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    Anupam Dubey: कौन हैं अनुपम दुबे, दर्ज हैं 63 संगीन मुकदमे; कुर्क हो चुकी 113 करोड़ की संपत्ति

    By Swati SinghEdited By: Swati Singh
    Updated: Fri, 08 Dec 2023 09:08 AM (IST)

    Anupam Dubey माफिया घोषित अनुपम दुबे के दरबार में कभी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी हाजिरी लगाते थे। माफिया का एक फोन आने पर अधिकारी उसकी चौखट पर पहुंचकर सलामी देते थे। माफिया का रुतबा इस कदर हावी था कि अधिकारी और कर्मचारी गलत कार्य करने से भी मना नहीं कर पाते थे। अनुपम दुबे पर 63 अपराधिक मामले दर्ज हैं।

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    कौन हैं अनुपम दुबे, दर्ज हैं 63 संगीन मुकदमे

    जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद। प्रदेश स्तर पर जारी माफिया की टॉप-10 सूची में तीसरे नंबर पर माफिया अनुपम दुबे के खिलाफ वर्तमान में संगीन धाराओं के 63 मुकदमे और भी विचाराधीन हैं। इसमें पीडब्ल्यूडी ठेकेदार शमीम खान की हत्या का मुकदमा भी न्यायालय में विचाराधीन है। गवाहों से जिरह हो चुकी है। सुनवाई की अगली तारीख 14 फरवरी 2024 को नियत है।

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    13 जुलाई 2021 से पुलिस ने इस माफिया पर नकेल कसना शुरू कर दिया। हत्या, लूट, अपहरण, रंगदारी जैसे संगीन अपराधों के आरोपित माफिया अनुपम दुबे के खिलाफ पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए इसका गैंग डी-47 के नाम से पंजीकृत किया है।

    113 करोड़ की संपत्ति हुई कुर्क

    अब तक पुलिस और प्रशासन उसकी 113 करोड़ रुपये कीमत की संपत्ति कुर्क कर चुका है। उसमें ठंडी सड़क पर तालाब और बंजर जमीन पर कब्जा कर बनाए गए आलीशान होटल को भी ध्वस्त करवा दिया है। अन्य संपत्तियों को भी खंगाला जा रहा है।

    1987 में दर्ज हुआ था पहला मुकदमा

    फतेहगढ़ के मुहल्ला कसरट्टा निवासी माफिया अनुपम दुबे के खिलाफ पहला मुकदमा वर्ष 1987 में मारपीट का दर्ज हुआ था। 20 जून 1991 में मैनपुरी के थाना बेवर में ओमकार सिंह यादव की हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। उसमें अनुपम दुबे और उसका साथी नेमकुमार उर्फ बिलैया भी आरोपित था।

    उसके बाद 12 जून 1992 को फतेहगढ़ के करन सिंह कटियार पर जानलेवा हमला तो अनुपम दुबे और उसके साथी बिलैया का नाम आया। उसके बाद 04 अगस्त 1994 में करन सिंह कटियार की कानपुर स्वरूप नगर थाना क्षेत्र में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसमें भी इन दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

    चलती ट्रेन में इंस्पेक्टर को गोलियों से भूना था

    उसके बाद अनुपम दुबे ने 14 मई 1996 इंस्पेक्टर हत्याकांड को अंजाम दिया। उसके बाद से अनुपम दुबे रौब बढ़ता गया। उसका खौफ इतना हो गया कि कई घटनाओं में नाम आया, लेकिन खौफजदा पीड़ितों ने मुकदमा तक दर्ज नहीं कराया। कुछ मुकदमे दर्ज भी कराए गए, लेकिन बाद में लोग गवाही से मुकर गए। कई मामलों में पुलिस ने अपनी फाइनल रिपोर्ट लगाते हुए अनुपम दुबे को क्लीन चिट दे दी थी।

    अनुपम दुबे से दिखाई थी अपनी धौंस

    अनुपम दुबे ने न्यायालय में अपनी धमक बनाने के लिए वकालत का पेशा भी अपनाया और बार एसोसिएशन में दखल देते हुए बार एसोसिएशन की चुनाव समिति सदस्य और बाद में संरक्षक बन गया। उसकी हनक ऐसी थी कि पीडब्ल्यूडी, आरईएस, बिजली समेत कई विभागों में ठेकेदारी उसी के गुर्गे करते थे। 11 जुलाई 2021 को इंस्पेक्टर हत्याकांड में जीआरपी कुर्की के लिए आई थी। उसके बाद 13 जुलाई को एक जानलेवा हमले के मामले में अनुपम दुबे ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था।

    आत्मसमर्पण के बाद कार्रवाई हुई थी तेज

    अनुपम दुबे के आत्मसमर्पण के बाद से पुलिस कार्रवाई तेज हो गई। कई पुराने मामलों में मुकदमे दर्ज कराए गए। इसके बाद पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत माफिया की 113 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की। इसके अलावा 16 अक्टूबर 2023 को अनुपम दुबे का आलीशान होटल गुरुशरणम पैलेस को पूरी तरह से ध्वस्त करा दिया गया था। यह होटल तालाब और बंजर की जमीन पर कब्जा कर बनाया गया था।

    बाहुबली के भाईयों पर कसेगी नकेल

    पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने बताया कि माफिया अनुपम की और संपत्ति की जांच की जा रही है। माफिया का एक भाई बब्बन हरदोई जेल में, दूसरा डब्बन फरार माफिया अनुपम दुबे के धंधों में उसके भाई भी शामिल थे। इस कारण उसका एक पूर्व ब्लाक प्रमुख भाई अमित दुबे बब्बन हरदोई जेल में बंद है। दूसरा भाई अनुराग दुबे ‘डब्बन’ और अभिषेक दुबे ‘जीतू’ फरार चल रहे हैं। इसमें अनुराग दुबे डब्बन पर पुलिस ने 50 हजार का इनाम भी घोषित कर रखा है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के प्रयास में कई स्थानों पर छापेमारी कर रही है।

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