गाजियाबाद में साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश, 10 प्रतिशत कमीशन पर खाता मुहैया कराता था आरोपी
गाजियाबाद साइबर क्राइम पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है। वसुंधरा के एक व्यक्ति से 19.90 लाख रुपये की ठगी हुई थी। आरोपी 10 प्रतिशत कमीशन पर अपना खाता इस्तेमाल करने देता था। पीड़ित को कंबोडिया से कॉल आई थी। पुलिस ने आरोपी से मोबाइल, सिम कार्ड और नकदी बरामद की है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। गाजियाबाद में साइबर क्राइम थाना पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट कर लोगों के साथ साइबर ठगी करने वाले गिरोह के एक बदमाश को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह ने वसुंधरा निवासी एक व्यक्ति को बीते महीने डिजिटल अरेस्ट बताकर 19.90 लाख रुपये ठग लिए थे।
पकड़ा गया आरोपी 10 प्रतिशत कमीशन पर ठगों को अपना खाता मुहैया कराता था। आरोपी के खाते में ठगी के 10 लाख रुपये ट्रांसफर हुए थे जिसमें से पांच लाख रुपये उसने ठगों को दे दिए। जांच में सामने आया पीड़ित को कंबोडिया से वॉट्सएप कॉल की थी जबकि दिल्ली और त्रिपुरा के पते पर जारी मोबाइल सिम प्रयोग किए गए।
एडीसीपी क्राइम पीयूष कुमार सिंह के मुताबिक, वसुंधरा निवासी संजय कुमार को मनी लांड्रिंग केस का भय दिखाकर डिजिटल अरेस्ट बताकर साइबर अपराधियों ने पांच सितंबर से 12 सितंबर के बीच विभिन्न बैंक खातों में 19.90 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए थे। इस मामले में राकेश मार्ग निवासी अनुज मित्तल को गिरफ्तार किया गया है।
आरोपी से दो मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड और 50 हजार रुपये बरामद किए हैं। पूछताछ में आरोपित अनुज मित्तल ने कि वह 12वीं के बाद होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर क्लाउड किचन के व्यवसाय में आया।
सड़क दुर्घटना के कारण वह इस व्यवसाय को आगे नहीं चला पाया। उसके बाद वह एक सीए के साथ मिलकर जीएसटी व आयकर रिटर्न का काम करने लगा। इसी दौरान गोविंदपुरम निवासी गौरव चौहान उर्फ मोनू ठाकुर के संपर्क में आया। गौरव चौहान पहले नोएडा में काल सेंटर चलाता था। बाद में गौरव चौहान साइबर फ्राड करने वालों के साथ शामिल हो गया। गौरव के कहने पर अनुज उसे बैंक खाते मुहैया कराने लगा।
यह भी पढ़ें- गाजियाबाद: रेलवे स्टेशन पर मोबाइल चोरों के गिरोह का भंड़ाफोड़, सिम बेचकर करते थे साइबर ठगी
अनुज वर्ष 2021 में भोपाल में साइबर अपराध के एक मामले में जेल जा चुका है। आरोपित को गौरव खाते में धनराशि ट्रांसफर करने के बदले में 10 प्रतिशत रकम देता था। लालच में आकर उसने अपना ही बैंक खाते की जानकारी गौरव को ठगी की रकम ट्रांसफर कराने के लिए दे दी। पुलिस फर्जी सिम जारी करने वालों की तलाश में जुटी हुई है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।