Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    19 साल बाद खुला उसके जिंदा होने का राज, आगरा में बेटे की हत्या का नाटक रचकर किया था खेल

    By VINIT KUMAREdited By: Kushagra Mishra
    Updated: Sat, 18 Oct 2025 10:37 AM (IST)

    गाजियाबाद में 19 साल पुराने एक मामले में, एक व्यक्ति ने अपने बेटे की हत्या का नाटक रचकर एलआईसी से 72 लाख रुपये का बीमा क्लेम हासिल किया। बाद में, अहमदाबाद पुलिस ने उस व्यक्ति को गिरफ्तार किया और इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। जांच में पता चला कि 'मृत' बेटा वास्तव में जीवित था, और बीमा राशि हड़पने के लिए एक मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति की हत्या की गई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

    Hero Image

    हत्या का नाटक रचकर एलआईसी को लगाया था चूना, केस दर्ज।

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। आगरा में 19 साल पहले युवक की हत्या कर फर्जी बीमा दावा पेश कर एलआइसी से 72 लाख रुपए का बीमा क्लेम पाने के फर्जीवाड़े में मुकदमा दर्ज किया गया है।

    बीमा कंपनी की शिकायत पर सिहानी गेट थाने में आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। आगरा में बीते वर्ष जनवरी में ही इस फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज किया गया था।

    कोर्ट के आदेश पर दर्ज मुकदमे में भारतीय जीवन बीमा निगम के प्रबंधक ने बताया कि गौतमबुद्धनगर के भट्ठा पारसौल निवासी अनिल सिंह ने वर्ष 2003 से 2006 तक चार बीमा पालिसी कराई।

    बाद में विजयपाल सिंह ने 2006 में बीमा कंपनी को सूचित किया कि उनके पुत्र अनिल की आगरा में सड़क हादसे में जलकर मौत हो गई है। इसके बाद बीमा कंपनी ने करीब 72 लाख रुपए का भुगतान मृतक के पिता विजयपाल सिंह को कर दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वर्ष 2023 में अहमदाबाद पुलिस ने एक फर्जीवाड़े में अनिल सिंह को गिरफ्तार किया तब उसकी हत्या की झूठी कहानी का पता चला। अहमदाबाद पुलिस की सूचना पर आगरा के रकाबगंज थाने में युवक की हत्या का केस दर्ज किया गया।

    जांच में सामने आया कि अनिल सिंह की मौत हुई ही नहीं थी। 30 जुलाई 2006 को विजयपाल सिंह, उनके बेटे अभय सिंह और अन्य साथियों ने एक मानसिक रूप से अस्थिर युवक का अपहरण किया। उसे नशीला पदार्थ खिलाकर अनिल सिंह के कपड़े पहनाए गए और फिर कार में आग लगाकर उसकी हत्या कर दी गई, ताकि शव को अनिल का बताया जा सके।

    यह पूरी साजिश बीमा राशि हड़पने के लिए रची गई थी। घटना के बाद आरोपितों ने शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया और बीमा कंपनी से अनिल की मृत्यु के आधार पर दावा प्राप्त कर लिया था।

    यह भी पढ़ें- राहुल सिंघल ने जीएसटी में मुजफ्फरनगर में दर्शा रखी थी अपनी फर्म, गाजियाबाद से एसटीएफ ने की गिरफ्तारी