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    मतांतरण के आरोप में पादरी व पुत्र समेत तीन को जेल, चर्च में लगा ताला; विहिप व बजरंगदल ने किया था हंगामा

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 09:48 AM (IST)

    फतेहपुर के देवीगंज स्थित इंडियन प्रेस विटीरियन चर्च में मतांतरण के आरोप में पादरी डेविड ग्लेडविन, उनके बेटे अभिषेक और कृष्णगोपाल विश्वास को गिरफ्तार क ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, फतेहपुर। शहर के देवीगंज स्थित इंडियन प्रेस विटीरियन चर्च में रविवार को शाम मतांतरण के आरोप में नवीन मंडी समिति गेट के समीप से हत्थे चढ़े पादरी, इनके पुत्र समेत तीन नामजद आरोपितों को सोमवार जेल भेज दिया। अब पुलिस साक्ष्य संकलन के साथ सात अज्ञात आरोपितों को चिह्नित कर धरपकड़ में जुटी हुई है और चर्च में ताला लगवा दिया है।

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    रविवार की दोपहर देवीगंज स्थित चर्चघर में बड़ी संख्या में हिंदू महिला व पुरुष प्रार्थना सभा में एकत्रित थे। चर्च में गरीब हिंदुओं को प्रलोभन देकर मतांतरण कराने आरोप लगाकर विहिप व बजरंगदल कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। पुलिस मौके पर पहुंची तो चर्च घर में ग्रामीण क्षेत्र के पचास से साठ लोग मिले।

    राधानगर पुलिस ने सदर कोतवाली के सूबेदार का पुरवा मजरे अजगवां में रहने वाले पीड़ित देवप्रकाश पासवान की ओर से चर्च के पादरी डेविड ग्लेडविन निवासी ईसाइनपुरवा, इनके पुत्र अभिषेक ग्लेडविन व कृष्णगोपाल विश्वास उर्फ केके बंगाली निवासी सुंदरनगर कालोनी वर्मा चौराहा, मूल निवासी बंगाल के नादिया जिले के शांतिपुर थाने के अद्वेता लेन व सात अज्ञात के विरुद्ध धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के साथ उ.प्र. विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने रविवार को तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया था।

    इंस्पेक्टर विनोद मौर्य ने बताया कि चर्च के पादरी, इनके पुत्र समेत तीन आरोपितों को जेल भेजा गया है। चर्च को बंद कराकर ताला लगवा दिया गया है। अब अज्ञातों को चिह्नित करने के लिए आस पास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं और शिकायतकर्ता के बयान लिए जाएंगे। कहा कि अभी बाइबिल आदि कुछ मिला नहीं है।

    पादरी बोले, मतांतरण का आरोप निराधार

    राधानगर थाने में पुलिस की पूछताछ में पादरी डेविड ग्लेडविन ने कहा कि बिना बुलाए प्रार्थना सभा में लोग आते हैं। साल का आखिरी रविवार होने की वजह से प्रार्थना सभा व सहभोज कार्यक्रम था, इसलिए महिलाएं व बच्चे आए थे। किसी को बुलाया नहीं गया और न ही किसी को बुलाया जाता है। मतांतरण के प्रयास का आरोप पूरी तरह से निराधार है।