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    स्पेन की यूनिवर्सिटी में एडमिशन कराने के नाम पर छात्रा से ठगे 17 लाख, पीड़िता की आपबीती सुन दंग रह गए अफसर

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 09:26 AM (IST)

    गाजियाबाद के कौशांबी में एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर एक छात्रा से 17.50 लाख रुपये की ठगी हुई। आरोपियों ने स्पेन में दाखिला कराने का वादा किया, पर वहां दाखिला नहीं हुआ। पीड़िता को वीजा देकर स्पेन बुलाया गया, जहां उसे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। वापस आने पर पीड़िता की मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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    जागरण संवाददाता, साहिबाबाद (गाजियाबाद)। गाजियाबाद जनपद के साहिबाबाद में कौशांबी थाना क्षेत्र में ऑफिस चलाने वाले आरोपितों ने गौतमबुद्धनगर की एक छात्रा का स्पेन की एक यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस में एडमिशन कराने के नाम पर 17.50 लाख रुपये ठग लिए।

    आरोपितों ने वीजा देकर छात्रा को स्पेन बुला लिया और यहां एडमिशन नहीं कराया। काफी समय तक पीड़िता दोस्तों व घर वालों के खर्च पर स्पेन में रही और वीजा समाप्त होने के बाद वापस भारत आई। वापस आने के बाद पीड़िता की मां ने कौशांबी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोपित पूर्व में भी इस प्रकार से कई लोगों से ठगी कर चुके हैं।

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    मुंबई व गाजियाबाद पुलिस गिरोह के कई लोगों को गिरफ्तार भी कर चुकी है। नई एफआइआर दर्ज कर पुलिस ने दोबारा से जांच शुरू कर दी है।

    ग्रेटर नोएडा के सेक्टर एक डिवाइजन ग्रेस सोसायटी निवासी संगीता पोद्दार का कहना है कि 2023 में उन्हें अपनी बेटी का एमबीबीएस में एडमिशन कराना था। इसी दौरान उनका संपर्क कौशांबी के एंजेल माल में आफिस चलाने वाले अर्चना गौतम, विवेक कुमार डायरेक्टर, राहुल गौतम, हिमांशी, शिशुपाल, पुष्पक, कार्तिक, ओमकार और डा. सस्मिता नंदा से हुआ।

    एडमिशन के नाम पर उन्होंने 17.50 लाख रुपये मांगे। इस रकम में से आधी पोलैंड के एक खाते में जमा कराए और बाकी एक अर्चना गौतम के भारतीय खाते में जमा कराई। आरोपितों ने स्पेन के बार्सिलोना यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस में एडमिशन कराने, वीजा और रहन सहन का प्रबंध करने की जिम्मेदारी ली। वीजा मिलने पर उनकी बेटी 17 मार्च 2024 को बार्सिलोना पहुंच गई।

    संगीता का कहना है कि वहां पर टीम की हेड डा. सुस्मिता नंदा ने उनकी बेटी को एक बंकरनुमा डोरमेट्री में रखा, जिसकी स्थिति बहुत ही खराब थी। इसके बाद उनकी बेटी ने अपने दोस्तों की मदद से आवास, किराया और खर्च का प्रबंध खुद किया। जिसमें आठ लाख रुपये खर्च हुए।

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    पीड़िता का कहना है कि उनके कुल 28 लाख रुपये खर्च हुए। बेटी को एमबीबीएस में एडमिशन नहीं मिला। इस दौरान उनकी बेटा का वीजा भी समाप्त हो गया और उसे काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। उनकी बेटी काफी समय तक स्पेन में ही फंसी रही। इस दौरान उन्होंने और दोस्तों ने बेटी का खर्च उठाया। किसी तरह से उनकी बेटी वापस लौटी। तब उन्होंने कौशांबी स्थित ऑफिस में संपर्क किया तो पता चला कि आरोपित कार्यालय बंद कर भाग चुके हैं।

    जानकारी करने पर पता चला कि आरोपितों ने कई और लोगों से इस प्रकार से ठगी की है। इसके बाद उन्होंने डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटील से शिकायत की और रिपोर्ट दर्ज कराई। डीसीपी का कहना है कि मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है। आरोपितों को शीघ्र गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।

    गिरोह के कई लोग पूर्व में भी जा चुके हैं जेल

    डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटील ने बताया कि वर्ष 2024 में प्रमोद राघवन ने आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उस मुकदमे में राहुल गौतम, अर्चना गौतम, विवेक कुमार, ओमकार, डा. स्मिता नंदा, शिशुपाल, पुष्पक, हिमांशी और सागर को नामजद किया गया था।

    अर्चना गौतम के खिलाफ मुंबई के डोंगरी भाईकला थाने में मुकदमा दर्ज है। इस मामले में मुंबई पुलिस ने अर्चना को गिरफ्तार किया था और वह मुंबई के बाबर वाला जेल में बंद थी। गाजियाबाद पुलिस ने अर्चना को गाजियाबाद की अदालत में तलब करवाया था और 14 दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी।

    अर्चना के खिलाफ 16 अक्तूबर 2024 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था और अन्य नामजद आरोपियों के खिलाफ जांच की जा रही है। इस गिरोह के खिलाफ हरिद्वार में भी एक मुकदमा दर्ज है।