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    फर्रुखाबाद में खाद की किल्लत से किसान परेशान, प्रभावित हो रही है गेहूं व तंबाकू की बोआई

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 06:13 PM (IST)

    फर्रुखाबाद में खाद की कमी से किसान परेशान हैं, जिससे गेहूं और तंबाकू की बुवाई प्रभावित हो रही है। खाद की किल्लत ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, और समय पर खाद न मिलने से फसल की पैदावार पर असर पड़ने की आशंका है। किसानों को डर है कि अगर जल्द ही खाद उपलब्ध नहीं हुई, तो उनकी फसलें खराब हो सकती हैं।

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    संवाद सहयोगी, जागरण,  कायमगंज(फर्रुखाबाद)।  इन दिनों खेतों में गेहूं व तंबाकू की फसल की बोआई की तैयारी चल रही है। ऐसे में खाद की किल्लत से किसान परेशान है। खाद पाने को किसान भोर अंधेरे में ही बंद इफको केंद्र के बाहर जमा होने लगते हैं। 

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    कायमगंज के कंपिल बाईपास रोड स्थित इफको केंद्र पर सोमवार सुबह करीब साढ़े छह बजे केंद्र तो बंद था, लेकिन बंद केंद्र के बाहर भी किसान अपना शुरुआती नंबर लगाने के लिए बैठे मिले। किसानों ने बताया कि प्राइवेट दुकानों पर तो ब्लैक में खाद मिलती है। सहकारी समितियों पर उनके सदस्य किसानों को ही खाद मिल पाती है। जबकि इफको केंद्र पर क्षेत्र के सभी किसानों को खाद मिल जाती है।

     

    गांव इजौर उलियापुर के वेद कुमार व अठसैनी पहाड़पुर के गुड्डू राठौर ने बताया कि यूरिया का निर्धारित रेट 266.50 रुपये है। प्राइवेट दुकानों पर इसे 400 रुपये में बेचा जा रहा है। कोई किसान कंट्रोल रेट की बात कहता है तो उसे 270 रुपये में देने के साथ 500 रुपये कीमत का एक केमिकल का थैला भी थमाया जाता है। अब बोआई के लिए डीएपी व पहले बोई जा चुकी अगैती फसलों के लिए यूरिया खाद की जरूरत है। इन दोनों ही किस्म की रासायनिक खादों की किल्लत से किसान परेशान है।

     

    गांव मझोला में बांकेलाल अपनी चार बीघा खेत में गेहूं की बोआई करते मिले। उन्होंने बताया कि बहुत ही मुश्किल से एक बोरी डीएपी मिल सकी, उसे खेतों में लगाकर गेहूं की बोआई कर रहे हैं। इफको केंद्र प्रभारी सुधीर कुमार को चार बार फोन मिलाया, लेकिन फोन नहीं उठा। इसके बाद मैसेज भी किया।



    ‘10 बीघा खेत में गेहूं की बोआई करनी है, जिसके लिए डीएपी खाद की बहुत जरूरत है। प्राइवेट दुकानों पर नहीं मिल पा रही। इसलिए इफको केंद्र पर सबसे पहले सुबह साढ़े चार बजे आ गए थे। इसलिए उम्मीद है कि खाद मिल जाएगी।’
    - बालिस्टर, गांव लुधईया।

    ‘आलू की फसल के लिए यूरिया खाद की जरूरत है। बुढ़ापे के बावजूद खाद पाने के लिए उन्हें सुबह करीब पांच बजे इसलिए आना पड़ा, क्योंकि खेती के इंतखाब में उनका व उनके पुत्र झब्बूलाल दोनों का नाम है। इसलिए मशीन में अंगूठा लगाने के लिए उन्हें भी आना पड़ा।’
    - शीला देवी, गांव अल्लापुर।

    ‘30 बीघा खेत में आलू व तंबाकू की बोआई करनी है। जिसके लिए पर्याप्त मात्रा में डीएपी खाद की जरूरत है। बाजार में दुकानों पर डीएपी मिल नहीं रही, इसलिए इफको केंद्र पर सुबह साढ़े चार बजे आकर लाइन में दूसरे नंबर पर लग गए है। यदि केंद्र पर खाद उपलब्ध हुई तो आज खाद मिल जाने की आशा है।’
    - शरद यादव, नगला कोठी।

    ‘पांच बीघा खेत में आलू और गेहूं की फसल में लगाने के लिए के लिए पांच बोरी यूरिया खाद की जरूरत है। उनकी खेती उनके व उनके पुत्र अनिरुद्ध के नाम से है। इसलिए खाद पाने के लिए मशीन में उनका अंगूठा भी लगेगा। इसलिए सुबह छह बजे यहां आ गए थे।’
    - विद्या देवी, गांव भोगपुर।