फतेहपुर में जमीन विवाद में बेरहमी से किसान को मार डाला था, तीन साल बाद हत्यारे दंपती और बेटे को उम्रकैद
फतेहपुर में कटरी की जमीन के विवाद में 2022 में रामआसरे नामक किसान की फावड़े से काटकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अदालत ने पूरन, उसकी पत्नी श्यामा देवी और बेटे वीरन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। प्रत्येक दोषी पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। रामआसरे अपने भाई के साथ खेत देखने गया था, तभी उस पर हमला हुआ था।
-1760106412728.webp)
पुलिस अभिरक्षा में दोषी श्यामा देवी। जागरण
जागरण संवाददाता, फतेहपुर। कटरी की जमीन के विवाद में फावड़े से काटकर मौत के घाट उतारने वाले पति-पत्नी और बेटे को आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई। अदालत ने तीनों दोषियों पर दस-दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
यह घटना हथगाम थाना क्षेत्र के जहांगीरपुर सेनीपुर की 13 अक्टूबर 2022 की शाम चार बजे की है। गांव के रामआसरे अपने भाई रामप्रसाद के साथ गंगा कटरी के खेत देखने गए थे। कटरी की जमीन के विवाद में हत्यारे पूरन, उसका पुत्र वीरन और पत्नी श्यामा देवी ने घेरकर फावड़े से काट डाला था। दिवंगत का भाई रामप्रसाद जान बचाकर भाग आया था। हत्यारों ने हत्या कर फावड़े को बुद्धा सिंह के सफेदा के बाग में छिपा दिया था।
इस मामले की अंतिम सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट दो के पीठासीन अधिकारी अजय सिंह प्रथम ने की। गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर दोषी पूरन पुत्र रामआसरे, वीरन पुत्र पीरन व श्यामा देवी पत्नी पूरन को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुना दी। अदालत ने तीनों हत्यारों पर दस-दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता अजय कुमार सिंह ने तर्क रखे। अभियोजन की ओर से सात गवाह परीक्षित कराए गए। घटना के बाद से दोषी वीरन जिला कारागार में निरुद्ध था। दोषी पूरन व श्यामा देवी जमानत पर थे, जिन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लेकर कारागार भेजा गया है।
इधर, इटावा में जमीनी विवाद में हत्या के मामले में पति-पत्नी व दो बेटों को आजीवन कारावास
अदालत ने पांच साल पूर्व सैफई थाना क्षेत्र के गांव लरखौर में जमीनी विवाद के चलते एक व्यक्ति की गोली मारकर की गई हत्या व उसकी पत्नी व पुत्र को घायल करने के एक मामले की सुनवाई करते हुए आरोपित पति-पत्नी व उनके दो बेटों को साक्ष्यों के आधार पर दोषी पाया। दोषी पाए जाने पर कोर्ट ने उन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा कोर्ट ने उन 42-42 हजार रुपया का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना अदा न करने पर उन्हें एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। विशेष लोक अभियोजक गौरव दीक्षित ने बताया कि करहल जनपद मैनपुरी निवासी पंकज पांडे ने दर्ज कराई रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि उसके बहनोई अरविंद दुबे का गांव के लोगों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। 29 अक्टूबर 2020 को बहनोई अरविंद दुबे अपनी पत्नी मिथलेश व पुत्र अतुल के साथ खेतों पर गए थे। तभी उक्त लोगों ने तमंचों से लैस होकर उन पर हमला कर दिया। हमलावरों ने तीनों लोगों को गोली मार दी। गोली लगने से तीनों लोग घायल हो गए। गांव के लोगों के आ जाने पर हमलावर भाग निकले। इस हमले में घायल अरविंद मिथेलश व अतुल को उपचार के लिए ले जाया गया जहां रास्ते में अरविंद की मौत हो गई। तहरीर के आधार पर पुलिस ने उमाकांत दुबे पुत्र रमेश दुबे, अंशुल दुबे, अक्षय दुबे, अनुराग दुबे पुत्रगण उमाकांत दुबे व जूली पत्नी उमाकांत के खिलाफ हत्या व हत्या के प्रयास की धाराओं में मामला दर्ज किया गया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।