राहुल गांधी का यूपी से बिहार विधानसभा चुनाव का संदेश का प्रयास, कानून व्यवस्था पर निशाना साध भाजपा पर बढ़ाया दबाव
हरिओम की हत्या रायबरेली में ससुराल जाते समय हुई थी, उसी के घर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पहुंचे। 30 मिनट तक परिवार के साथ घर के अंदर रहे और सांत्वना देते रहे। इसी के साथ राहुल ने भाजपा पर कानून व्यवस्था को लेकर दबाव बनाया। साथ ही बिहार चुनाव के लिए संदेश दे गए।
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रोते पिता गंगादीन को गले लगाकर ढांढस बंधाते लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी। जागरण
रितेश द्विवेदी, जागरण, कानपुर। प्रदेश की राजनीति में शुक्रवार का दिन कांग्रेस के लिए बड़ा प्रतीकात्मक संदेश देने का रहा। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का फतेहपुर दौरा सिर्फ एक शोक संवेदना कार्यक्रम नहीं, बल्कि इससे आने वाले समय में राज्य में कांग्रेस की राजनीति का एजेंडा क्या होगा, इसका भी संकेत मिला। मृतक हरिओम वाल्मीकि के परिवार से मिलने के बाद राहुल गांधी ने प्रदेश सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर सीधा हमला बोला। इस सियासी दौरे के सहारे उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में दलित वोट बैंक को भी साधने का प्रयास किया। कहने को तो महज चार घंटे की यात्रा थी लेकिन राहुल इसमें कई सियासी तीर छोड़ गए। फतेहपुर के तुराब अली का पुरवा मुहल्ले से दलित राजनीति पर आधारित राहुल गांधी का बयान कुछ ही देर में सियासी गलियारों में गूंजने लगा।
राजनीतिक रूप से राहुल गांधी का यह दौरा कांग्रेस की उस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें पार्टी उत्तर प्रदेश में अपने पारंपरिक दलित और वंचित वर्ग के वोट बैंक को फिर जोड़ने की कोशिश कर रही है। राहुल गांधी रायबरेली सीट से जीत के बाद अब धीरे-धीरे आसपास के फतेहपुर, प्रतापगढ़ और अमेठी में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। वह आठ साल पहले विधानसभा चुनाव की रैली को संबोधित करने फतेहपुर आए थे। तब उनका ध्यान राजनीतिक ढांचे को दुरुस्त करने पर था, जबकि इस बार उन्होंने सीधे सामाजिक न्याय और संवेदना की राजनीति को आधार बनाया।
परिवार से मिलने के बाद राहुल गांधी का यह बयान कि हम सरकार में नहीं हैं लेकिन हर अत्याचार के खिलाफ खड़े रहेंगे, प्रदेश की राजनीति में बड़ा संदेश है। वहीं सपा, बसपा के साथ भाजपा के लिए यह दौरा एक नई चुनौती लेकर आया है। भाजपा अब तक दलित वर्ग को सबका साथ, सबका विकास की नीति के तहत अपने साथ जोड़ने में सफल रही है लेकिन राहुल गांधी की यह यात्रा भाजपा के सामाजिक समीकरणों में हलचल जरूर करेगी।
राहुल गांधी के साथ बना 17 और सात अंक का संयोग
फतेहपुर दौरे को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ 17 तारीख का एक अलग संयोग बना। आठ साल पहले 17 फरवरी 2017 को ही वह विधानसभा चुनाव के दौरान रैली को संबोधित करने फतेहपुर गए थे, वहीं इस बार 17 अक्टूबर को वह फतेहपुर की जमीन पर पहुंचे।
हरिओम की हत्या के मामले में 15 लोगों को पकड़ चुकी है पुलिस
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : हरिओम की हत्या के मामले में अब तक पुलिस 15 लोगों को पकड़ चुकी है। ऊंचाहार से भाजपा विधायक मनोज पांडेय ने उनकी पत्नी संगीता को सीएम योगी से मिलाया था। एमएसएमई मंत्री राकेश सचान व समाज कल्याण राज्यमंत्री असीम अरुण उनके घर आर्थिक मदद देने गए थे। हरिओम के स्वजन से मिलने के बाद राहुल गांधी फतेहपुर से कानपुर आकर चकेरी एयरपोर्ट से 11:15 बजे विशेष विमान से असम रवाना हो गए। आधा घंटा की बातचीत में कई बार सबकी आंखें नम हुईं।
भाजपा ने साधा निधाना, कहा-त्रासदी का फायदा उठा रहे राहुल
भाजपा आइटी विंग के प्रभारी अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा कि राहुल गांधी की फोटो खिंचवाने की राजनीति, उनके अपने पहले से ही निम्न मानकों के हिसाब से, एक नए निम्न स्तर पर पहुंच गई है। एक बार फिर, उन्होंने त्रासदी का फायदा उठाकर दिखावा करने की कोशिश की, लेकिन जिन लोगों का वे इस्तेमाल करना चाहते थे, उन्होंने ही उन्हें सिरे से नकार दिया। हरिओम के भाई शिवओम वाल्मीकि ने स्पष्ट कर दिया कि किसी भी राजनेता का, यहां तक कि राहुल गांधी का भी, स्वागत नहीं है। राजनीति कोई फोटो खिंचवाने का मौका नहीं है। यह कार्रवाई व जिम्मेदारी का नाम है। राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से यह सबक नहीं सीखा है।
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