गाजियाबाद में भ्रष्टाचार में लिप्त रिटायर्ड कर्मचारियों की कटेगी पेंशन, शिखर एन्क्लेव योजना में शिकायतों की जांच पूरी
वसुंधरा सेक्टर-15 की शिखर एन्क्लेव योजना में भ्रष्टाचार की जांच पूरी हो गई है। जांच में आवास विकास को करीब नौ करोड़ का नुकसान पाया गया। इसमें लिप्त से ...और पढ़ें
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जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। वसुंधरा सेक्टर-15 में शिखर एन्क्लेव योजना में निर्माण कार्य की गुणवत्ता और ठेकेदार को अधिक भुगतान करने की शिकायत के मामले में जांच पूरी कर ली गई है। इसमें लिप्त रहे कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जिनकी पेंशन में पांच से 10 फीसद कटौती करके नुकसान की भरपाई को पूरा किया जाएगा। मामले में स्थानीय निवासी संदीप गुप्ता ने शासन से शिकायत की थी। इसके बाद जांच को शुरू कराया गया।
26 दिसंबर को लखनऊ में आवास विकास की बोर्ड बैठक के दौरान शिखर एन्क्लेव समेत अन्य योजनाओं में भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए। वसुंधरा में आवास विकास परिषद ने 216 फ्लैट की सोसायटी को लांच किया था। इसके निर्माण कार्य शुरू होने पर आवंटियों ने खराब गुणवत्ता और खामियों की शिकायत की थी।
इसके अलावा निर्माण से पहले ही निर्माता एजेंसी को करीब 60 लाख से अधिक का भुगतान होने की लापरवाही भी सामने आई। इस मामले में वर्ष 2018 में निर्माण एजेंसी के खिलाफ मुकदमा और ब्लैक लिस्ट करते हुए लापरवाही बरतने वाले अधिशासी अभियंता को निलंबित भी किया गया था।
वर्ष 2018 से ही मामले की जांच वित्तीय नियंत्रक डा. महेश चंद्र पांडेय की अध्यक्षता में की जा रही थी। बोर्ड बैठक में जो जांच रिपोर्ट सौंपी दी गई है, उसमें सामने आया है कि करीब नौ करोड़ का नुकसान आवास विकास को हुआ है। इसमें लिप्त सेवानिवृत्त अधिशासी अभियंता नासिर हुसैन, सहायक अभियंता राजीव कुमार यादव, अवर अभियंता यूसी मिश्रा, अवर अभियंता गजेंद्र पाल, सहायक अभियंता डीसी शुक्ला समेत अन्य शामिल हैं।
बोर्ड बैठक में तय किया गया है कि पेंशन के आधार पर तीन से छह साल के बीच में इनकी कटौती की जाएगी। संदीप गुप्ता ने बताया कि साल 2018 में जनसुनवाई पोर्टल की गई शिकायत का शासन ने संज्ञान लिया था। इसके बाद लखनऊ से टीम ने आकर जांच की थी। इसमें लापरवाही मिली थी। आरटीआइ के जवाब में भी आवास विकास परिषद ने निर्माता ठेकेदार के खिलाफ एफआइआर कराने की बात की थी।
जांच लखनऊ से की जा रही थी। जांच की रिपोर्ट भी अभी कार्यालय में नहीं मिली है। वित्तीय नियंत्रक ने इस मामले की जांच की है और कार्रवाई भी उनके स्तर पर ही की जाएगी।
- निखिल माहेश्वरी,अधिशासी अभियंता, निर्माण खंड एक आवास विकास परिषद

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