Updated: Wed, 02 Apr 2025 10:35 AM (IST)
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने साहिबाबाद के वसुंधरा सेक्टर-8 में नगर निगम द्वारा बनाए जा रहे कूड़े के लिए एमआरएफ सेंटर को अवैध बताते हुए ध्वस्त कर दिया। आविप का कहना है कि नगर निगम ने बिना अनुमति के निर्माण किया था। वहीं नगर निगम का कहना है कि सेंटर उनकी जमीन में नहीं बल्कि सड़क के किनारे बनाया जा रहा था।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। Bulldozer Action आवास विकास परिषद (आविप) ने मंगलवार को वसुंधरा सेक्टर-8 में नगर निगम द्वारा कूड़े के लिए बनाए जा रहे एमआरएफ (मैटेरियल रिकवरी फैसेलिटी) सेंटर को अवैध बता ध्वस्त कर दिया।
अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम बिना अनुमति के अवैध तरीके से निर्माण कर रहा था। वहीं, नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि सेंटर उनकी जमीन में नहीं बल्कि सड़क के किनारे बनाया जा रहा था। इस तरह से सेंटर को तोड़ना गलत है। करीब पांच से छह लाख का नुकसान किया है।
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नगर निगम ने अवैध अतिक्रमण कर लिया
आविप के अधीक्षण अभियंता अजय मित्तल का कहना है कि वसुंधरा योजना के सबसे कीमती सेक्टर आठ में 45 मीटर की मुख्य सड़क के किनारे नवरात्र और ईद की छुट्टियों में नगर निगम ने अवैध अतिक्रमण कर लिया। इसके लिए न तो कोई अनुमति ली गई और न नक्शा पास कराया गया। यहां पर कूड़े के लिए सेंटर बनाने से लोगों को बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। यहां पर एम्स भी बनाया जाना है।
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नगर निगम करोड़ों की जमीन को खराब करने के लिए कूड़ा डालने की तैयारी कर रहा था। अगर जमीन चाहिए थी तो नगर निगम को पहले मांग करनी चाहिए थी। अगर नगर निगम इस तरह कहीं भी कूड़ा डालेगा तो लोगों का रहना भी मुश्किल हो जाएगा। वसुंधरा को नगर निगम को वर्ष 2002 में हैंडओवर करते हुए केवल सड़क, सीवर, नाली के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी दी गई थी न कि अतिक्रमण करने की।
आविप की जमीन में नहीं बना रहे थे सेंटर
नगर निगम के मुख्य अभियंता एनके चौधरी का कहना है कि नगर निगम की जमीन में एमआरएफ सेंटर नहीं बना रहे थे। सड़क के किनारे निर्माण करा रहे थे, जिससे कोई परेशानी नहीं होती। जो पूरी तरह से बंद करके बनाया गया था। यहां कूड़े को लाकर पालीथिन को अलग करके बेचा जाता और कूड़े को मुख्य कूड़ा कलेक्शन सेंटर भेज दिया जाता है। जब आविप ने वसुंधरा को नगर निगम के हैंडओवर कर दिया है तो कूड़े के लिए सेंटर कहां बनाए।
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एक माह से अधिक से चल रहा था कार्य
दरअसल, यहां एमआरएफ सेंटर बनाने के लिए एक माह से अधिक से कार्य चल रहा था। इस दौरान आविप के अधिकारियों की इस पर नजर नहीं पड़ी। आविप के अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम पहले से क्या कर रहा था इसकी जानकारी नहीं थी। नवरात्र और ईद की छुट्टियों के दौरान ही अचानक से सेंटर बना दिया।
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