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    Ghaziabad के बिल्डरों पर CBI का शिकंजा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एक्शन तेज; करोड़ों का है मामला

    Updated: Thu, 07 Aug 2025 09:14 AM (IST)

    गाजियाबाद में सीबीआई ने दो बड़े बिल्डरों पर शिकंजा कसा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बिल्डरों और बैंकों के गठजोड़ की जांच हो रही है। सीबीआई टीम ने जीडीए कार्यालय से दोनों बिल्डरों के प्रोजेक्ट के मूल दस्तावेज मांगे हैं। इन प्रोजेक्ट्स में एक हजार से ज्यादा लोगों का पैसा फंसा हुआ है। बिल्डरों पर धोखाधड़ी के आरोप हैं।

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    सीबीआई के निशाने पर गाजियाबाद के बिल्डर।

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। गाजियाबाद जनपद में दो बड़े बिल्डरों पर सीबीआई का शिकंजा कसता नजर आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई टीम बिल्डर और बैंकों के बीच हुए कथित गठजोड़ की जांच में जुटी है।

    वहीं, इसी कड़ी में बुधवार को सीबीआई की टीम जीडीए कार्यालय पहुंची और दोनों बिल्डरों के प्रोजेक्ट से जुड़े मूल दस्तावेज मांगे।

    जानकारी के मुताबिक, सीबीआई की निगरानी में रेड एप्पल, आइडिया बिल्डर और मंजू जे होम्स इंडिया लिमिटेड के प्रोजेक्ट शामिल हैं। टीम ने जीडीए से राजनगर एक्सटेंशन स्थित मंजू जे होम्स इंडिया लिमिटेड और आइडिया बिल्डर प्राइवेट लिमिटेड के बंद पड़े प्रोजेक्ट के मालिकाना हक, स्वीकृत मानचित्र और अन्य मूल दस्तावेज मांगे हैं।

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    जीडीए अधिकारियों ने नियमानुसार प्रक्रिया पूरी करने की बात कही है। अपर सचिव प्रदीप कुमार सिंह ने बताया सीबीआई टीम बुधवार को आई थी। उन्होंने दो बिल्डरों के मूल दस्तावेज मांगे हैं। टीम से लिखित में पत्र लिया गया है। प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही संबंधित दस्तावेज नियमानुसार दिए जाएंगे।

    बता दें कि इन दोनों प्रोजेक्ट में एक हजार से ज्यादा आवंटियों का पैसा फंसा हुआ है। बिल्डरों ने लंबे समय से साइट पर काम बंद कर रखा है। खरीदार रेरा समेत विभिन्न जगहों पर शिकायत कर चुके हैं और कई ने नंदग्राम थाने में मुकदमे भी दर्ज कराए हैं।

    यह भी पढ़ें- हजारों घर खरीदारों से हुई धोखाधड़ी मामले की जांच तेज, CBI ने एनसीआर के 12 बिल्डरों के खंगाले दस्तावेज

    आरोप है कि बिल्डरों ने करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की है। सीबीआई की टीम ने दस्तावेज मांगने के साथ-साथ राजनगर एक्सटेंशन में जाकर प्रोजेक्ट की मौजूदा स्थिति का भी निरीक्षण किया।

    बताया जा रहा है कि टीम पहले भी इन बिल्डरों के दस्तावेजों की प्रतिलिपि ले चुकी है, लेकिन अब जांच को आगे बढ़ाने के लिए मूल दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं।