गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन में विकास के वादे, हकीकत में सड़कों पर धूल और गड्ढे
गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन में विकास के वादे अधूरे हैं। निवासियों को सड़कों पर धूल और गड्ढों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे दैनिक जीवन मुश्किल हो ...और पढ़ें
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जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। शहर का पाश इलाका कहे जाने वाला राजनगर एक्सटेंशन आज बुनियादी सुविधाओं के आभाव में लोगों की नाराजगी का केंद्र बना हुआ है। जीडीए द्वारा सुविधा शुल्क और नगर निगम द्वारा हाउस टैक्स व सीवर टैक्स नियमित रूप से वसूले जा रहे हैं, लेकिन सफाई, सड़क, सीवर और परिवहन व्यवस्था बदहाल है। ॉ
क्षेत्र में न कोई सार्वजनिक पार्क, न सरकारी अस्पताल और न ही सरकारी स्कूल या कम्युनिटी सेंटर है। डाकघर के लिए भी लोगों को कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। वर्षों पहले बने बस स्टैंड आज तक शुरू नहीं हो सके, जिससे लोग आटो चालकों की मनमानी झेल रहे हैं।
हम पूरा टैक्स समय पर देते हैं, फिर भी सफाई नहीं होती। बच्चों के खेलने के लिए पार्क नहीं है, इलाज के लिए अस्पताल नहीं। टैक्स पूरा देते है, बदले में कुछ नहीं मिलता है।
- लवीश त्यागी, ब्रेव हार्ट्स सोसायटी
राजनगर एक्सटेंशन की सिक रोड पर हाल ही में लगभग 1000 अवैध झुग्गियां तेजी से बसाई गई हैं। यहां बिना सत्यापन लोग रह रहे हैं। रोहिंग्या व बांग्लादेशी घुसपैठियों की संभावित मौजूदगी को लेकर गंभीर संभावनाएं हैं।
- पुनित गोयल, सचिव, गौर कैस्केड्स सोसायटी
बिल्डरों और सिस्टम ने हमें सपने दिखाए, लेकिन हर रोज अव्यवस्था से जूझना पड़ता है। वर्षा के दिनों में जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ता है। शिकायत करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।
- दुष्यंत त्यागी, उपाध्यक्ष, केडब्ल्यू सोसायटी
राजनगर एक्सटेंशन को लग्जरी एरिया बताकर हमसे भारी कीमत वसूली गई। किसानों को मुआवजा, बिल्डरों को मुनाफा और सरकार को टैक्स मिला, लेकिन खरीदार को सिर्फ टूटी सड़कें और धूल नसीब हुई।
- दिपांशु मित्तल, सामाजिक कार्यकर्ता, राजनगर एक्सटेंशन

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