हापुड़ पुलिस की तरह गुमशुदा न रह जाए कफ सीरप तस्करी का बांग्लादेश कनेक्शन, पुलिस ने गठित की SIT
गाजियाबाद में कफ सीरप तस्करी मामले में बांग्लादेश कनेक्शन सामने आया है। हापुड़ पुलिस पहले भी ऐसा मामला सुलझाने में विफल रही थी। गाजियाबाद पुलिस ने एसआईटी गठित की है, जिसका मुख्य उद्देश्य बांग्लादेश कनेक्शन का पता लगाना है। पुलिस मास्टरमाइंड सौरव त्यागी और वान्या एंटरप्राइजेज के मालिक की तलाश कर रही है, ताकि तस्करी के नेटवर्क का खुलासा हो सके।
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जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। नशे के लिए प्रयोग हो रहे कफ सीरप तस्करी के मामले की जांच में बांग्लादेश कनेक्शन नया नहीं है। इसी वर्ष जून में हापुड़ पुलिस ने भी फेंसिडिल कफ सीरप की बड़ी खेप बरामद की थी। उसमें भी बांग्लादेश कनेक्शन सामने आया था, लेकिन पांच महीने की जांच के बाद पुलिस पता नहीं लगा पाई कि किस तरह बांग्लोदश तक कफ सीरप पहुंचाया जा रहा था।
वहीं, अब देखना यह कि गाजियाबाद पुलिस बांग्लादेश के कनेक्शन को कब तक उजागर करती है हालांकि इस मामले की जांच के लिए बृहस्पतिवार को तीन सदस्यीय एसआइटी गठन कर दिया गया है। क्राइम ब्रांच की एसआइटी में एक इंस्पेक्टर और दो दारोगा को शामिल किया गया है।
पुलिस ने मकनपुर निवासी सौरव त्यागी को कफ तस्करी का मास्टरमाइंड बताया है। जबकि ट्रांसपोर्टर, कामगार और कर्मचारी भी आरोपित बनाए गए हैं। पुलिस के लिए पूरी जांच में सबसे अहम साक्ष्य बांग्लादेश का कनेक्शन अभी तक नहीं मिल पाया है। इस नेटवर्क में एक अंतरराष्ट्रीय कड़ी भी सामने आई है।
पुलिस ने अन्य आरोपितों से पूछताछ के आधार पर दुबई में मौजूद एक व्यक्ति आसिफ के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है। हालांकि अभी तक की जांच में पुलिस के लिए सबसे अहम साक्ष्य बांग्लादेश का कनेक्शन अभी तक गुमशुदा है। पुलिस के लिए यह जानना सबसे महत्वपूर्ण है कि गाजियाबाद से तस्करी किया गया कफ सीरप किस तरह से बांग्लादेश की सीमा तक पहुंच रहा था।
वहीं, जांच में सामने आया है कि कफ सीरप कंपनी के सी एंड एफ एजेंट दिल्ली के वान्या एंटरप्राइजेज से बिना बिल खरीदा गया था। पुलिस वान्या एंटरप्राइजेज के मालिक की तलाश भी कर रही है। पूरे मामले का मास्टरमाइंड मेरठ के रहने वाले आसिफ, वसीम और वाराणसी के शुभम जायसवाल की भी तलाश कर रही है।
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मामले की जांच के लिए बृहस्पतिवार को तीन सदस्यीय एसआइटी का गठन किया गया है। मामले की सभी पहलुओं पर जांच की जाएगी। जांच के बाद ही पता चलेगा कि किस तरह कफ सीरप तस्करी कर बांग्लादेश तक पहुंचाया जा रहा था। - पीयूष कुमार सिंह, एडीसीपी क्राइम

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