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    Ghaziabad: 52 करोड़ रुपये की बिजली हो गई चोरी, नौ सौ लोगों पर केस दर्ज; विद्युत निगम के हाथ अभी भी खाली

    By Rahul KumarEdited By: Sonu Suman
    Updated: Thu, 07 Dec 2023 04:43 PM (IST)

    गाजियाबाद में बिजली चोरी धड़ल्ले से हो रही है। बीते महीने 52 करोड़ रुपये की बिजली चोरी हो गई। विद्युत निगम ने आनन-फानन में नौ सौ लोगों पर केस दर्ज कराया। इसके बावजूद निगम जुर्माने की राशि वसूलने में नाकाम रहा। बिजली चोरी रोकने के लिए विभिन्न कार्यों पर साढ़े तीन साल में 170 करोड़ रुपये का बजट खर्च किया गया है।

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    गाजियाबाद में थम नहीं रही बिजली की चोरी।

    राहुल कुमार, गाजियाबाद। जिले में बिजली चोरी रोकना विद्युत निगम के लिए चुनौती बना हुआ है। पिछले एक माह में करीब 52 करोड़ रुपये की बिजली चोरी हुई है। विद्युत निगम ने छापेमारी कर एक माह में करीब नौ सौ बिजली चोरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर खानापूर्ति कर दी। जुर्माने की वसूली करने में विभाग नाकाम रहा।

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    जनपद में बिजली चोरी रोकने के लिए विभिन्न कार्यों पर साढ़े तीन साल में 170 करोड़ रुपये का बजट खर्च किया गया है। इसके बाद भी विद्युत निगम बिजली चोरी रोकने में फेल साबित हो रहा है। हर माह जिले में करीब 50 से 60 करोड़ की बिजली चोरी हो रही है।

    दरअसल, गाजियाबाद में बिजली पर पॉवर कार्पोरेशन हर माह करीब 400 करोड़ रुपये खर्च करता है। पिछले माह विद्युत निगम के पास करीब 348 करोड़ रुपये राजस्व का हिसाब ही है। बिजली चोरी होने के कारण बाकी राजस्व का कोई हिसाब नहीं है। विद्युत निगम बिजली चोरी रोकने के लिए विभिन्न कार्य भी करा रहा है। लोनी, मुरादनगर, मोदीनगर, कैला भट्टा आदि क्षेत्रों में बिजली चोरी के सबसे ज्यादा मामले आ रहे हैं। विद्युत निगम के अधिकारी विजिलेंस टीम के साथ मिलकर छापेमारी करते हैं, लेकिन बिजली चोरी नहीं रुक रही है।

    ट्रांसफार्मरों पर डीटी मीटरों से भी नहीं रुकी चोरी

    बिजली चोरी रोकन के लिए ट्रांसफार्मरों पर डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर (डीटी) मीटर लगाए गए हैं। इन मीटरों का उपयोग ट्रांसफार्मर की पावर सप्लाई को मापने में किया जा रहा है। ट्रांसफार्मर को मिलने वाली बिजली व उपभोक्ताओं के मीटर में खपत के अंतर के आधार पर चोरी का पता किया जा सके। लेकिन डीटी मीटर लगने के बाद भी बिजली चोरी नहीं रुकी।

    फीडरों की निगरानी से भी फेल

    कौन से क्षेत्र में किस फीडर पर कितना लोड है, इसकी निगरानी करने के लिए रियल टाइम डाटा एक्विजिशन सिस्टम भी लगाए गए हैं। इससे भी विद्युत निगम बिजली चोरी नहीं रोक पा रहा है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि जिन फीडरों पर अचानक खपत से ज्यादा लोड सामने आ रहा है। ऐसे फीडरों पर मार्निंग रेड डाली जा रही है।

    पिछले पांच माह में बिजली चोरी

    माह बिजली चोरी
    नवंबर 52
    अक्टूबर 59
    सितंबर 58
    अगस्त 61
    जुलाई 64

    दर्ज किए गए मुकदमे

    साल  कुल मुकदमे
    2019 1,112
    2020 4,412
    2021 2,303
    2022 2,932
    2023 3,299

    इस क्षेत्रों में है सबसे ज्यादा लाइनलॉस

    क्षेत्र  लाइनलॉस
    लोनी 22 फीसदी
    मुरादनगर 8 फीसदी
    कैलाभट्टा 5 फीसदी
    डासना 4 फीसदी
    मोदीनगर 6 फीसदी
    अन्य शहरी क्षेत्र 11 फीसदी

    बिजली चोरों के खिलाफ छापेमारी कर लगातार कार्रवाई की जा रही है। जो भी चोरी करता पाया जाता है उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाता है। अधिक लाइनलास वाले इलाकों में सुबह में छापेमारी की जा रही है। - अजय ओझा, मुख्य अभियंता, विद्युत निगम, गाजियाबाद जोन-तीन

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