Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Year Ender 2025: गाजियाबाद में राहत की आस में सरकार की ओर देखते रहे उद्यमी, चुनौतियों के साथ मिली संजीवनी

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 05:32 AM (IST)

    गाजियाबाद में 2025 का साल उद्योगों के लिए चुनौतियों और सौगातों भरा रहा। उद्यमियों ने सरकारी राहत की उम्मीद की, लेकिन जमीन की कमी और अमेरिकी टैरिफ से न ...और पढ़ें

    Hero Image

    साउथ साइड जीटी रोड औद्योगिक क्षेत्र । जागरण

    शाहनवाज अली, गाजियाबाद। वर्ष 2025 में जिले के उद्यमी पूरे साल सरकार से राहत की उम्मीद लगाए बैठे रहे। नए उद्योगों की स्थापना के लिए जमीन की अनुपलब्धता सबसे बड़ी बाधा बनी रही, जिससे निवेश और औद्योगिक विस्तार प्रभावित हुआ। इसके अलावा अमेरिकी टैरिफ के असर से निर्यात आधारित उद्योग दबाव में रहे। इससे निपटने के लिए उद्यमियों ने नए बाजार तलाशने और लागत घटाने की रणनीतियां अपनाईं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यूपीसीडा की ओर से कई औद्योगिक क्षेत्रों को नई सुविधाओं की सौगात दी। इसमें पथ प्रकाश व्यवस्था, सीसीटीवी कैमरों से सुरक्षा और साफ-सफाई व कर वसूली की जिम्मेदारी मिलने से व्यवस्था किसी हद तक पटरी पर लौटी।

    सरकारी योजनाओं के माध्यम से विकास के नए रास्ते खुले, जिससे हजारों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े और निवेश का माहौल बना। लेकिन प्रदूषण और यातायात जैसी पुरानी समस्याओं से निपटने के उठाए गए कदम प्रभावी साबित नहीं हो सके। 

    Ghaziabad Khabar update (13)

    बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र स्थित फैक्ट्री में काम करता कारीगर। जागरण

    बीएस रोड की कई सड़के अभी निर्माण की बाट जोहती नजर आई, जहां आज भी वाहनों की धूल आमजन के लिए जी का जंजाल बनी हैं। उद्यमियों और उद्योगों को पूरी क्षमता से काम करने का मौका नहीं मिल सका। उद्योग जगत के लिए साल 2025 चुनौतियों और सौगात के रूप में गुजरा।

    गाजियाबाद के उद्योगों में निर्मित प्रमुख उत्पाद

    • ऑटोमोबाइल पिस्टन एवं रिंग उद्योग
    • मशीनरी पार्ट्स
    • विद्युत पुर्जा
    • फार्मास्यूटिकल
    • होम फर्निशिंग
    • आटोमोटिव
    • फैब्रिक फैशन
    • उपकरण स्टील आधारित उद्योग
    • प्लास्टिक फर्नीचर
    • स्टेनलेस स्टील
    • वायर एवं बार्स
    • हाई एवं लो कार्बन स्टील वायर उद्योग
    • हैंडलूम संबंधित उद्योग

    जिले में कुल एमएसएमई उद्योग, निवेश और रोजगार

    वर्ष इकाई निवेश करोड़ में रोजगार सूक्ष्म लघु मध्यम मैन्यूफैक्चरिंग सर्विस ट्रेडिंग
    2020-21 16,969 3165.88 178,739 15,151 1,597 221 6,936 9,409 624
    2021-22 24,827 1495.66 159,479 23,303 1,374 150 7,948 11,280 -5,599
    2022-23 32,671 1019.38 305,080 31,976 650 45 8,566 9,837 14,268
    2023-24 39,893 1206.93 209,359 39,412 454 27 9,947 13,574 16,372
    2024-25 48,677 10,926 16,465 21,286 10,610 37,615 452 0 1,258.01
    कुल 1,68,268 45,744 61,975 60,549 32,818 1,33,710 1,613 127 8,095.26

    एमएसएमई इकाइयों का टर्नओवर

          इकाई का प्रकार - वार्षिक टर्नओवर

    • सूक्ष्म इकाई - एक से पांच करोड़ रुपये
    • लघु उद्योग - 10 से 50 करोड़ रुपये
    • मध्यम उद्योग - 50 से 250 करोड़ रुपये

    नई उद्योग नीति बड़े भूखंड विभाजन योजना

    नए उद्योगों के लिए संजीवनी उत्तर प्रदेश उद्योग विकास निगम (यूपीसीडा) की नई नीति ने गाजियाबाद में 211 अप्रयुक्त औद्योगिक भूखंडों को पुनर्जीवित किया है। इन भूखंड के मालिकों को अपनी जमीन को विभाजित करके बेचने की अनुमति मिली है।

    अब छोटे और स्मार्ट उद्योगों, स्टार्टअप्स और नए निवेश के रास्ते खुले हैं। यहां 10 क्लस्टरों में 27 हजार से अधिक उद्योग हैं, जिनमें पांच लाख से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। लेकिन पिछले दो दशक में उद्योग के लिए कोई नया औद्योगिक क्षेत्र उपलब्ध नहीं हो सका।

    सरकारी पहल

    • मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान : दो हजार युवाओं को पांच लाख तक के ब्याज-मुक्त ऋण और उद्यमी बनने का मौका मिला।
    • मूलभूत सुविधाएं : लोहा मंड़ी, बीएस रोड औद्योगिक क्षेत्र, साइट-चार में पानी की सप्लाई के लिए बड़ी परियोजना और टूटी सड़कों का निर्माण, टीएसटीपी प्लांट कार्य हुआ।
    • निवेश का माहौल : जीबीसी (ग्लोबल बिजनेस कान्क्लेव) से पहले ही 20 हजार करोड़ का लक्ष्य पार हुआ, जिससे हजारों रोजगार पैदा होने की उम्मीद है।
    • वैश्विक मंच : यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपीआइटीएस) में गाजियाबाद के 90 उद्यमियों ने हिस्सा लिया, जिससे उनके उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली और निर्यात के अवसर बढ़े।
    • रोड कनेक्टिविटी : नार्दर्न पेरिफेरल रोड (एनपीआर) जैसी परियोजनाओं से उद्योगों को लाजिस्टिक्स में लाभ मिला।

    चुनौतियां भी कम नहीं

    • प्रदूषण : निर्माण धूल, पुराने वाहनों और जनरेटर के उपयोग से प्रदूषण बढ़ा, जिससे उत्पादन प्रभावित हुआ।
    • यातायात : बढ़ती भीड़भाड़ और जाम से माल की डिलीवरी में देरी और लागत बढ़ी।
    • कठोर नियम : प्रदूषण नियंत्रण के कड़े नियमों ने उत्पादन इकाइयों पर दबाव डाला।
    • प्रतिस्पर्धा : घरेलू और विदेशी कंपनियों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने छोटे और मध्यम उद्योगों को कमजोर किया।

    ग्रेटर गाजियाबाद के लिए जीडीए तलाश रहा जमीन

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने शहर में नए रोजगार अवसर पैदा करने के लिए एक और औद्योगिक क्षेत्र बसाने की तैयारी की। इसके लिए जीडीए द्वारा शहर की आबादी से दूर मोदीनगर के भोजपुर, मुरादनगर, लोनी और डासना समेत शहर के अन्य इलाकों में जमीन की तलाश शुरू की। जमीन मिलने पर नए औद्योगिक क्षेत्र को बसाने में तेजी लाई जाएगी। यह औद्योगिक योजना 200 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में लाई जा सकती है।

     

    बड़े भूखंड को छोटे-छोटे कर बिक्री की नई उद्योग नीति दोनों पक्षों के लिए लाभदायक है। इससे भूखंड मालिक और नए उद्यमी दोनों को लाभ होगा। इससे निवेश के साथ ही रोजगार सृजन होगा। यूपीसीडा ने औद्योगिक क्षेत्रों में सड़कों, बिजली आपूर्ति और सीवेज प्रणालियों में सुधार के लिए 2025-26 के लिए 6,190 करोड़ रुपये के बजट की योजना बनाई है।


    -

    - प्रदीप सत्यार्थी, क्षेत्रीय प्रबंधक यूपीसीडा

    2025 के प्रारंभ में यूक्रेन और खाड़ी युद्ध के चलते वैश्विक बाजार एवं उद्योगों के सामने अस्तित्व के संकट के विपरीत ये साल उद्योगों के लिए काफी अच्छा रहा। इन्स्पेक्टर राज में कमी के अलावा भी प्रदेश सरकार को लघु उद्योगों के लिए काफी कुछ करना बाकी है।


    -

    - उपेंद्र गोयल, अध्यक्ष आल इंडिया मेन्युफैक्चरर्स आर्गेनाइजेशन (यूपी स्टेट बोर्ड)