सूरत के किसान से तहसीलदार ने मांगी एक करोड़ रिश्वत, फिरोजाबाद तहसील प्रशासन में मची खलबली
फिरोजाबाद में एक किसान ने तहसीलदार पर भूमि अधिग्रहण रिपोर्ट के लिए एक करोड़ रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। किसान के अनुसार तहसीलदार ने मुआवजे की आधी रकम बैनामा से पहले मांगी थी। एसडीएम ने मामले की जांच कर विप्रा उपाध्यक्ष को रिपोर्ट भेज दी है जबकि तहसीलदार ने आरोपों को निराधार बताया है और किसान पर फर्जी कागजात पेश करने का आरोप लगाया है।

जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद। सदर तहसील क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण के एक मामले में तहसीलदार द्वारा रिपोर्ट लगाने के नाम पर एक करोड़ रुपये रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है। सूरत के किसान की शिकायत पर एसडीएम ने मामले की जांच कर फिरोजाबाद-शिकोहाबाद विकास प्राधिकरण (विप्रा) उपाध्यक्ष को लेखपाल के विरुद्ध कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेज दी है। हालांकि तहसीलदार ने आरोप का पूरी तरह खंडन किया है। उनका कहना है कि यह भूमि किसान की नहीं है।
मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत विप्रा ने बड़ी आवासीय कॉलोनी विकसित करने के लिए गांव पचवान में 28 हेक्टेयर भूमि चिह्नित की है। वर्तमान में भूमि अधिग्रहण, किसानों से बैनामा कराने और मुआवजा देने की प्रक्रिया की जा रही है।
पचवान में भूमि हिस्सेदारी की रिपोर्ट लगाने को मांगी मुआवजे की आधी धनराशि
गांव पचवान के मूल निवासी, हाल निवासी सूरत के किसान भंमर पाल सिंह और उनके भाइयों की गाटा संख्या 1093, रकवा-0.8640 हेक्टेयर में से रकबा 0.273 हेक्टेयर भूमि आ रही है। इस भूमि के लिए विप्रा की ओर से 2.31 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाना है। दो दिन पूर्व किसान ने राजा का ताल स्थित कार्यालय पहुंच कर पूर्व विप्रा उपाध्यक्ष से मुलाकात की।
किसान ने बताया कि उसकी पर भूमि पर हिस्सेदारी की रिपोर्ट लगाने के लिए 23 सितंबर को रात साढ़े आठ बजे तहसीलदार रवीश कुमार ने अपने आवास पर बुलाया था। इस दौरान पचवान के लेखपाल पुष्पेंद्र कुमार भी उपस्थित थे। इस दौरान रिपोर्ट लगाने के नाम पर मुआवजे की आधी धनराशि बैनामा से पहले देने की मांग की गई।
तहसील प्रशासन में मची खलबली, एसडीएम ने लेखपाल के विरुद्ध भेजी रिपोर्ट
किसान का आरोप है कि तहसीलदार ने चेतावनी दी कि यदि बैनामा से पहले मुआवजे की आधी धनराशि नहीं दी गई तो हम किसी और का कब्जा दिखाकर उसको धनराशि दिला देंगे। जबकि इस भूमि को क्रय करने के लिए अगस्त-2024 में प्रारूप-एक पर सहमति दे दी गई थी। वह बैनामा कराने के लिए एक वर्ष चक्कर काट रहा है।
विप्रा उपाध्यक्ष के निर्देश पर एसडीएम सदर ने राजा का ताल स्थित कार्यालय पहुंच कर किसान के बयान दर्ज किए। एसडीएम सत्येंद्र सिंह का कहना है कि किसान द्वारा तहसीलदार द्वारा रिश्वत मांगने के कोई साक्ष्य नहीं दिए गए हैं। वह बिना कोई साक्ष्य दिन सूरत वापस लौट गया है।
पचवान में जिस भूमि को किसान भंमर पाल सिंह अपनी बता रहा है, जिस पर वर्षों से उसका कोई कब्जा नहीं है। वह फर्जी कागजात के आधार पर भूमि का मुआवजा पाने का प्रयास कर रहा है। वह जिस भूमि को अपनी बता रहा है, उस पर दूसरे का कब्जा है और बाउंड्री वाल भी बनी है। रिश्वत मांगने का आरोप पूरी तरह निराधार है। - रवीश कुमार, तहसीलदार सदर
पचवानी में आवासीय कॉलोनी के लिए भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। इससे संबंधित एक किसान दो दिन पूर्व कार्यालय आया था। उसने तहसीलदार पर भूमि की हिस्सेदारी की रिपोर्ट लगाने के लिए एक करोड़ रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम से जांच कराई गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी जाएगी। - ऋषि राज, विप्रा उपाध्यक्ष
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