लेखपाल आत्महत्याकांड: बेटे का शव उठा तो फफक कर रोई मां, बोली-एक बार दिखा दो...और बेहोश हो गई
उत्तर प्रदेश में एक लेखपाल की आत्महत्या से क्षेत्र में शोक की लहर है। बेटे का शव देखकर माँ बेसुध हो गई, वह बार-बार उसे देखने की गुहार लगा रही थी। इस घटना से पूरे गाँव में मातम छाया हुआ है और लोग स्तब्ध हैं।

दिवंगत लेखपाल की बदहवास मां को संभालती पुत्री अमृता सिंह उर्फ रोशनी। जागरण
संवाद सहयोगी, जागरण, बिंदकी। लेखपाल सुधीर कुमार के शव का बुधवार को प्रशासन के अधिकारियों व पुलिस की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराया गया। इसके बाद शव को पुलिस ने स्जवन के सिपुर्द कर दिया गया। हालांकि स्वजन इसके बाद शव घर लेकर नहीं आए। पोस्टमार्टम हाउस से सीधे गंगा घाट भिटौरा ले गए। वहां पर दाह संस्कार किया गया और बड़े भाई जंग बहादुर ने दिवंगत की चिता को मुखाग्नि दी। रात तक मां बेटे का अंतिम बार चेहरा देखने को रोती रही। पुलिस शव को उठाकर ले जाने लगी तो मां फफक कर रोई और बोली एक बार दिखा दो, फिर बेहोश हो गई।
पंचायतनामा होकर शव को सील होने के कारण मां को उसके कलेजे के टुकड़े का चेहरा नहीं दिखाया जा सका। अधिकारियों ने कहा कि अभी पोस्टमार्टम के बाद शव वापस आएगा, तब देख लेना परेशान मत होइए। देर शाम पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने स्वजन को शव सिपुर्द कर दिया। हालांकि इस बात के लिए भी राजी कर लिया कि घर ले जाने के बजाय सीधे भिटौरा गंगा घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया जाए।
पुलिस की मौजूदगी में गंगा घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। स्थानीय पुलिस को शव वापस घर आने की सूचना दे दी गई। इस पर कोतवाली प्रभारी हेमंत मिश्रा भारी पुलिस बल के साथ दिवंगत के घर पहुंच गए। अंतिम संस्कार कर जब तक गंगा घाट से स्वजन लौट नहीं आए तब तक भारी पुलिस मौजूद रहा। पुलिस को आशंका थी कि शव वापस लाने की सूचना पर स्वजन फिर भड़क सकते हैं, इस कारण पूरी तरह से सतर्क रही।
यहां भी मातम, वहां भी मातम
लेखपाल सुधीर कुमार की बुधवार को बारात जानी थी। आज घर से उनकी अर्थी निकली तो देखने वालों की आंखें नम हो गईं। हर किसी का गला रुंध गया। उधर मंगेतर पक्ष के घर पर भी पूरी तरह से मातम पसरा रहा। हर कोई डबडबाई आंखों से मंगेतर व उनके पिता को ढांढस बंधाता रहा कि शायद किस्मत में जीवन साथी बनना नहीं लिखा था। ईश्वर ने वही कर दिया।
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उठी एक करोड़ मुआवजे व परिवार को नौकरी की मांग
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह यादव बुधवार की देर शाम दिवंगत लेखपाल के घर पहुंचे। भाई जंग बहादुर से मिलकर घटना की जानकारी ली। इसके बाद परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिया। उधर दिवंगत बसपा जिलाध्यक्ष वीर प्रकाश लोधी, बसपा भाईचारा समिति के जिलाध्यक्ष सुरेश कुमार सहित अन्य बसपाई पहुंचे। जिलाध्यक्ष ने कहा कि परिवार को एक करोड़ का मुआवजा, परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी दी जाए। उन्होंने कहा कि जो भी अधिकारी लेखपाल को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के दोषी हैं उन पर मुकदमा दर्ज किया जाए। परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए। कबीर महासभा के जिलाध्यक्ष इं. सिद्धार्थ ने भी दिवंगत को न्याय दिलाए जाने की मांग की है।
पुलिस ने आरोपित कानूनगो को हिरासत में लिया
पुलिस ने तहसील परिसर में रह रहे लेखपाल की आत्महत्या के मामले में आरोपित कानूनगो शिवराम को हिरासत में ले लिया है। आरोपित को बिंदकी के अलावा किसी अन्य थाने में रखे जाने की खबर है। कोतवाली प्रभारी हेमंत मिश्रा ने कानूनगो को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि नहीं की है। कहा कि अभी तो विवेचना होगी, इसके बाद ही कुछ होगा।

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