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    15 लाख लेकर युवकों को दिए वन विभाग में नौकरी के फर्जी ज्वाइनिंग लेटर, डेढ़ साल बाद पुलिस ने पकड़ा शातिर

    By Amit KumarEdited By: Abhishek Saxena
    Updated: Sat, 12 Apr 2025 01:17 PM (IST)

    जसराना पुलिस ने वन विभाग में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले एक आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। विवेक कुमार नामक यह आरोपी तीन बेरोजगार युवकों से 15 लाख रुपये ठगने के बाद फरार था। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से उसे पकड़ा। आरोपी ने फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल किया था। आरोपित पिछले 18 महीनों से चकमा दे रहा था।

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    प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    संस, जागरण.जसराना (फिरोजाबाद)। वन रक्षक के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर तीन बेरोजगार युवकों से 15 लाख रुपये की ठगी के मामले में डेढ़ साल से गायब चल रहे आरोपित को जसराना पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। उसे पुलिस ने सर्विलांस सेल की सहायता से दिल्ली से दबोचा।

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    आरोपित विवेक कुमार निवासी कुढ़ी कटैना खैरगढ का रहने वाला है। इंस्पेक्टर शेर सिंह ने बताया कि ठगी के मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपित लापता हो गया था। तब से वह दिल्ली में पहचान छिपाकर रह रहा था। सर्विलांस सेल की मदद से उसे दिल्ली में एपीएस कॉलोनी, कैंट से गिरफ्तार किया गया है। उसके विरुद्ध रामगढ़ थाने में धोखाधड़ी, गबन, जान से मारने की धमकी दो मुकदमे हैं।

    पुलिस ने गिरफ्तार किया विवेक।

    डेढ़ साल से पहचान छिपा कर दिल्ली में रह रहा था, वहीं से पकड़ा गया

    कोर्ट के आदेश पर जसराना पुलिस ने 20 दिसंबर 2023 को विवेक कुमार निवासी नगला धनसिंह, मुस्तफाबाद की तहरीर पर विवेक समेत चार के विरुद्ध धोखाधड़ी, रकम हड़पने, कूटरचना करने की प्राथमिकी दर्ज की थी। विवेक का आरोप था कि आरोपितों ने मार्च 2021 में वन विभाग में वन रक्षक के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर तीन लोगों से पांच-पांच लाख रुपये मांगे थे। विवेक के साथ उनके बुआ के बेटे विमल और सुमित कुमार ने कुल 15 लाख रुपये ऑनलाइन और नकद दिए थे।

    तीन युवकों को वन रक्षक पद पर नौकरी दिलाने का दिया था झांसा

    जब आरोपितों ने नौकरी के लिए दबाव बनाया तो उन्हें फर्जी प्रशिक्षण पत्र क्षेत्रीय कार्यालय उत्तर प्रदेश वन रक्षक प्रशिक्षण केंद्र शीतल मऊ, लालगंज प्रतापगढ़ का सौंप दिया। युवक पत्र लेकर वहां गए तो पता चला कि ऐसा कोई प्रशिक्षण पत्र उनके लिए नहीं आया है। इसके बाद शातिरों ने युवकों को बताया कि उन्हें अब आगरा में प्रशिक्षण दिया जाएगा। आगरा में भी पत्र के फर्जी होने का पता चला। इसके बाद आरेापितों ने मोबाइल बंद कर लिए थे।

    इंस्पेक्टर शेर सिंह ने बताया मामले में चार आरोपितों पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी। लेकिन जांच में सिर्फ पकड़े गए आरोपित विवेक कुमार की संलिप्तता पाई गई।

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