BJP नेता संतोष द्विवेदी की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट का स्थगनादेश, 16 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
फतेहपुर के असोथर विकास खंड के सरकंडी गांव मामले में भाजपा नेता संतोष द्विवेदी को उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। न्यायमूर्ति राजीव मिश्र व सत्यवीर ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, फतेहपुर। असोथर विकास खंड के सरकंडी गांव के चर्चित मामले पर ग्राम प्रधान के पति व भाजपा नेता संतोष द्विवेदी को उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिल गई है।
न्यायमूर्ति राजीव मिश्र व सत्यवीर सिंह की दो सदस्यीय खंडपीठ ने बलवा व हत्या के प्रयास में दर्ज की गई एफआइआर की सुनवाई करते हुए भाजपा नेता की गिरफ्तारी पर अगली तिथि तक रोक लगाते हुए सुनवाई की तिथि 16 फरवरी तय की है।
पुलिस द्वारा दर्ज एफआइआर के सवालों पर कोर्ट ने शपथपत्र दाखिल करने के लिए सरकारी अधिवक्ता को चार सप्ताह व याचिकाकर्ता को दो सप्ताह का समय दिया है।
असोथर थाने के सरकंडी गांव में बीते 17 दिसंबर को राज्य वित्त एवं केंद्रीय वित्त से कराए गए विकास कार्यों की धांधली की शिकायत पर जांच अधिकारियों के सामने दो पक्षों में फायरिंग व मारपीट हो गई थी। जिस पर पुलिस ने एक पक्ष से कोटेदार सुनील तिवारी समेत 11 व दूसरे पक्ष से प्रधान पति संतोष द्विवेदी समेत 17 लोगों को नामजद किया था और दोनों पक्षों से पंद्रह अज्ञात समर्थकों को नामजद किया था।
मुकदमा बाद पुलिस ने प्रधान पक्ष से छह आरोपितों पर हत्या के प्रयास की धारा बढ़ा इन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और कोटेदार पक्ष से नौ लोगों को शांतिभंग में चालान कर दिया था।
पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआइआर व गिरफ्तारी के घोषित किए गये इनाम को लेकर भाजपा नेता ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल किया था। याचिका कर्ता की ओर से अधिवक्ता डीके सिंह ने एफआइआर में हत्या के प्रयास की धारा बाद मेंं जोड़ने पर आपत्ति जताई और कहा कि विवादित एफआइआर न केवल दुर्भावनापूर्ण है बल्कि न्यायालय की प्रक्रिया का दुरुपयोग है जिसे निरस्त किया जाना चाहिए।
सरकारी अधिवक्ता ने याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि याचिका कर्ता अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया है जिसकी तिथि 6 जनवरी लगी है ऐसे में गिरफ्तारी पर स्टे की मांग समानांतर उपाय अपनाना विधि में अनुमन्य नहीं है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।