Firozabad News: चचेरे चाचा ने पहले घोंटा गला फिर नहर में फेंक दिया बालक का शव, तीन दिन बाद हुआ हत्या का खुलासा
Firozabad News चचेरे चाचा ने गला घोंटकर नहर में शव फेंकने की स्वीकारी थी बात। पिता ने पत्नी और भाई पर लगाए थे आरोप। हत्या में धाराओं में बदली गुमशुदगी। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर भेजा जेल।
संवाद सहयोगी, शिकोहाबाद-फिरोजाबाद। गला घाेंटकर नहर में फेंका गया 11 वर्षीय बालक का शव तीन दिन बाद इटावा जिले की सीमा में नहर से बरामद हो गया। चचेरे चाचा द्वारा अगवा कर हत्या के आरोप साबित होने पर पुलिस ने गुमशुदगी की प्राथमिकी हत्या की धाराओं में बदल दिया। पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचने पर परिवार में कोहराम मच गया।
तीन दिन पहले गायब हुआ था जीशान
नगर के मोहल्ला पजाया रूकनपुर निवासी फल विक्रेता मुकीम का बड़ा बेटा 12 वर्षीय जीशान सोमवार दोपहर रात घर से अचानक गायब हो गया। बुधवार तक तलाश के बाद मुकीम ने थाने में सूचना दी। उसने आरोप लगाया कि उसके चचेरे भाई फरमान और पत्नी फरजाना ने मिलकर बेटे का अपहरण कर लिया। पुलिस ने दोनों को पकड़कर थाने में सख्ती से पूछताछ की जिसमें चाचा फरमान ने जीशान की छीछामई नहर पुल पर गला घोंटकर उसकी हत्या कर उसके शव नहर में फेंक देने की बात कुबूली।
पुलिस ने तलाशा शव नहीं मिला था
पुलिस ने शव को दो दिन तक तलाश किया लेकिन शव नहीं मिला। शुक्रवार सुबह नौ बजे इटावा के बकेवर नहर में एक बालक का शव नहर में मिला थाना पुलिस ने स्वजनों को सूचना दी। पिता ने पहुंचकर शव की शिनाख्त जीशान के रूप में कि शव की पहचान होते ही घर में कोहराम मच गया। एसपी ग्रामीण रण विजय सिंह ने बताया कि पहले अपहरण की प्राथमिकी दर्ज थी। लेकिन अब बच्चे का शव मिल गया है। वहीं चाचा और बालक की मां के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।
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मुकीम बोला भाई ने किया विश्वासघात
तीन दिन बाद बेटे का शव मिलने के बाद मुकीम बदहवास हो गया। वह बार-बार यही कह रहा था कि मेरे बड़ा बेटा मेरा सहारा था। वह फल के ठेले पर हाथ बटाया करता था, चचेरा भाई घर में आता जाता था लेकिन यह नहीं पता था कि एक दिन मेरे बेटे को छीन लेगा। वह रो-रोकर बेसुध हो गया।
शव पहुंचने पर उमड़ी भीड़, तैनात रहा पुलिस फोर्स
पोस्टमार्टम के बाद शाम पांच बजे जीशान का शव घर ले जाया गया, जिसके बाद सैकड़ों की भीड़ जुट गई। हत्या की जानकारी होने के बाद बस्ती में आक्रोश भी दिखा। पिता और छोटे भाई बहनों को बिलखता देख बस्ती वालों की आंखें नम हो गईं। पुलिस की उपस्थिति में जीशान के शव को सुपुर्दे खाक किया गया। अंतिम संस्कार से पहले बेटे को आखिरी बार देखने के लिए मां नहीं पहुंच सकी। वह पुलिस हिरासत में थी।