Fatehpur Temple Tomb Case: जोश में आकर बोला धावा, अब हो रहा पछतावा... कानून के जानकारों ने माना 'नासमझी' से बढ़ा विवाद
Fatehpur Temple Tomb Case फतेहपुर में मंदिर-मकबरा विवाद में हिंदू संगठनों की अपील पर जुटी भीड़ ने जोश में होश खोकर मकबरे में तोड़फोड़ की। पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है जिसके बाद घटना में शामिल लोग अब अपने किए पर पछता रहे हैं। विवाद बढ़ने के पीछे हिंदू नेताओं की नासमझी बताई जा रही है।
जागरण संवाददाता, फतेहपुर। बिना विचारे जो करें सो पाछे पछताय, यह पंक्तियां मंदिर मकबरा विवाद को तूल देने वाले लोगों पर सटीक बैठ रही हैं। कानून के जानकार मानते हैं कि विवाद बढ़ने के पीछे हिंदू नेताओं की नासमझी है।
बिना सोचे-समझे जोश में आकर भीड़ में शामिल लोगों ने अब्दुल समद के मकबरे में धावा बोलकर तोड़फोड़ की लेकिन जब पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर आरोपितों की तलाश शुरू की तो अब वह अपने किए कृत्य पर पछतावा कर रहे हैं। क्योंकि हिंसा से सिर्फ हिंदू ही नहीं बल्कि सर्वसमाज का नुकसान होता है और आपस में नफरत बढ़ती है।
मंदिर मठ संघर्ष समिति ने छह अगस्त को मकबरा को मंदिर बताकर डीएम रविन्द्र सिंह को ज्ञापन दिया था। डीएम ने मामले की जांच कराने का हिंदू पक्ष को आश्वासन दिया था। इसके चार दिन बाद दस अगस्त को भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल और हिंदू संगठन से जुड़े पदाधिकारियों ने इंटरनेट पर वीडियो जारी कर कर्पूरी ठाकुर चौराहे पर भीड़ जुटाने की अपील की।
इसके बाद 11 अगस्त को सुबह आठ से भीड़ जुटना शुरू हुई और 11 बजे तक संख्या एक हजार के ऊपर पहुंच गई। परिणाम क्या होगा इसकी बिना परवाह किए जोश से भरी भीड़ ने पुलिस के बैरिकेड्स धक्का मारकर गिरा दिए और मकबरे की ओर आगे बढ़ गए। वहां पहुंचकर तोड़फोड़ की और पूजा अर्चना किया।
हिंदू और मुस्लिम दोनों ही पक्षों के बीच पत्थरबाजी हुई। हालांकि बाद में पहुंचे डीएम और एसपी ने हालात काबू किया। इसके बाद पुलिस ने दस नामजद और 150 अज्ञात लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कर उनकी तलाश शुरू की। तो घटना में शामिल हिंदू पक्ष के लोग दबी जुबान बोल रहे हैं कि जोश में आकर जो किया है अब उस पर पछतावा हो रहा है।
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