गाजियाबाद में महंगी दवाओं के बड़े रैकेट का पर्दाफाश, पूरे नेटवर्क से हटेगा पर्दा; पुलिस ने तेज की जांच
गाजियाबाद में कैंसर की दवाओं की चोरी के मामले में, पुलिस अब सीजीएचएस स्टोर और दवा वितरण नेटवर्क की जांच कर रही है। संदेह है कि अस्पतालों के कर्मचारी और निजी एजेंसियां इसमें शामिल हैं। मुख्य आरोपी विश्वास त्यागी महंगी दवाएं चोरी करके बेच रहा था। विभागीय लापरवाही के कारण किसी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई। पुलिस रिकॉर्ड और स्टॉक का मिलान कर रही है और निजी एजेंसियों की भूमिका की जांच कर रही है।
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विनीत कुमार, गाजियाबाद। कैंसर की एक्सपायर दवाओं और सीजीएचएस सप्लाई की चोरी कर कालाबाजारी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के पर्दाफाश के बाद अब जांच सीजीएचएस स्टोर और दवा वितरण नेटवर्क की तरफ मुड़ गई है।
पुलिस और औषधि विभाग को शक है कि इतनी महंगी दवाएं जिनमें कीट्रूडा, एन्हर्टू, जोलास्टा और नोवोटेक्स जैसे लाखों रुपये मूल्य के इंजेक्शन शामिल हैं सिर्फ बाहरी तस्करों के जरिए बाहर नहीं आ सकतीं। अस्पतालों की सप्लाई से जुड़े कर्मचारियों और कुछ निजी दवा एजेंसियों की आंतरिक मिलीभगत के बिना इतना बड़ा खेल संभव नहीं है। ऐसे में पुलिस सीजीएचएस स्टोर से कैंसर की दवाएं बाहर बेचने वालों की तलाश में जुटी है।
पुलिस ने 23 नवंबर को विश्वास त्यागी, आकाश शर्मा और प्रिंस त्यागी को गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया है कि मुख्य आरोपित विश्वास त्यागी डेढ़ साल से सीजीएचएस के तहत आने वाली कई महंगी दवाएं अस्पतालों या स्टोर से चोरी कराने के बाद अपनी फर्म से दूसरी फर्मों को बेच रहा था।
किसी अस्पताल प्रशासन ने कोई शिकायत दर्ज कराई और न ही आंतरिक ऑडिट विभाग ने इसकी कोई जांच शुरू की। इससे स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि या तो विभागीय लापरवाही थी या फिर किसी के कारण दवाएं चोरी हो रही थीं। जांच अधिकारियों का कहना है कि रिकॉर्ड में दर्ज और वास्तविक स्टाक के बीच बड़े अंतर मिलने की संभावना है।
जांच टीम को अस्पतालों के दवा स्टोर रूम का स्टाक रजिस्टर, सप्लाई लागबुक, और पिछले वर्ष के एक्सपायर दवाओं के रिकॉर्ड का मिलान करना है। विश्वास त्यागी द्वारा दिए गए कुछ नामों और फोन कॉल रिकॉर्ड से अब जांच एजेंसियां दिल्ली, गाजियाबाद और ओखला स्थित तीन निजी एजेंसियों की गतिविधियों को खंगाल रही हैं।
दिल्ली के चावड़ी बाजार स्थित आरबी एंटरप्राइजेज, ओखला की नोविटा फार्मा और गाजियाबाद की केयरहुड से फर्जी खरीद दिखाकर कैंसर की दवाओं को मुंबई और दिल्ली की तीन दवा फर्म थ्राइव फार्मा, यतनेश फार्मा और ब्रदर्स फार्मा को बेचना दिखाया गया था। इनमें से गाजियाबाद की केयरहुड फार्मा तो साेमवार को बंद मिली। बाकी दोनों अन्य एजेंसियों की भी जांच होनी है।
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कैंसर उपचार में काम आने वाली दवा कीट्रूडा व एन्हर्टू की मांग और कीमत के कारण तस्करों के लिए ये दवाएं अहम हैं। पिछले एक साल में ऐसे दवाओं की चोरी से करोड़ों रुपये के अवैध लेनदेन हुए होंगे।
औषधि विभाग दवा विक्रेता और खरीदार फर्मों की जांच कर रही है। सीजीएचएस दवा की जांच पुलिस टीम और औषधि विभाग मिलकर कर रहे हैं। शीघ्र मामले में अन्य आरोपितों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी। - पीयूष कुमार सिंह, एडीसीपी क्राइम

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