गाजियाबाद में आठवीं कक्षा के छात्र ने की आत्महत्या, पुलिस ने बताई वजह
Ghaziabad student suicide गाजियाबाद के सिहानी गेट थाना क्षेत्र की गुलमोहर सोसायटी में एक आठवीं कक्षा के छात्र ने फांसी लगाकर जान दे दी। छात्र को मानसि ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। Ghaziabad Crime: सिहानी गेट थाना क्षेत्र की गुलमोहर सोसायटी के आठवीं कक्षा के छात्र ने फांसी लगाकर जान दे दी। छात्र मानिसक रूप से बीमार बताया जा रहा है। स्वजन ने छात्र का पोस्टमार्टम कराए बिना ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया। स्वजन ने पुलिस को लिखकर दिया है कि वह इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं।
छात्र के पिता मंदिर में पुजारी हैं। उनके तीन बच्चे हैं। बड़ा बेटा निजी स्कूल में कक्षा आठ में पढ़ता था। बुधवार रात को उनके बड़े बेटे ने फांसी लगाकर जान (Ghaziabad Stundent suicide) दे दी। स्वजन बेटे को निजी अस्पताल ले गए। यहां से छात्र को जिला एमएमजी अस्पताल रेफर कर दिया। जब वह जिला एमएमजी अस्पताल पहुंचे तो डाक्टर ने छात्र को मृत घोषित कर दिया।
बेटे को दौरा पड़ता था-स्वजन ने बताया
अस्पताल से इसकी सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए कहा। स्वजन ने पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया। स्वजन ने बताया कि बेटे को दौरा पड़ता था। वह मानसिक बीमार था। उसका उपचार चल रहा था। बीमारी के कारण उसने आत्महत्या की है।
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वह शव का पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते हैं। स्वजन ने पोस्टमार्टम नहीं कराने की बात पुलिस को लिखकर दी। जिसके बाद पुलिस ने शव बिना पोस्टमार्टम के ही स्वजन को सौंप दिया। बृहस्पतिवार सुबह 10 बजे शव का अंतिम संस्कार का समय रखा गया था।
मानसिक रूप से छात्र था बीमार-पुलिस
लेकिन इससे पहले ही स्वजन सुबह साढ़े आठ बजे ही शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए। सोसायटी के लोगों ने वॉटसऐप ग्रुप में छात्र को श्रद्धांजलि दी। पुलिस (Ghaziabad Police) का कहना है कि छात्र मानसिक बीमार था। सहायक पुलिस आयुक्त पूनम मिश्रा ने बताया कि स्वजन ने पोस्टमार्टम नहीं कराने की बात लिखकर दिया है। जिस वजह से पोस्टमार्टम नहीं कराया था।
पढ़ाई को लेकर तनाव की रही चर्चा
स्थानीय लोगों में चर्चा रही कि छात्र पढ़ाई की वजह से तनाव में था। जिस वजह से उसने मौत को गले लगाया।हालांकि इस दावे की पुष्टि नहीं हो सकी। वहीं कुछ लोगों ने पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम नहीं कराने पर सवाल उठाए हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस को पोस्टमार्टम कराना चाहिए था।

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