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    दुबई में प्राॅपर्टी दिलाने का झांसा देकर गाजियाबाद में दंपती से ठगी, 28.47 लाख दिरहम का चूना लगा

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 04:06 PM (IST)

    इंदिरापुरम में एक दंपती को दुबई में संपत्ति दिलाने के नाम पर 28.47 लाख दिरहम की ठगी हुई। आरोपियों ने खुद को दुबई में पंजीकृत एजेंट बताकर रकम अपने खातों में ट्रांसफर कराई और फर्जी रसीदें भेजीं। पीड़ितों ने तीन आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है, पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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    दुबई में प्राॅपर्टी दिलाने का झांसा देकर गाजियाबाद में दंपती से ठगी, 28.47 लाख दिरहम का चूना लगा।

    जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। इंदिरापुरम थाना क्षेत्र में रहने वाले एक दंपती से कुछ लोगों ने दुबई में पंजीकृत एजेंट बताकर संपत्ति दिलाने के नाम पर 28.47 लाख दिरहम हड़प लिए। आरोपियों ने यह रकम अपने खातों में ट्रांसफर करा ली, लेकिन कंपनी के खाते में जमा नहीं कराई। उन्हें कंपनी की फर्जी रसीद बनाकर भी भेजी। फर्जीवाड़े का पता चलने के बाद तीन आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।

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    गुरुग्राम के पालम विहार में रहने वाले अक्षय का कहना ने मामले में एटलीन इंटरनेशनल कंपनी के निदेशक समीर चौधरी, दमक रियल स्टेट कंपनी के निदेशक अमृत व कर्मचारी सिमरत के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। दर्ज रिपोर्ट में अक्षय का कहना है कि अंजलि रतन और राजीव रतन प्रापर्टी कारोबारी हैं। वह इन दोनों के कार्यालय में काम करते हैं।

    कुछ समय पहले दुबई की दमक रियल स्टेट कंपनी के प्रोजेक्ट में संपत्ति ली थी। सौदा समीर चौधरी और उनकी पत्नी के माध्यम से 28.47 लाख दिरहम में हुआ था। दोनों ने खुद को दुबई का पंजीकृत एजेंट बताया और अमृत ने अपने को दमक का निदेशक बताया।

    संपत्ति का आवेदन बनाकर आरोपियों ने गार्डेनिया ग्लैमर सोसायटी में कारोबारी के आवास पर भेजा। उन्हें कुछ समय बाद पता चला कि दमक कंपनी अपने ग्राहकों को अपडेट कराने के लिए एक एप डाउनलोड कराती है, लेकिन आरोपियों ने उन्हें इस एप की जानकारी नहीं दी। शक होने पर उन्होंने छानबीन की तो पता चला कि समीर चौधरी ने उनकी जगह अपना संपर्क नंबर कंपनी में दिया था।

    समीर ने कंपनी में कुछ भुगतान किया और बाकी रकम अपने रिश्तेदारों को भेजा। आरोपी कंपनी की फर्जी रसीद तैयार कर उन्हें भेजते रहे। जांच करने पर पता चला कि जनवरी 2025 से मई 2025 के बीच उन्हें फर्जी रसीद भेजी गईं। उन्होंने जब दमक कंपनी से संपर्क किया तो फर्जीवाड़े का पता चला। उन्होंने समीर चौधरी से संपर्क किया तो उसने धोखाधड़ी की बात स्वीकार की।

    इसके बाद उन्होंने पुलिस से शिकायत की। एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव का कहना है कि मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है। पीड़ित द्वारा उपलब्ध कराई गई रसीदों व काल रिकार्डिंग को जांच के लिए भेजा गया है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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