लगातार दूसरे दिन गाजियाबाद की हवा देश में सबसे प्रदूषित, इंदिरापुरम और वसुंधरा का AQI 400 के पार पहुंचा
गाजियाबाद लगातार दूसरे दिन देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 430 दर्ज किया गया। लोनी की हवा वजीराबाद के बाद सबसे जहरीली रही, जिसका एक्यूआई 461 मापा गया। प्रदूषण का मुख्य कारण अवैध फैक्ट्रियों का संचालन और टूटी सड़कें हैं। जिले के अन्य इलाकों में भी प्रदूषण का स्तर गंभीर बना हुआ है। अधिकारी पानी का छिड़काव कर रहे हैं और अवैध फैक्ट्रियों पर कार्रवाई जारी है।

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। लगातार दूसरे दिन गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, बृहस्पतिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 430 दर्ज किया गया। वहीं, देश भर में दिल्ली के वजीराबाद के बाद लोनी क्षेत्र की हवा सबसे जहरीली रही।
वजीराबाद का एक्यूआई 462 तो लोनी का एक अंक कम 461 दर्ज किया गया। यह लोनी का इस वर्ष का सबसे अधिक एक्यूआई है। बीते वर्ष 19 नवंबर को अधिकतम एक्यूआई 472 दर्ज किया गया था।
बुधवार को जिले का एक्यूआई 422 दर्ज किया गया था, लेकिन शुक्रवार तक इसमें आठ अंक की बढ़ोतरी हो गई। हालांकि हवा की गति के साथ प्रदूषण का स्तर भी दिनभर घटता बढ़ता रहा। अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी भी वर्षा होने व तेज हवा चलने के इंतजार में हैं।
उनका कहना है कि नमी के कारण वायु मंडल में पीएम (पार्टिकुलेट मैटर)-2.5 और पीएम-10 के कण बहुत अधिक हैं। अभी हवा की गति बहुत कम है, जिससे कण वायुमंडल में घूम रहे हैं। अगर वर्षा या तेज हवा चल जाएगी तो प्रदूषण का स्तर अपने आप कम हो जाएगा।
उनका कहना है कि अपने स्तर से नगर निगम और नगर पालिकाएं पानी का छिड़काव करा रही हैं, लेकिन वह केवल सड़कों तक सीमित है। वहीं, प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ने के बाद भी ग्रेप के नियमों का भी खूब उल्लंघन हो रहा है। अधिकारी केवल कागजी योजनाओं में उलझे हुए हैं।
लोनी में अवैध फैक्ट्री प्रदूषण का बड़ा कारण
लोनी में प्रदूषण का मुख्य कारण अवैध फैक्ट्रियों का संचालन है। यहां हजारों की संख्या में अवैध फैक्ट्रियां चल रही हैं। घरों में तारों को जलाकर धातु निकाली जा रही है। कई जगह ई-वेस्ट भी जलाया जा रहा है। अधिकारी कार्रवाई के नाम पर खानापूरी कर रहे हैं। इसके अलावा टूटी सड़कें भी प्रदूषण का कारण हैं।
सभी इलाकें की स्थिति बेहद गंभीर
प्रदूषण के मामले में जिले के सभी इलाकों की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। संजय नगर का एक्यूआई भी 433, इंदिरापुरम का 413 और वसुंधरा का 414 दर्ज किया गया है। केवल चार स्थानों पर ही प्रदूषण मापक यंत्र लगे हुए हैं। लोगों का कहना है कि बाकी इलाकों में भी मापक यंत्र लगने चाहिएं, जिससे प्रदूषण का पता चल सकें।
स्टेशनों का एक्यूआई
- गाजियाबाद - 430
- लोनी - 461
- संजय नगर - 433
- इंदिरापुरम - 413
- वसुंधरा - 414
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सड़कों व अधिक धूल वाले इलाकों में नगर निगम व नगर पालिका द्वारा पानी का छिड़काव लगातार किया जा रहा है। अवैध फैक्ट्रियों पर भी कार्रवाई जारी है।
-अंकित सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी।

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