फतेहपुर में SBI के लॉकर से 30 लाख रुपये कीमत के जेवरात गायब, बैंक और पुलिस ने शुरू की जांच
फतेहपुर में एसबीआई की चौडगरा शाखा के लॉकर नंबर 15 से 30 लाख रुपये के जेवरात गायब हो गए। यह मामला तब सामने आया जब लॉकर आवंटी के निधन के बाद उनके पुत्र लॉकर खोलने पहुंचे। 1982 में रामऔतार सिंह ने यह लॉकर आवंटित कराया था। पुलिस और बैंक मामले की जांच कर रहे हैं। शाखा प्रबंधक के अनुसार वे अभिलेखों की जांच कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, फतेहपुर। एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) की शाखा बिंदकी रोड चौडगरा के लॉकर नंबर 15 से 30 लाख रुपये कीमत के जेवरात गायब हो गए। पता तब हुआ जब पिता की मौत के बाद बेटा लॉकर खोलने पहुंचा। सनसनीखेज मामला सामने आते ही पुलिस व बैंक ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
औग थाने के शादीपुर गांव निवासी राम औतार सिंह ने 1982 में एसबीआई बिंदकी रोड चौडगरा की शाखा में लॉकर नंबर 15 आवंटित कराया था। लॉकर में करीब 30 लाख रुपये कीमत के जेवरात रखे होने की बात बताई जा रही है। लॉकर आवंटी का 12 जुलाई 2024 को उनका निधन हो गया। मौत के बाद इनके पुत्र बृजराज सिंह ने लॉकर में रखे जेवरात निकालने के लिए शाखा प्रबंधक के पत्र दिया। बैंक ने परिवार के लोगों के सहमति व शपथ पत्र ले लिए।
सोमवार को जब शाखा प्रबंधक व दिवंगत के पुत्र लॉकर खोलने पहुंचे। बैंक में लॉकर पहले से खुला मिला। यह देखकर बैंक में हड़कंप मच गया। मंगलवार को बृजराज सिंह ने पिता ने लॉकर से करीब 30 लाख रुपये के जेवरात गायब होने की पुलिस को तहरीर दी। पुलिस बैंक पहुंची और प्रारंभिक पूछताछ कर लौट आई। थाना प्रभारी विनोद मिश्रा ने बताया कि इस मामले की जांच की जा रही है।
शाखा प्रबंधक मो. आरिफ ने कहा, ''अभी मुझे एक सप्ताह पहले ही शाखा का चार्ज मिला है। प्रकरण पुराना है इसलिए बैंक के अभिलेखों को खंगाला जा रहा है।''
2020 से बैंक नहीं गए, लॉकर आवंटी राम औतार
राम औतार सिंह ने 15 दिसंबर 2020 को बैंक को लॉकर बंद करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। बताते हैं इसके बाद वह बैंक नहीं गए। 12 जुलाई 2024 को उनके निधन के बाद पुत्र बृजराज सिंह बैंक गए और तत्कालीन शाखा प्रबंधक पंकज वर्मा से पिता का लॉकर बंद करने को कहा। पर शाखा प्रबंधक ने लॉकर बंद करने में हीलाहवाली की। इसके बाद शाखा प्रबंधक पंकज वर्मा का स्थानांतरण हो गया। बृजराज सिंह बताते है कि वह अहमदाबाद में आईटी सेक्टर में काम करते हैं। उनके बड़े भाई ऋतुराज को कोरोना हो गया था, बीमार पड़ने के बाद उनका निधन हो गया। छोटा भाई अंशुमान गांव में खेती किसानी करता है।
बैंक ने यह माना है कि जब लॉकर की एक चाभी मेरे पास है दूसरी मैनेजर के तो आखिर लॉकर कैसे खुला। शाखा प्रबंधक ने जांच के लिए चार दिन का समय मांगा है।- बृजराज सिंह (दिवंगत राम औतार के पुत्र)
यह भी पढ़ें- पड़ोसी से खुन्नस में दो साल के मासूम को गला दबा मार डाला, आजीवन कारावास का इंसाफ मिला तो मां के छलके आंसू
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।