Sariya Cement Rate: अब घर बनाना होगा मुश्किल, ईंट, रोड़ी, सीमेंट और सरिया के बढ़े दाम
निर्माण सामग्री की कीमतों में वृद्धि ने घर बनाने वालों की कमर तोड़ दी है। ईंट सीमेंट रेत और सरिया के दाम आसमान छू रहे हैं। ईंटों पर 1000 रुपये प्रति हजार की बढ़ोतरी हुई है जबकि सरिया के दाम में प्रति कुंतल का उतार-चढ़ाव जारी है। रेत और बदरपुर के दाम भी बढ़े हैं। निर्माण सामग्री की बढ़ती कीमतों का असर बिक्री पर भी पड़ रहा है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली।Sariya Cement Rate: घर बनाने वाले लोग महंगाई ( building material prices) से सीमेंट और रेत ही नहीं बल्कि लोहा भी ले रहे हैं। सबसे ज्यादा महंगाई ईंट, सीमेंट समेत भवन निर्माण सामग्री पर दिखाई दी है। अलग-अलग ब्रांड के सीमेंट के दाम बढ़े हैं। नदियों में खनन न होने से रेत, बदरपुर और डस्ट की कीमतों में भी पहले से बढोतरी दर्ज हुई है।
ईंटों पर एक हजार रुपये प्रति हजार के हिसाब से महंगी हुई हैं। सरिये के दाम में भी प्रति कुंतल का उतार चढ़ाव जारी है। रेत 10 रुपये प्रति घन फीट तक महंगा और बदरपुर के दाम आठ रुपये तक बढ़े हैं। सरिया के भाव भी 10 रुपये प्रति किग्रा तक बढ़े हैं। दैनिक जागरण के शाहनवाज अली की रिपोर्ट...
बिल्डिंग मैटेरियल के दाम रुपये में
मैटेरियल - सितंबर 2024 - अब
- रेत घन फुट - 25 - 30
- बदरपुर घन फुट - 50 - 60
- बदरपुर डस्ट लाल - 50 - 60
- रोड़ी आधा ईंटी - 55 - 60
- रोड़ी जीरो - 50 - 60
सरिया
- 12 एमएम प्रति किग्रा - 47 - 55
- एंगल प्रति किग्रा - 45 - 50
- सरिया बांधने वाला तार प्रति किग्रा - 50 - 53
ईंटों के दाम प्रति हजार
ईंट का प्रकार - सितंबर - अब
- लाल पेटी - 5000 से 6000
- ईंट अव्वल - 6500 - 7500
- ईंट टाइल्स - 6500 से 7000
दाम में अंतर : एक से डेढ़ हजार रुपये प्रति एक हजार
सीमेंट के दाम 50 किग्रा
सितंबर - अब
- सीमेंट - 320 से 400 रुपये
सामग्री के बढ़े दाम प्रतिशत में
- ईंट 20.00
- सीमेंट 7.5
- सरिया 18.00
- रेत 33.00
- बदरपुर 15.00
भवन निर्माण की सामग्री के दाम बढ़ने से बिक्री पर असर पड़ रहा है। ईंट और बदरपुर के अलावा सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा अन्य सामग्रियों के दाम भी कुछ बढ़े हैं।
विपिन गोयल, कारोबारी
घर बनाने में पसीने छूट रहे हैं। घर बनाने में इस्तेमाल होने वाली सभी सामग्री महंगी हैं। सीमेंट से लेकर रेत, ईंट, लोहा हर चीज महंगी है। शुरूआत में सरिया खरीदा था अब महंगा हो गया है। महंगाई के चलते बजट बिगड़ रहा है, जिससे काम को सीमित कर दिया है।
अनिल पाल, फ्री होल्ड सेक्टर 23
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।