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    पड़ोसी से खुन्नस में दो साल के मासूम को गला दबा मार डाला, आजीवन कारावास का इंसाफ मिला तो मां के छलके आंसू

    By Akhilesh umrao Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Tue, 22 Jul 2025 08:53 PM (IST)

    फतेहपुर में पड़ोसी से खुन्नस होने पर एक व्यक्ति ने दो साल के मासूम की गला दबाकर हत्या कर दी थी। मामला 24 अगस्त 2017 का है। अब आठ साल बाद कोर्ट का फैसला आया तो मां के आंसू छलक उठे। मां बोली सोचा था फांसी होगी। बाबा ने कहा अदालत ने जो सजा दी उससे संतुष्ट हूं।

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    बच्चे के हत्यारे को आजीवन कारावास की सजा।

    जागरण संवाददाता, बिंदकी(फतेहपुर)। दो साल के मासूम की गला घोंटकर निर्मम हत्या के मामले में कोर्ट का फैसला आने में आठ वर्ष का समय लग गया। इस दौरान मासूम की मां हर पल घुट-घुटकर जीती रही। हत्यारे को कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा होने की खबर मिली तो मासूम की मां की आंखों में आंसू आ गए, वह रुंधे गले से बोली अब दिल को ठंडक मिली। हत्यारे को फांसी होती तो और अच्छा होता। हालांकि दिवंगत मासूम के बाबा राम किशोर कहते हैं अदालत में जो फैसला दिया उस पर संतुष्ट हैं।

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    खुन्नस में दो साल के मासूम को अपने घर ले जाकर गला घोंटकर नृशंस हत्या करने वाले दोषी को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुना दी। दोषी पर अदालत ने साठ हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। यह घटना बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के नंदौली गांव की 24 अगस्त 2017 की सुबह साढ़े आठ बजे की है। सात मई 2017 को गांव में सत्यनारायन के घर पर पुत्री के विवाह का कार्यक्रम था। उनके दरवाजे पर तमाम महिलाएं भी थीं, उसी समय दोषी अभिषेक लोधी गालीगलौज कर रहा था। बगल में वादी मुकदमा लाल सिंह का घर है।

    लाल सिंह ने दोषी अभिषेक को गाली गलौज करने से मना किया तो उनके साथ भी गाली गलौज व जान से मारने की धमकी और परिवार को खत्म करने की बात कहने लगा। ग्रामीणों ने बीचबचाव करते हुए दोषी को वहां से भगा दिया था। 24 अगस्त की सुबह वादी मुकदमा लाल सिंह का दो वर्षीय पुत्र मनीष उर्फ अल्लू अचानक गायब हो गया। गांव में खोजबीन हुई, जब नहीं मिला तो घरों की तलाशी ली जाने लगी।

    इस दौरान दोषी अभिषेक बोरी में कुछ लेकर गन्ने के खेत की तरफ तेजी से जा रहा था, जिसे जाते गांव के नयन सिंह ने देखा था, जिस पर वादी मुकदमा व गांव के अन्य लोग गन्ने के खेत की तरफ जा रहे थे, तभी खेत से अभिषेक लोधी निकल रहा था। रोकने पर नहीं रुका, इस पर गांव वाले गन्ने के खेत के अंदर जाकर देखा तो वादी मुकदमा लाल सिंह के पुत्र मनीष का शव एक बोरी में मिला था। इस मामले की अंतिम सुनवाई अपर सत्र सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर दो के पीठासीन अधिकारी अजय सिंह प्रथम ने की।

    गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर दोषी अभिषेक लोधी को आजीवन कारावास व साठ हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुना दी। अभियोजन द्वारा सात गवाह पेश किए गए। दोषी दो माह पहले जमानत पर छूटा था। जैसे ही सजा हुई, दोषी को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया गया। अभियोजन पक्ष से शासकीय अधिवक्ता अजय कुमार सिंह, धीरेंद्र वीर ने तर्क रखे।

    पांच भाई बहनों में दूसरे नंबर का था दिवंगत मासूम

    रेखा और लाल सिंह के पांच संतानों में दिवंगत मनीष उर्फ अल्लू दूसरे नंबर पर था। पहले पुत्र आशीष है। इसके बाद ब्रजेश, रत्नेश फिर पुत्री सोमवती है।

    दिवंगत मासूम के लापता होने पर पूरे गांव में चला था सर्च अभियान

    दिंवगत मासूम मनीष उर्फ अल्लू जब घर से अचानक लापता हुआ था। सूचना पर पुलिस गांव पहुंची थी। इस दौरान पुलिस ने पूरे गांव की नाकेबंदी कर दी थी। इसके बाद सर्च अभियान चलाया था। किसी ने पुलिस को हत्यारे अभिषेक लोधी की संदिग्ध गतिविधि के बारे में बता दिया। इस पर पुलिस ने शक के आधार पर खेतों में सर्च शुरू कराया। इसके बाद गन्ने के खेत में शव बरामद हो गया था।