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    गाजियाबाद को पुलिस कमिश्नरेट बने हो गए तीन साल, हत्या-लूट में आई कमी, साइबर क्राइम के मामलों ने चौंकाया

    By Vinit Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Tue, 25 Nov 2025 11:35 PM (IST)

    गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट को तीन साल हो गए हैं। इस दौरान अपराध नियंत्रण और आधुनिक पुलिसिंग में कई बदलाव हुए हैं। हत्या और लूट जैसे अपराधों में कमी आई है, जबकि साइबर अपराध बढ़ा है। पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है और कई नई पहल शुरू की हैं, जिससे लोगों का पुलिस पर भरोसा बढ़ा है।

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    गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट को तीन साल हो गए हैं। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट बने तीन साल हो गए हैं। 26 नवंबर, 2022 को कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद से जिले में पुलिसिंग का ढांचा पूरी तरह बदल गया है। पिछले तीन सालों में क्राइम कंट्रोल और मॉडर्न पुलिसिंग में कई बदलाव किए गए हैं। जिले के थानों और ऑफिसों का रेनोवेशन किया जा रहा है, वहीं क्रिमिनल्स के खिलाफ ठोस एक्शन लिया जा रहा है। मर्डर और रॉबरी के केस कम हुए हैं, जबकि साइबर क्राइम बढ़ा है। हालांकि, साइबर क्राइम के खिलाफ पुलिस एक्शन भी बढ़ा है।

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    आंकड़ों के मुताबिक, कमिश्नरेट बनने के बाद से जिले में क्राइम कम हुआ है। रॉबरी, डकैती, स्नैचिंग, सेंधमारी, गाड़ी चोरी और दूसरे प्रॉपर्टी क्राइम कम हुए हैं। महिलाओं के खिलाफ क्राइम, खासकर रेप, किडनैपिंग और हैरेसमेंट में भी कमी आई है। पुलिस ने रिसोर्स की अवेलेबिलिटी, फोर्स की डिप्लॉयमेंट और रेगुलर मॉनिटरिंग के जरिए पूरे जिले में लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखा है। पिछले तीन सालों में कोई बड़ी रुकावट या सेंसिटिव सिचुएशन पैदा नहीं हुई है।

    कमिश्नर में सबसे बड़ा बदलाव बीट सिस्टम की शुरुआत थी। गाजियाबाद को 2,131 बीट में बांटा गया, और 941 बीट SI और 1,431 बीट पुलिस ऑफिसर नियुक्त किए गए। बीट पुलिस ऑफिसर अब पासपोर्ट, कैरेक्टर और किराएदारी वेरिफिकेशन जैसी ज़्यादातर सर्विस देते हैं। लोकल क्रिमिनल्स पर नज़र रखना और शिकायतों का तुरंत हल बीट लेवल पर किया जा रहा है, जिससे शहर में क्राइम कंट्रोल और पुलिस-पब्लिक रिलेशन दोनों बेहतर हो रहे हैं।

    पब्लिक हियरिंग और FIR की घर-घर डिलीवरी

    पुलिस कमिश्नर और एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ़ पुलिस (ADCP) हेडक्वार्टर लेवल पर रोज़ाना पब्लिक हियरिंग कर रहे हैं। शिकायत मिलने पर, पुलिस स्टेशनों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए तुरंत जवाबदेही तय की जाती है। FIR की कॉपी अब शिकायत करने वाले के घर पहुंचाई जा रही हैं, जिससे बार-बार पुलिस स्टेशन जाने की ज़रूरत खत्म हो गई है।

    टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

    कमिश्नर ने कमिश्नरेट कोर्ट मॉनिटरिंग सिस्टम (CCMS) लागू किया, जिससे पुलिसिंग डिजिटाइज़ हो गई। इसके ज़रिए नागरिक पुलिस कोर्ट में पेंडिंग अपने केस का स्टेटस ऑनलाइन चेक कर सकते हैं। पुलिस की छुट्टी और रहने की जगह के लिए CEMS और रिसोर्स मैनेजमेंट के लिए IMS लॉन्च किया गया। शहर में 900 नए हाई-टेक CCTV कैमरे लगाए गए, जिनकी 24 घंटे कमांड कंट्रोल रूम से मॉनिटरिंग होती है।

    साइबर क्राइम, ट्रैफिक और पब्लिक के लिए नई पहल

    साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई गई हैं। इसी तरह, क्राइम ब्रांच में एक क्राइम ब्रांच इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई गई है, जिसमें पूरे जिले से 250 इन्वेस्टिगेशन ट्रांसफर किए गए हैं। दोनों पुलिस स्टेशनों की टीमों में 10 से ज़्यादा एडिशनल इंस्पेक्टर लगाए गए हैं। डायल 112 का रिस्पॉन्स टाइम घटाकर 4.04 मिनट कर दिया गया है, जो राज्य में सबसे कम है। सीनियर सिटीजन सेल, मिशन शक्ति सेंटर और एंटी-एनक्रोचमेंट कैंपेन भी चल रहे हैं।

    तीन साल में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई

    • 850 अपराधियों पर गैंगस्टर लगाया गया
    • ₹3.33 बिलियन की प्रॉपर्टी ज़ब्त की गई
    • 1184 अपराधियों को ज़िले से निकाला गया
    • 1682 अपराधियों को गुंडा घोषित किया गया
    • 347 अपराधियों के साथ मुठभेड़ हुई, जिनमें से 562 पकड़े गए
    • तीन साल में पुलिस मुठभेड़ में 07 अपराधी मारे गए
    • 805 अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली गई

    तीन साल में हुए बड़े अपराधों की स्थिति

    मुख्य अपराध (2023-2025)
    क्राइम 2023 2024 2025
    मर्डर 108 108 85
    मर्डर की कोशिश 93 114 143
    रॉबरी 77 84 33
    दूसरी गाड़ियों की चोरी 4177 4354 3124
    IT एक्ट 1099 1054 847
    दहेज के लिए हत्या 49 31 32
    रेप 133 169 84
    महिला किडनैपिंग 47 56 27
    महिला उत्पीड़न 824 650 520

    साइबर क्राइम की स्थिति (2023-2025)

    साइबर क्राइम आंकड़े
    विवरण 2023 2024 2025
    रजिस्टर हुए केस 1076 1035 836
    गिरफ्तारियां 373 323 189
    धोखाधड़ी (रकम) 26.54 करोड़ 1.09 अरब 79.82 करोड़
    फ्रीज की गई रकम 3.56 करोड़ 27.98 करोड़ 10.27 करोड़
    वापस की गई रकम 1.67 करोड़ 25.89 करोड़ 10.27 करोड़

    कमिश्नर बनने के बाद से गाजियाबाद में पुलिसिंग को लगातार बेहतर बनाने की कोशिशें चल रही हैं। लोगों पर फोकस करने वाली पुलिसिंग के तहत बीट पुलिस सिस्टम, FIR कॉपी की होम डिलीवरी और वादी संवाद दिवस जैसे आयोजनों से लोगों का भरोसा बढ़ रहा है। जिले में करीब 8,000 पुलिस कर्मी जनता की सेवा के लिए तैयार हैं। अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
    जे. रविंदर गौड़, पुलिस कमिश्नर