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    Ghaziabad: लोन माफिया लक्ष्य तंवर की जमानत देने वालों और सत्यापन के दस्तावेज निकले फर्जी, मुकदमा दर्ज

    By Jagran NewsEdited By: Geetarjun
    Updated: Sat, 17 Dec 2022 06:37 PM (IST)

    ऋण माफिया लक्ष्य तंवर की जमानत के लिए भी फर्जीवाड़ा किया गया। जमानत देने वालों के दस्तावेज के साथ पुलिस व राजस्व विभाग के सत्यापन भी फर्जी तरीके से तैयार किया और कोर्ट को स्पीड पोस्ट के जरिए भेज दिए गए।

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    ऋण माफिया लक्ष्य तंवर की जमानत के दस्तावेज और सत्यापन फर्जी निकला, मुकदमा दर्ज

    गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। ऋण माफिया लक्ष्य तंवर की जमानत के लिए भी फर्जीवाड़ा किया गया। जमानत देने वालों के दस्तावेज के साथ पुलिस व राजस्व विभाग के सत्यापन भी फर्जी तरीके से तैयार किया और कोर्ट को स्पीड पोस्ट के जरिए भेज दिए गए। रिटायर्ड डिप्टी एसपी एलएस मौर्य ने शुक्रवार को नगर कोतवाली में लक्ष्य तंवर, उसके पिता अशोक कुमार और भाई निखिल कुमार समेत अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी व फर्जीवाड़े की धाराओं में केस दर्ज कराया है।

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    लक्ष्य पर एलएस मौर्य को एक मकान बेचकर उस पर ऋण लेने का भी आरोप है और इसी केस में 30 अगस्त 2021 को लक्ष्य व उसके पिता को गिरफ्तार किया गया था। इसी केस में मिली जमानत में फर्जी दस्तावेज लगाए गए थे।

    एलएस मौर्य ने बताया कि उनके केस में लक्ष्य को 17 अगस्त 2022 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत दी थी। इसमें निखिल व अशोक पैरवी कर रहे थे। दोनों ने मेरठ के गढ़ रोड स्थित बाग कालोनी में रहने वाली कविता देवी व उनकी जेठानी ओमी देवी के जरिए एक-एक लाख रुपये की जमानत दिलाई।

    पांच सितंबर को मेरठ सदर तहसील के लेखपाल राम अवतार व राजस्व निरीक्षक भागमल की ओर से जमानत के रूप में दिए गए जमीन के दस्तावेजों और जमानती व्यक्तियों की पुलिस सत्यापन रिपोर्ट मेरठ मेडिकल थाने में तैनात दारोगा विनोद कुमार की ओर से कोर्ट को भेजी गई, जिसके आधार पर जमानत स्वीकृत हो गई।

    एलएस मौर्य ने छानबीन की तो पता चला कि मेडिकल थाने में न तो उस समय दारोगा विनोद कुमार तैनात थे और न ही मेरठ तहसील में उक्त नाम के लेखपाल व राजस्व निरीक्षक की तैनाती थी। सत्यापन के समय से पहले या बाद में भी ये तीनों उक्त थाना व कार्यालय में तैनात रहे। जमानत देने वालों के पते पर पहुंचे तो दोनों महिलाएं भी नहीं मिली। जमानत में मेरठ के चौबुला गांव की जमीन के दस्तावेज लगाए गए थे। इस गांव में दोनों महिलाएं मिलीं और उन्होंने लक्ष्य तंवर को जानने से इन्कार किया। दस्तावेज खंगाले तो इनके नाम से दूसरी महिलाओं के फोटो लगाकर फर्जी आधार कार्ड बनाकर जमानत में लगाने की पुष्टि हुई।

    बैंक प्रबंधकों संग मिलकर किया था 400 करोड़ का फर्जीवाड़ा

    लक्ष्य तंवर ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की गाजियाबाद व आगरा स्थित कई शाखाओं के प्रबंधकों संग मिलकर संपत्तियों की कीमत की 10 गुना तक रकम के ऋण पास कराए। जूते बेचने वाले से लेकर कपड़ों पर इस्त्री करने वाले अपने चाचा जैसे व्यक्तियों को इनका खरीदार दिखाकर 20 लाख रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये के ऋण पास कराए। इसी तरह एक संपत्ति कई लोगों को बेचकर ऋण पास कराए गए थे। अब तक लक्ष्य व उसके गिरोह के सदस्यों पर 48 मुकदमे गाजियाबाद में दर्ज हो चुके हैं।

    व्यापार के नाम करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े के आरोप में सीबीआइ में दर्ज दो केस में भी लक्ष्य आरोपित है। लक्ष्य के साथ पीएनबी के एजीएम रहे रामनाथ मिश्रा, मुख्य प्रबंधक उत्कर्ष व ऋण प्रबंधक प्रियदर्शिनी समेत 10 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। रामनाथ बर्खास्त हो चुके हैं। उनके साथ लक्ष्य अभी भी जेल में है।