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    फर्रुखाबाद में ग्राम प्रधान पर कार्रवाई को लेकर सांसद-विधायक आमने-सामने, दोबारा जांच के निर्देश

    Updated: Thu, 22 May 2025 05:44 PM (IST)

    फर्रुखाबाद में ग्राम प्रधान पर कार्रवाई को लेकर सांसद और विधायक आमने-सामने आ गए हैं। विधायक की शिकायत पर ग्राम प्रधान के अधिकार निलंबित कर दिए गए जबकि सांसद ने दोबारा जांच की मांग की है। विधायक ने दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। जांच समिति गठित की गई है जिसकी रिपोर्ट के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

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    ग्राम प्रधान पर कार्रवाई को लेकर सांसद-विधायक आमने-सामने

    जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद। विकास खंड कायमगंज की ग्राम पंचायत बिल्हा के ग्राम प्रधान के प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार सीज किए जाने को लेकर जिले की राजनीति गरमा गई है। इस मुद्दे पर सांसद मुकेश राजपूत और कायमगंज विधायक डा. सुरभि आमने-सामने आ गए हैं।

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    जहां विधायक कायमगंज डा. सुरभि की शिकायत पर हुई जांच में अनियमितताओं के चलते जिलाधिकारी ने विगत 30 अप्रैल को ग्राम प्रधान बिल्हा अरविंद कुमार के अधिकार तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए थे, वहीं अब सांसद मुकेश राजपूत ने डीएम को लिखे पत्र में सांसद ने ग्राम प्रधान का पक्ष रखते हुए कहा है कि विकास हित में इस मामले की एक बार फिर किसी सक्षम और निष्पक्ष उच्चाधिकारी से जांच कराई जाए और उसके बाद ही नियमानुसार कार्रवाई की जाए।

    वहीं विधायक ने डीएम को दोबारा पत्र भेजकर केवल अधिकार सीज करने को अपर्याप्त बताते हुए ग्राम प्रधान और अन्य दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि सार्वजनिक धन की बंदरबांट करने वालों को कानूनी सजा मिलनी चाहिए।

    पंचायतीराज अधिनियम के तहत प्राथमिक जांच के बाद उच्च स्तरीय जांच फिर कराई जाती है। इसके लिए जांच समिति जिलाधिकारी की ओर से गठित कर दी गई है। इस जांच रिपोर्ट के बाद ही प्रधान पर बर्खास्तगी या बहाली पर निर्णय लिया जा सकता है। यदि बर्खास्तगी हो जाती है तभी एफआइआर कराई जा सकती है। - राजेश चौरसिया, जिला पंचायतराज अधिकारी।

    यह है मामला

    विधायक डा. सुरभि की दो वर्ष पुरानी शिकायत पर बनी जांच समिति ने पाया था कि वर्ष 2019-20 से 2022-23 के बीच ग्राम पंचायत बिल्हा में मनरेगा और पंचायत निधि से कराए गए कुल 6.29 करोड़ रुपये के कार्यों में अनियमितताएं की गई।

    समिति की जांच रिपोर्ट में 66.72 लाख रुपये की मनरेगा मद और 17.08 लाख रुपये की पंचायत निधि मद से हुए भुगतानों को अपव्ययी और अमानक कार्य बताते हुए ग्राम प्रधान अरविंद कुमार समेत पूर्व प्रधान, तीन पंचायत सचिवों और एक अवर अभियंता को जिम्मेदार ठहराया गया। डीएम के आदेश पर ग्राम प्रधान से 3,08,599.50 की वसूली तय की गई और सभी प्रशासनिक व वित्तीय अधिकार निलंबित कर दिए गए।