Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Fatehpur Temple Mosque Dispute: बहुचर्चित मामले में आठवीं बार सुनवाई, पांच हजार जुर्माने के साथ मूल मुकदमें में वापसी

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 10:30 PM (IST)

    फतेहपुर मंदिर मस्जिद विवाद मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। अदालत ने याचिकाकर्ता पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया और मामले को मूल मुकदमे में वापस भेज दिया। यह विवाद फतेहपुर में स्थित एक मंदिर और मस्जिद से जुड़ा है, जिसका इतिहास काफी पुराना है और दोनों समुदायों के बीच जमीन को लेकर है।

    Hero Image

    आबूनगर रेडइया नई बस्ती स्थिति विवादित मंदिर-मकबरा स्थल। जागरण 

    जागरण संवाददाता, फतेहपुर। मंदिर-मकबरा प्रकरण के बहुचर्चित मामले में शुक्रवार को आठवीं बार सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में सुनवाई हुई। वादी पक्ष ने रेस्टोरेशन के मुकदमें में नए मुतवल्ली को पक्षकार बनाने के बाद बहस की थी और मूल मुकदमें को सुने जाने की बात रखी थी। विपक्ष ने तर्क रख था कि मूल मुकदमें में सुनवाई नहीं हो सकती क्योंकि वादी पक्ष यह मांग 15 साल बाद कर रहा है। कोर्ट ने शुक्रवार को वादी पक्ष पर पांच हजार का जुर्माना लगाते हुए मूल रेस्टोरेशन के मुकदमें में सुनवाई का फैसला दिया और सुनवाई के लिए अगली तिथि 12 नवंबर नियत कर दी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बता दें कि वर्ष 2010 में सिविल जज सीनियर डिवीजन ने टाइटिल सूट का फैसला सुनाते हुए असोथर के रामनरेश सिंह के नाम वाली जमीन खारिज करते हुए भूमि पर मकबरा मंगी का नाम दर्ज करने का आदेश दिया था। इस मुकदमे के खिलाफ राम नरेश सिंह ने 2011 में रेस्टोरेशन दायर किया था, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया था। रेस्टोरेशन खारिज होने के बाद वादी पक्ष ने 2014 में एडीजे की कोर्ट में अपील दाखिल की थी, जिसे स्वीकार किया गया था और मुकदमा सुनने के लिए सिविल जज सीनियर डिवीजन को पत्रावली भेजी थी।

    11 अगस्त को विवादित स्थल पर बवाल होने के बाद मुकदमे की पैरवी तेज हो गयी है और अपील की सुनवाई में मृतक मुतवल्ली अनीश की जगह नए मुतवल्ली को पक्षकार बना दिया गया। पिछली तारीख में बहस के बाद मूल रेस्टोरेशन के मुकदमें भी नए मुतवल्ली को पक्षकार बना दिया गया। वादी पक्ष से अधिवक्ता रामजी सहांय, रामशरण सिंह, व विपक्ष की तरफ से अधिवक्ता अनिल श्रीवास्तव व फिरोज खान कोर्ट में अपना अपना पक्ष रखा।

    इस प्रकरण में अब अपील को लेकर सुनवाई पूरी हो गयी है, और मूल मुकदमा रेस्टोरेशन पर सुने जाने की तिथि तय की गयी है। इससे वादी पक्ष खुश हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से कचहरी में पुलिस बल तैनात रहा, दोनों पक्षों से लोग मौजूद रहे और अधिवक्ताओं के बस्तों में बैठकर कोर्ट की कार्रवाई की जानकारी लेते रहे।

    टाइमवार्ड प्रार्थना पत्र स्वीकार के खिलाफ करेंगे अपील: विपक्ष

    विपक्ष के अधिवक्ता अनिल श्रीवास्तव व फिरोज खान ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद कहा कि सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत ने टाइम बार्ड प्रार्थना पत्र को जुर्माने के साथ स्वीकार किया है और मूल मुकदमें में सुनवाई की तिथि लगाई है। इसके खिलाफ वह जिला जज की अदालत में अपील करने की तैयारी कर रहे हैं, नए मुतवल्ली से रायशुमारी के बाद अपील दाखिल करने का निर्णय लेंगे।

    पुलिस के साथ खुफिया की भी निगरानी

    बुधवार को मंदिर-मकबरा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए एसपी अनूप सिंह ने कचहरी में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनात की थी। कलेक्ट्रेट चौकी, परिसर से लेकर दीवानी न्यायालय परिसर तक पुलिस के जवान तैनात रहे। उधर खुफिया पुलिस भी एक बस्ते से दूसरे बस्ते में बैठकर गुप्त सूचनाएं एकत्रित करती हुई नजर आई। जबकि विवादित स्थल पर अस्थाई पुलिस चौकी बनाकर पहले से ही निगरानी की जा रही है।

    जानें क्या है पूरा मामला

    आबूनगर मोहल्ले के रेडइया स्थिति पुरानी इमारत को लेकर सात अगस्त 2025 को मठ-मंदिर संरक्षण संघर्ष समिति ने डीएम रविंद्र सिंह को ज्ञापन देकर पुरानी इमारत को मंदिर बताते हुए साफ-सफाई व पूजा पाठ की अनुमति मांगी थी। प्रशासन ने अनुमति नहीं दी तो 11 अगस्त को सनातनियों का एकत्रीकरण भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल द्वारा किया गया। इसी दिन करीब 11.30 बजे तीन सौ लोगों ने पुरानी इमारत में घुसकर पूजापाठ की और यहां बनीं मजारें में तोड़फोड़ की। इस दौरान दोनों पक्ष से ईट-पत्थर चले। पुलिस ने 10 नामजद और 150 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया। हालांकि इस प्रकरण में अब तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।