गाजियाबाद में सामान्य से नौ गुना AQI में रहने को मजबूर शहरवासी, इंदिरापुरम और वसुंधरा में हालात गंभीर
शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सामान्य से नौ गुना अधिक है, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। इंदिरापुरम, वसुंधरा जैसे इलाकों में स्थिति गंभीर है। प्रदूषण के मुख्य कारण धूल, कूड़ा, धुआं और अवैध फैक्ट्रियां हैं। अधिकारी अंकित सिंह के अनुसार, हवा की गति बढ़ने से प्रदूषण कम हो रहा है और जल्द ही राहत मिलेगी।

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। शहरवासी सामान्य वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के मुकाबले आठ से नौ गुना एक्यूआई में रहने को मजबूर हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार 50 से कम एक्यूआई को ही सामान्य एक्यूआई की श्रेणी में रखा गया है, जबकि जिले का एक्यूआइ इस माह 437 तक पहुंच गया है जो करीब नौ गुना है।
सीपीसीबी के अनुसार एक्यूआई को छह श्रेणियों में विभाजित किया गया है। अगर एक्यूआई 50 से कम है तो वह मानव जीवन के लिए साफ हवा है। यानी इससे स्वास्थ्य पर किसी तरह के नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ते हैं। 51 से 100 एक्यूआई संतोषजनक श्रेणी में आता है। इसमें थोड़ी दिक्कत होनी शुरू हो जाती है।
इसके बाद मध्यम, खराब, बेहद खराब और छठी व अंतिम गंभीर श्रेणी है। इसमें एक्यूआई 401 के पार रहता है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक है। आज कल जिले की हवा बेहद खराब व गंभीर श्रेणी में ही बनी हुई है, जो सामान्य से बहुत अधिक है।
इसमें बीमार व्यक्ति के साथ ही सामान्य व्यक्ति को भी विभिन्न प्रकार की परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। गले में खरास, खांसी, आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत आदि परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
किसी भी क्षेत्र को राहत नहीं
जिले में इंदिरापुरम, वसुंधरा, संजय नगर व लोनी में प्रदूषण मापक यंत्र लगाए गए हैं। इन सभी इलाकों में हवा बेहद खराब व गंभीर स्थिति में बनी हुई है। बाकी जिन इलाकों में प्रदूषण मापक यंत्र नहीं लगाए गए हैं वहां के लोगों को एक्यूआइ की जानकारी नहीं मिल पाती है, लेकिन स्थिति वहां भी बेहद खराब है।
धूल, धुआं, जाम व अवैध फैक्ट्री पर रोक लगे तो मिल जाए राहत
जिले में प्रदूषण के सबसे बड़े चार-पांच कारण हैं। इसमें सड़कों पर उड़ती धूल, जगह-जगह जलता कूड़ा व ई-वेस्ट से निकलता धुआं और मोहननगर, मेरठ रोड, लालकुआं समेत विभिन्न इलाकों में जाम की समस्या।
इसके अलावा लोनी, भोपुरा व साहिबाबाद में अवैध फैक्ट्रियों का संचालन है। वहीं, ग्रेप की पाबंदियों के बाद भी विभिन्न इलाकों में निर्माण कार्य जारी हैं। इन सभी कारकों पर अगर रोक लग जाएगी तो लोगों को काफी हद तक प्रदूषण से राहत मिल जाएगी।
सीपीसीबी व आईक्यू एयर के अनुसार एक्यूआई
| क्षेत्र | AQI-सीपीसीबी | AQI-आईक्यू एयर एप |
| गाजियाबाद | 349 | 175 |
| इंदिरापुरम | 374 | 173 |
| लोनी | 320 | 185 |
| संजय नगर | 337 | 162 |
| वसुंधरा | 364 | 177 |
मंगलवार को छठे स्थान पर रहा गाजियाबाद
- हापुड़ - 389
- नोएडा - 373
- ग्रेटर नोएडा - 364
- मानेसर - 356
- दिल्ली - 353
- गाजियाबादद - 349
ये है एक्यूआई व श्रेणी
0-50 एक्यूआई पर साफ
51-100 एक्यूआई पर संतोषजनक
101-200 एक्यूआई पर मध्यम
201-300 एक्यूआई पर खराब
301-400 एक्यूआई पर बेहद खराब
401-500 एक्यूआई पर गंभीर
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बीते दो दिन में एक्यूआइ में गिरावट आई है। हवा की गति बढ़ने के साथ ही प्रदूषण भी कम हो रहा है। सभी विभाग अपने स्तर से भी कार्रवाई में जुटे हैं। अगले कुछ दिन में और राहत मिलेगी।
-अंकित सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी।

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