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    KCC की लिमिट बढ़वाने बैंक आया किसान, ब्रांच मैनेजर ने रख दी ऐसी शर्त… बैंककर्मियों में मच गई हलचल, बाहर लगी भीड़

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 11:56 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में सीबीआई ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की लिमिट बढ़ाने के लिए एक किसान से 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक और उसके सहयोगी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। शिकायतकर्ता छेदालाल यादव ने आरोप लगाया कि प्रबंधक ने केसीसी की ऋण सीमा बढ़ाने के लिए रिश्वत की मांग की थी।

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    गांव संकिसा स्थित उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक। जागरण

    जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक और उसके सहयोगी को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की ऋण सीमा बढ़ाने के नाम पर खातेदार से 30 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है। 

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    इस कार्रवाई के बाद बैंक कर्मियों में हलचल मच गई। देर रात तक सीबीआई टीम की कार्रवाई जारी रही। बैंक के बाहर ग्रामीणों की भीड़ लगी रही। सीबीआई ने यह कार्रवाई बुधवार दोपहर बाद मेरापुर थाना क्षेत्र के कस्बा संकिसा बसंतपुर में की।

    यह है पूरा मामला

    केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने दोपहर बाद थाना मेरापुर क्षेत्र की नगर पंचायत संकिसा बसंतपुर स्थित उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक संकिसा शाखा में छापा मारा। टीम के साथ शिकायतकर्ता पमरखिरिया निवासी छेदालाल यादव भी थे। 

    सीबीआई टीम ने 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए शाखा प्रबंधक नारायन सिंह सोलंकी व गांव भान नगर निवासी उनके सहयोगी चंदन को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई टीम ने इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी। 

    3:30 बजे डाकघर नीबकरोरी के पोस्टमास्टर रमाकांत तिवारी को तत्काल ग्रामीण बैंक संकिसा पहुंचने के लिए कहा गया। गिरफ्तारी के बाद बैंक अधिकारियों ने किसी भी बाहरी व्यक्ति के बैंक में प्रवेश पर रोक लगा दी। 

    छापे के दौरान जो खातेदार अंदर थे, उन्हें भी वहीं रोक लिया गया। केवल पोस्टमास्टर को अंदर जाने की अनुमति दी गई। छेदालाल यादव ने सीबीआई लखनऊ में शिकायत दर्ज कराई थी कि केसीसी की ऋण सीमा 2.40 लाख से छह लाख करने के लिए शाखा प्रबंधक ने एक निजी व्यक्ति के माध्यम से 30 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। 

    मंगलवार को मामला दर्ज कर सीबीआई टीम ने छापेमारी की रणनीति बनाई। जानकारी के अनुसार टीम 11 बजे ही संकिसा पहुंच गई थी। टीम के एक-दो सदस्य कई बार बैंक के अंदर गए और बाहर आए, लेकिन किसी को छापे की भनक नहीं लग पाई। 

    दो बजे के बाद बैंक में लेनदेन का काम बंद हो गया। इसी के बाद प्रबंधक ने शिकायतकर्ता को रिश्वत लेने के लिए अंदर बुलाया था। उनके साथ ही सीबीआई की टीम भी अंदर पहुंच गई और प्रबंधक व निजी कर्मी को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। देर रात तक जांच जारी रही। 

    बताया गया है कि नीबकरोरी पोस्टमास्टर को सरकारी गवाह बनाने के लिए बुलाया गया है। कार्रवाई के दौरान देर शाम तक बैंक के बाहर भीड़ लगी रही। सीबीआई अधिकारियों ने स्थानीय स्तर पर कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया।

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