Fatehpur News: नशेड़ी पौत्र ने पीट-पीटकर बाबा को मार डाला, खेत नाम करने का बना रहा था दबाव
फतेहपुर के हुसैनगंज में एक पोते ने खेत अपने नाम न करने पर दादा के सिर पर डंडे से प्रहार किया, जिससे उनकी मौत हो गई। मृतक के बेटे ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है। आरोपी धर्मेंद्र नशे का आदी था और पहले भी जेल जा चुका है। वह दूसरी शादी का दबाव भी बना रहा था।

संवाद सूत्र, जागरण. हुसेनगंज (फतेहपुर)। एक बीघा खेत बैनामा न करने से गुस्साए पौत्र नशे में अपने बाबा के सिर पर डंडे से प्रहार कर भाग निकला। घायल बाबा को स्वजन सीएचसी लेकर पहुंचे जहां इलाज दौरान बुजुर्ग की मौत हो गई। फोरेंसिक व हुसेनगंज पुलिस ने साक्ष्य संकलित किए। दिवंगत के बेटे ने अपने हत्यारोपित बेटे के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। जिस पर पुलिस, हत्यारोपित की धरपकड़ को संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं।
हुसेनगंज थाने के बैरमपुर मजरे कठेरवा गांव में रहने वाले 85 वर्षीय छत्रपाल सिंह नोनिया के दो बेटे राम सिंह व जय सिंह हैं। जयसिंह पंजाब के लुधियाना में रहकर मजदूर करता है। छत्रपाल के नाम चार बीघे खेत हैं। जिसमें से एक बीघा खेत का बैनामा रामसिंह का पुत्र धर्मेंद्र सिंह अपने नाम कराना चाहता था, इसलिए आए दिन शराब के नशे में घर आकर उत्पात मचाता था। बताते हैं कि गुरुवार को देर शाम धर्मेंद्र घर आया और अपने बाबा छत्रपाल से नशे में खेत बैनामा करने को कहा। बाबा ने मना कर दिया।
बस इतने में ही पौत्र धर्मेंद्र ने डंडा उठाकर बाबा के सिर व शरीर पर कई प्रहार कर दिया और भाग निकला। घायल वृद्ध को सीएचसी ले जाकर भर्ती कराया गया जहां उनकी शुक्रवार रात मौत हो गई। दिवंगत के बेटे रामसिंह ने हत्यारोपित बेटे धर्मेंद्र सिंह पर मुकदमा दर्ज कराया है। हत्यारोपित की धरपकड़ को पुलिस नजदीकी रिश्तेदारों से जानकारी जुटा रही है।
झगड़े में जेल जा चुका है धर्मेंद्र
पिता राम सिंह ने बताया कि पुत्र धर्मेंद्र आए दिन नशा करता है और नशे में लोगों से झगड़ा व मारपीट करता है। मारपीट में पुलिस, बेटे को गिरफ्तार कर जेल भी भेज चुकी है। छोटा भाई जय सिंह लुधियाना से गांव नहीं आता है तो बेटा अपने बाबा पर एक बीघा खेत बैनामा करने का दबाव डालता था।
दूसरी शादी का दबाव डाल रहा था
इंस्पेक्टर आलोक पांडेय ने बताया कि ग्रामीण व स्वजन से पूछताछ में पता चला है कि शराबी हत्यारोपित धर्मेंद्र सिंह की पहली पत्नी छोड़कर चली गई थी। जिस पर वह अपने घर वालों पर दूसरी शादी कराने का दबाव डाल रहा था और घर वाले मना कर रहे थे। इसी से क्षुब्ध होकर उसने शराब के नशे में बाबा के सिर पर डंडे से प्रहार कर दिया जिससे उनकी इलाज दौरान मौत हो गई।

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