अस्पताल में शिशुओं की मौत पर एडी हेल्थ बोले पूरे यूपी में फर्रुखाबाद जैसे हालात
अपर स्वास्थ्य निदेशक ने डाक्टरों के खिलाफ एफआइआर को जल्दबाजी का निर्णय बताया और कहा कि पूरे प्रदेश में फर्रुखाबाद जैसी ही स्थिति है।
फर्रुखाबाद (जेएनएन)। पहले गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज और अब फर्रुखाबाद के अस्पताल में बच्चों की मौत से स्वस्थ्य महकमा पल्ला झाड़ रहा है। उसने साफ कर दिया है कि पूरे प्रदेश में कमोबेश हालात एक से हैं। फर्रुखाबाद के लोहिया अस्पताल में शिशुओं की मौत के मामले में जांच को आए स्वास्थ्य निदेशक व अपर स्वास्थ्य निदेशक ने भी चिकित्सकों को क्लीन चिट दे दी। उन्होंने डीएम की ओर से डाक्टरों के खिलाफ एफआइआर की कार्रवाई को जल्दबाजी में लिया गया निर्णय बताया। उन्होंने कहा कि डाक्टरों और स्टाफ की कमी के चलते पूरे प्रदेश में फर्रुखाबाद जैसी ही स्थिति है। उन्होंने विगत 15 दिनों में 17 और शिशुओं की मौत की पुष्टि भी की।आज लखनऊ से आए स्वास्थ्य निदेशक डा. हुकुम केश ने लोहिया अस्पताल पहुंच कर जांच की। उनके साथ अपर स्वास्थ्य निदेशक, कानपुर ओपी विश्वकर्मा भी मौजूद रहे। कई घंटों तक स्थलीय निरीक्षण, अभिलेखों की जांच, विभागीय अधिकारियों व स्टाफ से वार्ता के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने पत्रकारों के सामने चिकित्सकों को क्लीन चिट दे दी।
यह भी पढ़ें: यूपी के अस्पतालों में बच्चों की सामूहिक मौत से त्राहिमाम् के हालात : राजबब्बर
फर्रुखाबाद में एक माह में 49 बच्चों की मौत के आंकड़े के बारे में पूछे जाने पर अपर निदेशक ने स्वीकार किया कि प्रदेश में सभी जगह यही हालात हैं। 21 अगस्त से चार सितंबर के बीच एसएनसीयू में 11 और प्रसव कक्ष में छह और शिशुओं की मौत हुई है। जिन बच्चों की मौत हुई है, उनमें से अधिकांश दूसरे अस्पतालों व नर्सिंग होम से रेफर होकर आए थे। उनकी हालत पहले से ही काफी खराब थी। लोहिया अस्पताल के आसपास लगभग सौ अवैध नर्सिंग होम संचालित होने व सरकारी डाक्टरों के इनमें सेवाएं दिए जाने के सवाल पर कहा कि इस मामले में सीएमओ को कार्रवाई के निर्देश दिए जाएंगे।
यह भी पढ़ें: कैबिनेट का फैसला: शिक्षामित्रों को 10000 रुपये मानदेय और भी बहुत कुछ