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    इंडियन बैंक 2.41 करोड़ गबन केस: 9 महीने बाद फरार ठेकेदार गिरफ्तार, 6 आरोपितों को हो चुकी है सजा

    Updated: Sun, 28 Dec 2025 10:12 AM (IST)

    जसराना में इंडियन बैंक की शाखा से 2.41 करोड़ रुपये के गबन मामले में पुलिस ने नौ महीने बाद ठेकेदार रवीश को गिरफ्तार कर लिया है। रवीश के खाते में भी गबन ...और पढ़ें

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    गबन का आरोपित ठेकेदार।

    संवाद सहयोगी, जागरण. जसराना। इंडियन बैंक शाखा में ग्राहकों के खाते से 2.41 करोड़ रुपये के गबन के आरोपित ठेकेदार को पुलिस ने नौ माह बाद गिरफ्तार कर लिया है। उसे नगला जाट से आगे मुस्तफाबाद रोड से शनिवार सुबह पकड़ा गया। इस मामले में कैशियर समेत छह आरोपितों को सजा हो चुकी है। जबकि शाखा प्रबंधक और एक अन्य आरोपित हाईकोर्ट से जमानत पर हैं। एक अन्य आरोपित को पुलिस ने एक सप्ताह पूर्व गिरफ्तार कर जेल भेजा है।

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    छह आरोपितों को न्यायालय से हो चुकी है सजा

    इंस्पेक्टर राजेश पांडेय ने बताया कि पकड़ा गया आरोपित रवीश निवासी ग्राम फरीदा थाना एका है। वर्तमान में वह सर्विस रोड के पास गोकुल धाम कालोनी थाना शिकोहाबाद रहता था। इंडियन बैंक के अंचल प्रमुख तरुण कुमार विश्नोई ग्राहकों के खाते से रकम गबन करने के मामले में 27 मार्च को तात्कालीन शाखा प्रबंधक राघवेंद्र सिंह निवासी ग्राम नगला गिरधारी पोस्ट मोटा, तहसील भौगांव, जिला मैनपुरी और कैशियर जय प्रकाश सिंह निवासी शक्ति नगर, टूंडला के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी। चार दिन बाद पुलिस ने 31 मार्च को कैशियर जयपप्रकाश, आकाश कस्बा जसराना, वीरबहादुर निवासी शिवनगर कोतवाली नगर, मैनपुरी, प्रवीन कुमार और उसके पिता होमगार्ड कुंवरपाल सिंह निवासी भैंड़ी थाना जसराना को गिरफ्तार किया था।

    शाखा प्रबंधक समेत दो आरोपित हैं जमानत पर


    इसके बाद 12 अप्रैल को बैंक प्रबंधक के साथी सुखदेव काे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इन आरोपितों को न्यायालय से सजा हो चुकी है। वहीं एक सप्ताह पहले पुलिस ने मामले में फरार चल रहे आरोपित सोमिल को गिरफ्तार किया था। जबकि रवीश फरार चल रहा था। शनिवार सुबह उसे सूचना पर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में दो अन्य आरोपित शाखा प्रबंधक राघवेंद्र सिंह और नीलेश सिंह हाईकोर्ट से जमानत पर है। इंस्पेक्टर ने बताया कि जल्द ही बचे हुए आरोपितों के विरुद्ध पूरक आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया जाएगा।

    ठेकेदार रवीश के खाते में भी गई है रकम

    इंस्पेक्टर राजेश पांडेय ने बताया कि मामले की जांच में रवीश का नाम प्रकाश में आया था। उसका भी खाता बैंक में था। आरोपितों के खाते से लाखों की रकम रवीश के खाते में स्थानांतरित की गई है। वह ठेकेदारी करता है। उसकी ओपी कंस्ट्रक्शन के नाम से फर्म है।