राहुल सिंघल ने जीएसटी में मुजफ्फरनगर में दर्शा रखी थी अपनी फर्म, गाजियाबाद से एसटीएफ ने की गिरफ्तारी
मुजफ्फरनगर के राहुल सिंघल, जो नकली उर्वरक बेचने वाले गिरोह का सरगना है, को एसटीएफ ने गाजियाबाद से गिरफ्तार किया। उसने जीएसटी पंजीकरण के लिए मुजफ्फरनगर का पता दिया था, जबकि वहां कोई फैक्ट्री नहीं है। राहुल पहले मुजफ्फरनगर में रहकर यह नेटवर्क चलाता था और उस पर धोखाधड़ी के मुकदमे भी दर्ज हैं। कृषि विभाग की जांच में पंजीकरण फर्जी पाया गया।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। नकली उर्वरक बेचने वाले गिरोह का सरगना राहुल सिंघल मूलरूप से मुजफ्फरनगर का रहने वाला है। उसे यूपी एसटीएफ आगरा की यूनिट ने गाजियाबाद के मुरादनगर से गिरफ्तार किया है। राहुल सिंघल ने नकली उर्वरक बिक्री के लिए कई राज्यों में अपना नेटवर्क बना रखा है।
खास बात ये है कि उसने अपनी फर्म का जीएसटी में पंजीकरण के लिए मुजफ्फरनगर का ही पता दिया है, लेकिन यहां उसकी कोई फैक्ट्री संचालित ही नहीं है। शुक्रवार को एसटीएफ आगरा यूनिट ने मथुरा के थाना हाईवे क्षेत्र में रिफाइनरी इलाके से नकली डीएपी से भरा ट्रक पकड़ा। उसके बाद गिरोह के सरगना राहुल सिंघल को गाजियाबाद के मुरादनगर से गिरफ्तार किया।
राहुल सिंघल वर्तमान में गाजियाबाद के साहिबाबाद में रहता है, जहां उसकी ससुराल है। राहुल ने नकली उर्वरक बनाने के लिए कच्चा माल मुजफ्फरनगर से ही लाने की बात एसटीएफ को पूछताछ में बताई। इसकी वजह से एक बार फिर जिले का नाम नकली उर्वरक एवं खाद बनाने व बेचने को लेकर बदनाम हुआ है।
उधर, जानकारी मिली है कि आरोपित राहुल सिंघल दस साल पहले तक मुजफ्फरनगर के नई मंडी क्षेत्र में कंबलवाला कालोनी में रहकर नकली उर्वरक बिक्री का नेटवर्क चलाता था। उसके विरुद्ध नई मंडी तथा नगर कोतवाली में भी कापीराइट एक्ट एवं धोखाधड़ी के आरोप में दो मुकदमे पंजीकृत हैं।
यह भी पता चला है कि राहुल सिंघल की फर्म के संबंध में एक साल पहले कृषि विभाग ने पड़ताल की थी। उसकी फर्म का जीएसटी में पंजीकरण मुजफ्फरनगर का दर्शाया गया था और फैक्ट्री मेरठ रोड पर वहलना गांव में स्थित बताई थी। जबकि कृषि विभाग की टीम को वहलना गांव में उसकी कोई फैक्ट्री संचालित होती नहीं मिली थी। इससे स्पष्ट है कि राहुल सिंघल ने जीएसटी में बोगस फर्म का पंजीकरण करा रखा था।
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