आ रही है। इसकी प्रमुख वजह बदमाशों पर लगातार कार्रवाई और रोकथाम के लिए हुए प्रयास हैं।"
-जे रविंदर गौड, पुलिस आयुक्त
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