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    गाजियाबाद में पांच गैंगस्टर को अलग-अलग मामलों हुई सजा, आरोपितों ने स्वेच्छा से स्वीकार किया अपना अपराध

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 10:25 PM (IST)

    गाजियाबाद में पांच गैंगस्टर को अलग-अलग मामलों में सजा सुनाई गई है। इन सभी आरोपियों ने स्वेच्छा से अपना अपराध स्वीकार किया था जिसके बाद अदालत ने यह फैस ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। अदालत ने अलग-अगल मामलों में पांच गैंग्स्टर को अलग-अलग सजा और जुर्माना लगाया। आरोपितों ने क्षेत्र में भय फैलाकर अवैध रूप से धन की उगाही करते थे। आरोपितों ने स्वेच्छा से अपना जुर्म स्वीकार कर लिया।

    पहले मामले में मुरादनगर थाना क्षेत्र निवासी फिरोज, फैजान और इमरान हाशमी के खिलाफ पुलिस ने वर्ष 2018 में गैंग्स्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। आरोपित लूट, हत्या और डकैती की वारदातों में शामिल रहे हैं। लोगों में इनका भय व्याप्त था। तीनों आरोपितों ने अर्जी दाखिल कर अपना अपराध स्वेच्छा से स्वीकार कर लिया।

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    अदालत ने तीनों को दोषी करार देते हुए छह वर्ष 11 माह के कारावास और पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया। दूसरा मामला ट्रेनों में यात्रियों को नशीला पदार्थ सुंघाकर बेहोश कर सामान लूटने वाले आरोपित मोहम्मद इरशाद से जुड़ा है। जीआरपी ने वर्ष 2018 में इरशाद के खिलाफ गैंग्स्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था।

    पहले भी कई बार आरोपित जेल जा चुका है। आरोपित गैंग के सदस्यों के साथ अपराध करता था। इरशाद ने भी कोर्ट में अपना अपराध स्वेच्छा से स्वीकार कर लिया। अदालत ने उसे छह वर्ष नौ माह के कारावास और पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। तीसरा मामले भोजपुर थाना क्षेत्र निवासी असलम अपने साथी अनिल कुमार, संजू, सुरेंद्र, ऋषि, सोनू और अशोक के साथ मिलकर चोरी, लूट और डकैती की घटना को अंजाम देता था।

    वर्ष 2019 में पुलिस ने सभी के खिलाफ गैंग्स्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ गैंग चार्ट बनाकर पेश किया था। असलम ने कोर्ट में अर्जी देकर देकर स्वेच्छा से अपना अपराध स्वीकार कर लिया। आरोपित ने कोई भी सफाई देने से मना कर दिया। गैंग्स्टर एक्ट कोर्ट के न्यायाधीश विनोद कुमार ने असलम की फाइल को अन्य आराेपितों से अलग करते हुए छह वर्ष 10 माह और पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।